रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर एक बार फिर से राजनीति तेज हो गई है. भूपेश सरकार की ओर से 1 दिसंबर से धान खरीदी की बात की जा रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी लगातार 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर रही है. इतना ही नहीं बीते 10 नवंबर से धान खरीदी की मांग को लेकर प्रदेश के किसान संगठनों ने भी चक्का जाम करके अपना विरोध जताया है. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने आज बारदाने की कमी का हवाला देते हुए धान खरीदी में देरी होने का कारण बताया हैं. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने उनके इस बयान को केवल बहाना बताया है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बारदाना की कमी केवल एक बहाना है. जितना बारदाना इनके पास है, उससे धान खरीदी की शुरुआत की जा सकती है. धान खरीदने के बाद स्टेकिंग प्वाइंट संग्रहण केंद्र में होने की जरूरत नहीं है. यह सोसाइटी में ही सीधा खरीदी के लिए भेज सकते हैं और ऐसी ही पिछली परंपरा भी रही है. इतने सालों में कभी बारदाने की शॉर्टेज के चलते धान खरीदी में देरी नहीं हुई है. जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई है बोरे की शॉर्टेज आ रही है.
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नेता प्रतिपक्ष का भूपेश सरकार पर हमला
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जितने बारदाने हैं चाहे वह पीडीएस का हो या फिर स्कूलों में चावल सप्लाई के लिए दिया गया बारदाना हो. इससे ही धान खरीदी शुरू की जा सकती है. वैसे भी 1 महीने में ही 85 लाख मैट्रिक टन की धान खरीदी नहीं होती है. फरवरी तक धान खरीदी का समय है.