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Highway पर स्पीड रडार मशीन रखेगी नजर, तैयार हुआ ट्रैफिक पुलिस का नया प्लान

रायपुर में यातायात पुलिस, सड़क हादसों को कम करने के लिए नये-नये तरीके अपना रही है, ताकि हादसों से मरने वालों के आंकड़े कम किया जा सके. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस अब स्पीड रडार मशीन की मदद ले रही है. जिससे ओवर स्पीडिंग पर फौरन कार्रवाई की जा सके.

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Published : Sep 15, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 4:02 PM IST

speed radar machine
स्पीड रडार मशीन

रायपुर: राजधानी रायपुर में ओवर स्पीडिंग (over speeding in raipur) की वजह से लगातार सड़क हादसों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन हाईवे में ओवर स्पीडिंग के कारण दुर्घटनाएं होती है. इस पर लगाम और हादसों को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस (traffic police) स्पीड रडार मशीन का इस्तेमाल करती है. हाईवे पर अक्सर ओवर स्पीडिंग के मामले देखे जाते हैं. इसलिए ट्रैफिक पुलिस हाईवे में ही ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई (Action on over speeding) करती है. रायपुर के 2 थानों के गाड़ियों में स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) लगाई गई है. जिसके माध्यम से ट्रैफिक पुलिस ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई करती है.

Highway पर स्पीड रडार मशीन रखेगी नजर

स्पीड रडार मशीन 500 मीटर दूर से गाड़ियों की स्पीड कर लेती है मेजर

ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर (Traffic DSP Satish Singh Thakur) ने बताया कि वर्तमान में रायपुर यातायात पुलिस के पास दो थाने की गाड़ियों में स्पीड रडार मशीन है. जो कि टाटीबंध और भनपुरी को उपलब्ध कराया गया है. यह स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) को फोर व्हीलर गाड़ी में लगाया गया है. हाईवे में अक्सर तेजी से गाड़ियां चलती है. ऐसे में अगर कोई गाड़ी ओवर स्पीड में है, तो 500 मीटर से स्पीड रडार मशीन की मदद से गाड़ी की स्पीड मेजर कर ली जाती है. अगर उसकी स्पीड ज्यादा होती है तो तत्काल वीडियो फुटेज ट्रैफिक थाने में भेज दिया जाता है. जहां से चालान बनता है और आगे की कार्रवाई की जाती है. जिसके बाद समझाइश भी दी जाती है कि हाईवे के उस क्षेत्र में स्पीड लिमिट कितनी है और कितनी स्पीड में उन्हें वाहन चलाना चाहिए. भविष्य में भी उन्हें हम निर्धारित स्पीड में वाहन चलाने के लिए कहते हैं.

speed radar machine
Highway पर स्पीड रडार मशीन रखेगी नजर

ओवर स्पीडिंग और लापरवाही है हादसों की मुख्य वजह

जो दुर्घटनाएं होती है उसके पीछे मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग होती है. कई बार लापरवाही से वाहन चलाने के कारण भी सड़क हादसे होते हैं. इन सब हादसों के पीछे ओवर स्पीडिंग को ही माना जाता है. पुलिस ओवर स्पीड से वाहन चालने वालों को समझाइश के साथ साथ चालानी कार्रवाई करती है. उन्होंने बताया कि हर स्थान की अलग-अलग स्पीड लिमिट होती है. जैसे हाईवे में गाड़ियों की स्पीड लिमिट 80 रहती है वहीं कई जगह शहरों में स्पीड लिमिट 40 रखी गई है.नया रायपुर में 60-65 की स्पीड लिमिट रखी गई है. उसके ऊपर गाड़ी चलाने वालों पर हम कार्रवाई करते हैं. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि अगर स्पीड लिमिट में हो तो वाहन दुर्घटनाएं की संभावना कम रहती है.

किस तरह काम करती है स्पीड रडार मशीन

स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) में हमारे जीपीएस सिस्टम लगा रहता है. जीपीएस लोकेशन के साथ लेजर लाइट भी लगी रहती है. जिस वजह से हम ओवर स्पीडिंग जैसे मामलों में दिन में और रात को दोनों समय कार्रवाई कर सकते हैं. इसके साथ साथ स्पीड रडार मशीन में निर्धारित स्पीड लिमिट इंडिकेशन (speed limit indication) भी रहता है, इससे पता लगता है कि उस क्षेत्र में स्पीड लिमिट कितना होना चाहिए और सामने वाला व्यक्ति किस स्पीड से गाड़ी चला रहा है. स्पीड रडार मशीन में जिस क्षेत्र का वीडियो बनाया जाता है. उस क्षेत्र के वीडियो को सेव भी कर लिया जाता है और एक से डेढ़ महीने का स्टोरेज उसमें हम रख सकते हैं.

