रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सदन में उठ रहे मसलों के क्रम समेत कई मामलों पर बात हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ नेता शामिल हुए.Proceedings of Chhattisgarh Assembly adjourned
दिवंगत नेताओं को दी गई श्रद्धांजलि
दिवंगत नेताओं को दी श्रद्धांजलि :
छत्तीसगढ़ विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही मनोज मंडावी और दीपक पटेल को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुई. स्पीकर डॉ. चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के साथ अन्य सदस्यों ने दोनों दिवंगत सदस्यों के कार्यों का जिक्र करते हुए उनके निधन से हुए प्रदेश को क्षति होने की बात कही.
स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि '' मनोज मंडावी आदिवासियों के मुद्दों को प्रखरता से उठाते थे. दीपक पटेल के निधन से प्रदेश ने एक राजनीतिक और समाजसेवी को खो दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मनोज मंडावी छात्र राजनीति से मुख्य धारा में आए. बस्तर के आदिवासियों के मुद्दों पर वह खुलकर बात करते थे. वह धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. पूजा-पाठ में लगे रहते थे. उनसे बड़ी उम्मीदें थी.''
दिवंगत नेताओं को दी गई श्रद्धांजलि
मनोज मंडावी को सीएम भूपेश ने दी श्रद्धांजलि : सीएम भूपेश नेकहा कि मनोज मंडावी धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे.उन्होंने खुद के घर में मंदिर का निर्माण कराया था. मुड़िया दरबार में शामिल होने के बाद उन्होंने घर के मंदिर चलने की बात कही थी. हमने एक अच्छा दोस्त खोया है.वो अपने कार्य, व्यक्तित्व और विचारों से हमेशा जीवित रहेंगे.इसके बाद सीएम भूपेश ने दिवंगत पूर्व विधायक दीपक पटेल को भी श्रद्धांजलि दी. (chhattisgarh assembly Tributes to late leaders)
मंत्री टीएस सिंहदेव भी मंडावी को याद करके हुए भावुक : सत्र से पहले सीएम भूपेश के साथ मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी मनोज मंडावी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि उनकी भावना पूरी तरह से लीन वाली थी. वो भक्ति में लीन रहते थे.पुल बनवाने को लेकर वो निरंतर प्रयासरत थे.उन्होंने अपने क्षेत्र में भव्य पुल का निर्माण कराया ताकि जनता को किसी भी तरह से कोई परेशानी ना हो. क्षेत्र में वो कार्य के लिए लगातार काम करते थे.सदन में वो अपने काम से जाने जाते थे. किसी की भी भावना को ठेस पहुंचाए बिना सदन में वो मजबूती से आसंदी का संचालन करते थे.
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि '' मनोज मंडावी और दीपक पटेल दोनों संभावनाओं से भरे नेता थे. उन दोनों का जाना दुखद है. उनकी हमेशा कमी रहेगी. मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मनोज मंडावी एक दबंग व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. अपनी बातों में अडिग रहने वाला व्यक्ति. असमय हमने मनोज मंडावी को खो दिया. दीपक पटेल और मैं एक साथ ही निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे थे. उनकी आत्मा को शांति मिले, परिवार को संबल मिले.''
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि ''राजनीति में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मनोज मंडावी ने मेरा साथ दिया. बस्तर को लेकर दमदारी से आवाज़ उठाने वाला व्यक्ति आज हमारे बीच नहीं है. उनका जाना बस्तर के लिए बड़ी क्षति है. इसी सदन में दीपक पटेल हमारे साथ विधायक रहे. दोनों को हमने खोया है. दोनों सदस्यों को श्रद्धांजलि.''
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि ''आदिवासियों में पैठ रखने वाले मनोज मंडावी का जाना दुखद है. राजनीति में भी उतार चढ़ाव देखा. जोगी सरकार में उन्हें हमने देख कि कैसे एक नेता के प्रति लोग समर्पित होते हैं. राजनीति के परे उनका समर्पण आदिवासियों के प्रति था. दीपक पटेल जब बोलते थे तो विषय पर उनकी पकड़ दिखती थी. लगता नहीं था कि सदन में नया विधायक बोल रहा है.
''डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि ''मनोज मंडावी संयुक्त मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे. छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद बनी सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे. दीपक पटेल हमेशा मज़दूरों के संघर्ष के लिए तैयार रहते थे. सक्रिय व्यक्ति थे. दोनों नेताओं के निधन पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.''अजय चंद्राकर ने कहा कि ''मनोज मंडावी से मेरे करीब के संबंध थे. सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था थी. दीपक पटेल वैचारिक तौर पर बेहद समृद्ध थे. हमारी वैचारिक निष्ठा के सबसे गंभीर व्यक्ति रहे. दल की सीमाओं से परे हमने दोनों नेताओं को खोया है. उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.''