रायपुर: दालचीनी, लौंग और जीरा जैसे मसालों का इस्तेमाल लोग सदियों से करते आ रहे हैं. प्राकृतिक गुणों से भरपूर ये मसाले न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाते हैं, बल्कि इनमें कई तरह के औषधीय गुण भी हैं. यही वजह है कि अब इन मसालों का इस्तेमाल लोग कोरोना से लड़ने के लिए कर रहे हैं. इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर इन मसालों की डिमांड बाजारों में बढ़ गई है.
एक तरफ जहां लॉकडाउन की वजह से बड़े-बड़े उद्योग बंद पड़े हैं, बाजारों में सुस्ती छाई है, वहीं मसालों का व्यापार करने वाले व्यापारियों की चांदी है. इससे मसालों के व्यापारी, किराना दुकान और मर्चेंट व्यापारी काफी खुश हैं.
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कीमत पर नहीं पड़ा फर्क
मसालों की बढ़ती डिमांड के बीच राहत की बात ये है कि मसालों की बंपर डिमांड के बाद भी इनकी कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है, जबकि आम दिनों के मुकाबले अब इन मसालों की डिमांड 70 फीसदी तक बढ़ गई है. अगर मसालों की कीमत की बात की जाए तो...
- दालचीनी की कीमत पहले 400 रुपए के करीब थी, जो अब भी स्थिर है.
- अजवाइन का दाम करीब 300 रुपए प्रति किलो है.
- वहीं लौंग और काली मिर्च पहले की तरह करीब 1 हजार रुपए बिक रहा है.
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व्यापारियों की चांदी
एकाएक डिमांड बढ़ने से छोटे कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान देखी जा रही है. लॉकडाउन से जहां तमाम तरह के कारोबार में नुकसान हो रहा है, वहीं मसालों ने छोटे परचून और मसाला व्यापारियों के चेहरे पर रौनक ला दी है.