रायपुर में हर महीने होने वाले सड़क हादसों के आंकड़े

महीना टोटल सड़क हादसा घायल मौत
जनवरी 206 171 53
फरवरी 205 150 59
मार्च 173 128 44
अप्रैल 57 38 14
मई 75 35 28
जून 128 88 39
जुलाई 136 111 41
अगस्त 134 92 33

रायपुर: राजधानी रायपुर में ओवर स्पीडिंग (over speeding in raipur) की वजह से लगातार सड़क हादसों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन हाईवे में ओवर स्पीडिंग के कारण दुर्घटनाएं होती है. इस पर लगाम और हादसों को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस (traffic police) स्पीड रडार मशीन का इस्तेमाल करती है. हाईवे पर अक्सर ओवर स्पीडिंग के मामले देखे जाते हैं. इसलिए ट्रैफिक पुलिस हाईवे में ही ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई (Action on over speeding) करती है. रायपुर के 2 थानों के गाड़ियों में स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) लगाई गई है. जिसके माध्यम से ट्रैफिक पुलिस ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई करती है.

Highway पर स्पीड रडार मशीन रखेगी नजर

स्पीड रडार मशीन 500 मीटर दूर से गाड़ियों की स्पीड कर लेती है मेजर

ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर (Traffic DSP Satish Singh Thakur) ने बताया कि वर्तमान में रायपुर यातायात पुलिस के पास दो थाने की गाड़ियों में स्पीड रडार मशीन है. जो कि टाटीबंध और भनपुरी को उपलब्ध कराया गया है. यह स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) को फोर व्हीलर गाड़ी में लगाया गया है. हाईवे में अक्सर तेजी से गाड़ियां चलती है. ऐसे में अगर कोई गाड़ी ओवर स्पीड में है, तो 500 मीटर से स्पीड रडार मशीन की मदद से गाड़ी की स्पीड मेजर कर ली जाती है. अगर उसकी स्पीड ज्यादा होती है तो तत्काल वीडियो फुटेज ट्रैफिक थाने में भेज दिया जाता है. जहां से चालान बनता है और आगे की कार्रवाई की जाती है. जिसके बाद समझाइश भी दी जाती है कि हाईवे के उस क्षेत्र में स्पीड लिमिट कितनी है और कितनी स्पीड में उन्हें वाहन चलाना चाहिए. भविष्य में भी उन्हें हम निर्धारित स्पीड में वाहन चलाने के लिए कहते हैं.

speed radar machine
Highway पर स्पीड रडार मशीन रखेगी नजर

ओवर स्पीडिंग और लापरवाही है हादसों की मुख्य वजह

जो दुर्घटनाएं होती है उसके पीछे मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग होती है. कई बार लापरवाही से वाहन चलाने के कारण भी सड़क हादसे होते हैं. इन सब हादसों के पीछे ओवर स्पीडिंग को ही माना जाता है. पुलिस ओवर स्पीड से वाहन चालने वालों को समझाइश के साथ साथ चालानी कार्रवाई करती है. उन्होंने बताया कि हर स्थान की अलग-अलग स्पीड लिमिट होती है. जैसे हाईवे में गाड़ियों की स्पीड लिमिट 80 रहती है वहीं कई जगह शहरों में स्पीड लिमिट 40 रखी गई है.नया रायपुर में 60-65 की स्पीड लिमिट रखी गई है. उसके ऊपर गाड़ी चलाने वालों पर हम कार्रवाई करते हैं. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि अगर स्पीड लिमिट में हो तो वाहन दुर्घटनाएं की संभावना कम रहती है.

किस तरह काम करती है स्पीड रडार मशीन

स्पीड रडार मशीन (speed radar machine) में हमारे जीपीएस सिस्टम लगा रहता है. जीपीएस लोकेशन के साथ लेजर लाइट भी लगी रहती है. जिस वजह से हम ओवर स्पीडिंग जैसे मामलों में दिन में और रात को दोनों समय कार्रवाई कर सकते हैं. इसके साथ साथ स्पीड रडार मशीन में निर्धारित स्पीड लिमिट इंडिकेशन (speed limit indication) भी रहता है, इससे पता लगता है कि उस क्षेत्र में स्पीड लिमिट कितना होना चाहिए और सामने वाला व्यक्ति किस स्पीड से गाड़ी चला रहा है. स्पीड रडार मशीन में जिस क्षेत्र का वीडियो बनाया जाता है. उस क्षेत्र के वीडियो को सेव भी कर लिया जाता है और एक से डेढ़ महीने का स्टोरेज उसमें हम रख सकते हैं.

रायपुर में हर महीने होने वाले सड़क हादसों के आंकड़े

महीना टोटल सड़क हादसा घायल मौत
जनवरी 206 171 53
फरवरी 205 150 59
मार्च 173 128 44
अप्रैल 57 38 14
मई 75 35 28
जून 128 88 39
जुलाई 136 111 41
अगस्त 134 92 33
Last Updated : Sep 16, 2021, 4:02 PM IST
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