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सोलह साल की उम्र में जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की कहानी - Freedom Fighter Avtar Singh

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आज हम आपको ऐसे स्वतंत्रता सेनानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने महज सोलह साल की उम्र में आंदोलन में हिस्सा लिया.जिसके बाद उन्हें जेल में डाला गया.

Story of a freedom fighter who went to jail at the age of sixteen
सोलह साल की उम्र में जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की कहानी
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Published : Aug 12, 2022, 1:09 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 1:19 PM IST

रायपुर : देशभर में आजादी के 75वीं वर्षगांठ (azadi ka amrit mahotsav) के मौके पर आजादी अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, देश को आजाद कराने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी .आज भी हमारे बीच ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौजूद हैं . इसी कड़ी में पंजाब से रायपुर पहुंचे 94 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह राठौर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत (Saluting Bravehearts) की.

सोलह साल की उम्र में जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की कहानी
सवाल-देश के स्वतंत्रता आंदोलन में आपने कब भाग लिया? जवाब-
जब स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Independence Day) चल रहा था, उस दौरान कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा था.उस कांग्रेस अधिवेश में महात्मा गांधी समते बड़े नेताओं ने भारत छोड़ो की आवाज लगाई. और भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ . उस समय मेरी उम्र 16 साल थी. मेरा जन्म पाकिस्तान के धरमपुरा में हुआ था. उस समय मैं कोर्टअद्दू स्कूल में कक्षा नवमी में पढ़ाई करता था. उस समय भारत छोड़ो आंदोलन बड़े रूप में था. उस समय पाकिस्तान और हिंदुस्तान का कोई अलग भाव नही था. सभी मिलकर रहते थे. उस हम लोगों ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और पुलिस ने मेरे साथ मेरे साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया. वहां से गिरफ्तार कर हमें सेंट्रल जेल लाहौर लाया गया. सेंट्रल जेल लाहौर में हमें 1 साल तक रखा (freedom fighter of india) गया.



उम्र बढ़ाकर बड़े लोगो के जेल में रखा गया : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह ने बताया कि " जब मुझे और मेरे साथियों को गिरफ्तार किया उस समय हम सभी नाबालिग थे. 18 से कम उम्र के बच्चों को अलग से रखा जाता था.लेकिन हमारी उम्र 2 साल बढ़ा कर बाकी कैदियों के साथ रखा गया था.''



अंगेजो ने अपनी चाल चलकर देश का बंटवारा कराया : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह (Freedom Fighter Avtar Singh) ने बताया" 15 अगस्त जब हमारा देश आजाद हुआ. लेकिन उस दौरान अंग्रेजों ने हमारे नेताओं में फुट डाल दी. उस दौरान बटवारे में लाखो लोग मारे गए .किसी का भाई मर गया, किसी की बहन ,किसी का पूरा परिवार मर गया. बंटवारे के दौरान हमने भी अपने परिवार को खोया है, जो हमारे अपने मुसलमान भाई थे. वह भी हमारे दुश्मन बन गए थे. जब भी वह मंजर याद आते ही रूह कांप उठती है. लाखों लोगों की उस समय जान गई थी.''


अपने ही देश में हम रिफ्यूजी हो गए : पाकिस्तान से जब हम अमृतसर आए तब हमें रिफ्यूजी कैंप पर रखा गया था. हमें इधर से उधर अलग-अलग कैंप में रखा गया.एक महीने बाद मेरे अपने लोग मुझे मिले. एक दूसरे को ढूंढते हुए सब धीरे धीरे इकट्ठे होते चले गए. जहां ज्यादा मुसलमान थे. वहां हमें बसाया गया. वैसे जो यहां से पाकिस्तान गए उनका भी कत्लेआम हुआ है. दोनों तरफ से बड़ी संख्या में कत्लेआम (The PathBreakers ) हुआ.''




नशा आज के समय में देश की समस्या बन गया : सेनानी अवतार सिंह ने कहा कि "तब और अब का समय बहुत बदल गया है. आज के समय में नशा सभी राज्यों की समस्या बन गया है. नशे में जो नौजवान बच्चे है सब गलत काम करते हैं."



आजादी का अमृत महोत्सव मनना खुशी की बात : अवतार सिंह ने बताया कि "आजादी का हम 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. यह बड़ी खुशी की बात है. सभी देशवासियों को गौरव होना चाहिए कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल (Achievements75) हो गए हैं"

सरकार देती है यह सुविधाएं : अवतार सिंह ने बताया कि " पंजाब सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के लिए बहुत सी सुविधाएं देती है. हमारे बच्चों को भी पहचान पत्र मिले हुए हैं. जिसमें पंजाब सरकार का होलोग्राम लगा हुआ है. इससे वे पंजाब सरकार की बसों और बाहर में सफर कर पाते हैं. पहले पंजाब सरकार ने 300 यूनिट बिजली स्वतंत्रता संग्राम के लिए कर रखी थी. लेकिन पिछले महीने से स्वतंत्रता संग्राम के बच्चों को भी 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त में सरकार दे रही है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के बच्चों को लेकर हम सरकार से मांग करेंगे कि बच्चों के नौकरी के लिए आरक्षण बढ़ाया जाए ताकि सेनानी परिवार के बच्चों को भी नौकरी मिल सके."




युवा नशे से दूर रहे : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह ने युवाओं से अपील की है कि नशे से युवा दूर रहे. और अपने दोस्तों रिश्तेदारों को नशे से बचाए. पढ़ाई के साथ स्पोर्ट्स में भी आगे बढ़े. अगर पढ़ाई नहीं हो पा रही है तो अपने माता पिता के साथ खेती में सहयोग करो. पशुधन रखकर दूध बेचो, अच्छा गुजारा करो, लेकिन नशे से दूर रहो.

