रायपुर: लॉकडाउन के दौरान बतौर कोरोना वारियर्स के तौर पर काम करने वाली स्वच्छता दीदी रत्ना नायक और शकुंतला तांडी से आपको रूबरू करा रहे हैं. दोनों ने लॉकडाउन के दौरान साफ-सफाई का जिम्मा उठाया और शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दिया.
सवाल: लॉकडाउन के दौरान सभी घर पर थे, लेकिन आप लोगों ने जमीनी स्तर पर आकर कैसे साफ-सफाई का काम किया?
जवाब: घबराहट बहुत थी, लेकिन घर चलाना बेहद जरूरी है. हम कमाएंगे नहीं तो क्या खाएंगे. घर के लोग मना करते थे, काम पर मत जाओ. लेकिन हम लोगों ने पूरी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए काम किया. घर पर भी ध्यान रखा. सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया. घर वालों ने भी सहयोग दिया. हमें मालूम था कि अगर हम साफ-सफाई नहीं करेंगे तो शहर साफ कैसे रहेगा और संक्रमण भी बढ़ता जाएगा.
सवाल: लॉकडाउन के दौरान आपको क्या तकलीफ हुई, उस दौरान लोगों का व्यवहार कैसा था ?
जवाब: पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. जब कभी काम के लिए निकलते तो आसपास के घरवालों से पानी मांगते थे तो वे लोग हमें पानी देते थे. लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद थीं तो लोग चाय भी पिलाया करते थे. कोरोना महामारी के बाद भी आम जनता ने सफाईकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार किया और सम्मान दिया.
सवाल: कम आमदनी में कैसे घर चलाते हैं ?
जवाब: हमें 7700 रुपये पेमेंट मिलता है. इसी से अपना घर चलाते हैं. महंगाई कितनी है, लेकिन इसके बाद भी एडजस्ट करके परिवार चलाना पड़ता है.
सवाल: सुबह काम पर कितने बजे निकलते थे ?
जवाब: सुबह 5 बजे घर से निकलते हैं. 6:30 बजे काम में लग जाते हैं. हर वार्ड, गली-मोहल्ले घूम कर साफ-सफाई करते हैं. दोपहर एक बजे तक काम चलता है.
सवाल: लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?
जवाब: हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. शहर को साफ रखने के लिए लगातार सफाई की जा रही है. लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह शहर को स्वच्छ रखें.