रायपुर: राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है. जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने भी अमित जोगी के नामांकन को खारिज कर दिया है. अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने के बाद प्रदेश में राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. इस मामले को लेकर एक ओर जनता कांग्रेस और भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर अमित जोगी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. तो वहीं कांग्रेस ने इसे एक वैधानिक प्रक्रिया बताया है.
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 20-25 साल से छानबीन समितियां जाति के मामले को लेकर निर्णय देती रही है. लेकिन कई बार न्यायालय के माध्यम से इस पर स्टे दे दिया गया. तो कभी छानबीन समिति के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया गया. छानबीन समिति के निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी गई. चौबे ने कहा कि छानबीन समिति अपना काम करती है, न्यायालय अपना काम करती है. इस केस में भी निर्णय को लेकर कोर्ट में अपील की जा सकती है.
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छानबीन समिति के द्वारा अमित जोगी को सूचना न भेजे जाने को लेकर रविन्द्र चौबे ने कहा कि यह एक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई है और यदि अमित जोगी को इसकी जानकारी नहीं थी तो वह फिर न्यायालय में इस मामले को लेकर कैसे गए.
दर्ज हो सकती है FIR
बता दें कि मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जोगी परिवार ने खुद को कंवर जनजाति दर्शाते हुए अभी तक सारे चुनाव लड़े हैं. अब अमित और ऋचा की जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने से ये साबित होता है कि अबतक, आरक्षित मरवाही सीट से चुनाव लड़कर जोगी परिवार ने अपराध किया है. इस अपराध के कारण अमित जोगी पर FIR दर्ज हो सकती है.