रायपुर : देशभर में आजादी के 75वीं वर्षगांठ (azadi ka amrit mahotsav) के मौके पर आजादी अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, देश को आजाद कराने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी .आज भी हमारे बीच ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौजूद हैं . इसी कड़ी में पंजाब से रायपुर पहुंचे 94 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह राठौर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत (Saluting Bravehearts) की.

सोलह साल की उम्र में जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की कहानी
सवाल-देश के स्वतंत्रता आंदोलन में आपने कब भाग लिया? जवाब- जब स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Independence Day) चल रहा था, उस दौरान कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा था.उस कांग्रेस अधिवेश में महात्मा गांधी समते बड़े नेताओं ने भारत छोड़ो की आवाज लगाई. और भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ . उस समय मेरी उम्र 16 साल थी. मेरा जन्म पाकिस्तान के धरमपुरा में हुआ था. उस समय मैं कोर्टअद्दू स्कूल में कक्षा नवमी में पढ़ाई करता था. उस समय भारत छोड़ो आंदोलन बड़े रूप में था. उस समय पाकिस्तान और हिंदुस्तान का कोई अलग भाव नही था. सभी मिलकर रहते थे. उस हम लोगों ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और पुलिस ने मेरे साथ मेरे साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया. वहां से गिरफ्तार कर हमें सेंट्रल जेल लाहौर लाया गया. सेंट्रल जेल लाहौर में हमें 1 साल तक रखा (freedom fighter of india) गया.



उम्र बढ़ाकर बड़े लोगो के जेल में रखा गया : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह ने बताया कि " जब मुझे और मेरे साथियों को गिरफ्तार किया उस समय हम सभी नाबालिग थे. 18 से कम उम्र के बच्चों को अलग से रखा जाता था.लेकिन हमारी उम्र 2 साल बढ़ा कर बाकी कैदियों के साथ रखा गया था.''



अंगेजो ने अपनी चाल चलकर देश का बंटवारा कराया : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह (Freedom Fighter Avtar Singh) ने बताया" 15 अगस्त जब हमारा देश आजाद हुआ. लेकिन उस दौरान अंग्रेजों ने हमारे नेताओं में फुट डाल दी. उस दौरान बटवारे में लाखो लोग मारे गए .किसी का भाई मर गया, किसी की बहन ,किसी का पूरा परिवार मर गया. बंटवारे के दौरान हमने भी अपने परिवार को खोया है, जो हमारे अपने मुसलमान भाई थे. वह भी हमारे दुश्मन बन गए थे. जब भी वह मंजर याद आते ही रूह कांप उठती है. लाखों लोगों की उस समय जान गई थी.''


अपने ही देश में हम रिफ्यूजी हो गए : पाकिस्तान से जब हम अमृतसर आए तब हमें रिफ्यूजी कैंप पर रखा गया था. हमें इधर से उधर अलग-अलग कैंप में रखा गया.एक महीने बाद मेरे अपने लोग मुझे मिले. एक दूसरे को ढूंढते हुए सब धीरे धीरे इकट्ठे होते चले गए. जहां ज्यादा मुसलमान थे. वहां हमें बसाया गया. वैसे जो यहां से पाकिस्तान गए उनका भी कत्लेआम हुआ है. दोनों तरफ से बड़ी संख्या में कत्लेआम (The PathBreakers ) हुआ.''




नशा आज के समय में देश की समस्या बन गया : सेनानी अवतार सिंह ने कहा कि "तब और अब का समय बहुत बदल गया है. आज के समय में नशा सभी राज्यों की समस्या बन गया है. नशे में जो नौजवान बच्चे है सब गलत काम करते हैं."



आजादी का अमृत महोत्सव मनना खुशी की बात : अवतार सिंह ने बताया कि "आजादी का हम 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. यह बड़ी खुशी की बात है. सभी देशवासियों को गौरव होना चाहिए कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल (Achievements75) हो गए हैं"

सरकार देती है यह सुविधाएं : अवतार सिंह ने बताया कि " पंजाब सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के लिए बहुत सी सुविधाएं देती है. हमारे बच्चों को भी पहचान पत्र मिले हुए हैं. जिसमें पंजाब सरकार का होलोग्राम लगा हुआ है. इससे वे पंजाब सरकार की बसों और बाहर में सफर कर पाते हैं. पहले पंजाब सरकार ने 300 यूनिट बिजली स्वतंत्रता संग्राम के लिए कर रखी थी. लेकिन पिछले महीने से स्वतंत्रता संग्राम के बच्चों को भी 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त में सरकार दे रही है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के बच्चों को लेकर हम सरकार से मांग करेंगे कि बच्चों के नौकरी के लिए आरक्षण बढ़ाया जाए ताकि सेनानी परिवार के बच्चों को भी नौकरी मिल सके."




युवा नशे से दूर रहे : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवतार सिंह ने युवाओं से अपील की है कि नशे से युवा दूर रहे. और अपने दोस्तों रिश्तेदारों को नशे से बचाए. पढ़ाई के साथ स्पोर्ट्स में भी आगे बढ़े. अगर पढ़ाई नहीं हो पा रही है तो अपने माता पिता के साथ खेती में सहयोग करो. पशुधन रखकर दूध बेचो, अच्छा गुजारा करो, लेकिन नशे से दूर रहो.

Last Updated : Aug 12, 2022, 1:19 PM IST
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