रायपुरः छत्तीसगढ़ में सन 1998 से नियुक्त एलबी संवर्ग के शिक्षकों की संख्या 14 हजार है, जो 1998 से 2018 तक पंचायत विभाग के अधीन रहते हुए शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इनके सेवा कार्य के आधार पर इन्हें 2018 में शिक्षा विभाग (education Department) में संविलियन कर दिया गया, लेकिन आज तक इन्हें पुरानी पेंशन ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसको लेकर शिक्षकों ने सरकार से नाराजगी जताई है. इसको लेकर प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ कई बार शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंप चुका है. बावजूद इसके पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
एलबी संवर्ग के कई शिक्षक सेवानिवृत्त होने के साथ ही असामयिक मृत्यु हुई है, लेकिन आज तक पुरानी पेंशन ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल पाया. प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि सरकार इस दिशा में कोई ठोस और कारगर पहल करे.
नई पेंशन योजना से जोड़ना उचित नहीं
प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के अध्यक्ष चंद्रभानू मिश्रा ने बताया कि वन नेशन, वन पेंशन के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी की नेशनल पेंशन सिस्टम एनपीएस छत्तीसगढ़ में लागू है. ये उन लोगों के लिए लागू है, जो 2004 के बाद ज्वाइंनिंग किए हैं और राज्य शासन मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं 1998 से शिक्षा विभाग में नियमित सेवा प्रदान करने वाले 14 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना बहाल न करके नई पेंशन योजना एनपीएस से जोड़ना उचित नहीं है. 2004 के पहले के सभी कर्मचारियों पर किसी भी दृष्टिकोण से नई पेंशन योजना लागू नहीं किया जा सकता.
अन्य विभाग के कर्मचारियों को मिल रहा लाभ
छत्तीसगढ़ में साल 2004 के पहले नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे जल संसाधन,वन विभाग की दैनिक वेतन भोगी आकस्मिक और कार्यभारित निधि से नियुक्त अस्थाई कर्मचारियों को नियमितीकरण पश्चात पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है,ऐसे में एलबी संवर्ग के शिक्षकों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति सरकार क्यों अपना रही है, जो प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के समझ से परे है.
धीमी गति से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती (teacher recruitment in chhattisgarh) का इंतजार करते-करते अब सूची में चयनित अभ्यर्थियों के सामने कई तरह की दिक्कतें आ रही है. शिक्षक भर्ती मामले में छत्तीसगढ़ में लगातार विवाद का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) के विभिन्न वर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है. इसे लेकर आवेदक पिछले 2 साल से इंतजार कर रहे हैं. शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 9 मार्च 2019 को जारी हुआ था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी व्याख्याताओं (lecturer) के केवल 2 हजार 600 पदों पर ही नियुक्ति हो पाई है. अभी भी बाकी पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाने को लेकर अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है. यही नहीं कई अभ्यर्थी तो इतने मायूस हो चुके हैं कि अब वो खेती किसानी और मजदूरी भी करने लगे हैं. विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर लगातार भूपेश सरकार पर हमलावर है.समय-समय पर अभियार्थी और विपक्ष के नेता लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहे हैं.