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मिलिए रायपुर की स्वच्छता दीदी से, कैसे लॉकडाउन में शहर को बनाए रखा साफ-सुथरा

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Published : Oct 21, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 6:56 PM IST

नवरात्र के पर्व पर ETV भारत उन दुर्गा रूपी नारियों से रूबरू करा रहा है, जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और मेहनत से मिसाल पेश की है. कोरोना संक्रमण में जब सभी लोग घर में रहकर खुद को इस बीमारी से सुरक्षित करने में जुटे थे. इस दौरान शहर को साफ कर सुंदर बनाने के लिए स्वच्छता दीदीयों ने जिम्मा उठाया था और इस संकट काल में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.

Swachchhta Didi
रायपुर की स्वच्छता दीदी

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान बतौर कोरोना वारियर्स के तौर पर काम करने वाली स्वच्छता दीदी रत्ना नायक और शकुंतला तांडी से आपको रूबरू करा रहे हैं. दोनों ने लॉकडाउन के दौरान साफ-सफाई का जिम्मा उठाया और शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दिया.

रायपुर की स्वच्छता दीदी से खास बातचीत

सवाल: लॉकडाउन के दौरान सभी घर पर थे, लेकिन आप लोगों ने जमीनी स्तर पर आकर कैसे साफ-सफाई का काम किया?

जवाब: घबराहट बहुत थी, लेकिन घर चलाना बेहद जरूरी है. हम कमाएंगे नहीं तो क्या खाएंगे. घर के लोग मना करते थे, काम पर मत जाओ. लेकिन हम लोगों ने पूरी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए काम किया. घर पर भी ध्यान रखा. सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया. घर वालों ने भी सहयोग दिया. हमें मालूम था कि अगर हम साफ-सफाई नहीं करेंगे तो शहर साफ कैसे रहेगा और संक्रमण भी बढ़ता जाएगा.

सवाल: लॉकडाउन के दौरान आपको क्या तकलीफ हुई, उस दौरान लोगों का व्यवहार कैसा था ?

जवाब: पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. जब कभी काम के लिए निकलते तो आसपास के घरवालों से पानी मांगते थे तो वे लोग हमें पानी देते थे. लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद थीं तो लोग चाय भी पिलाया करते थे. कोरोना महामारी के बाद भी आम जनता ने सफाईकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार किया और सम्मान दिया.

सवाल: कम आमदनी में कैसे घर चलाते हैं ?

जवाब: हमें 7700 रुपये पेमेंट मिलता है. इसी से अपना घर चलाते हैं. महंगाई कितनी है, लेकिन इसके बाद भी एडजस्ट करके परिवार चलाना पड़ता है.

सवाल: सुबह काम पर कितने बजे निकलते थे ?

जवाब: सुबह 5 बजे घर से निकलते हैं. 6:30 बजे काम में लग जाते हैं. हर वार्ड, गली-मोहल्ले घूम कर साफ-सफाई करते हैं. दोपहर एक बजे तक काम चलता है.

सवाल: लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?

जवाब: हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. शहर को साफ रखने के लिए लगातार सफाई की जा रही है. लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह शहर को स्वच्छ रखें.

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान बतौर कोरोना वारियर्स के तौर पर काम करने वाली स्वच्छता दीदी रत्ना नायक और शकुंतला तांडी से आपको रूबरू करा रहे हैं. दोनों ने लॉकडाउन के दौरान साफ-सफाई का जिम्मा उठाया और शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दिया.

रायपुर की स्वच्छता दीदी से खास बातचीत

सवाल: लॉकडाउन के दौरान सभी घर पर थे, लेकिन आप लोगों ने जमीनी स्तर पर आकर कैसे साफ-सफाई का काम किया?

जवाब: घबराहट बहुत थी, लेकिन घर चलाना बेहद जरूरी है. हम कमाएंगे नहीं तो क्या खाएंगे. घर के लोग मना करते थे, काम पर मत जाओ. लेकिन हम लोगों ने पूरी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए काम किया. घर पर भी ध्यान रखा. सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया. घर वालों ने भी सहयोग दिया. हमें मालूम था कि अगर हम साफ-सफाई नहीं करेंगे तो शहर साफ कैसे रहेगा और संक्रमण भी बढ़ता जाएगा.

सवाल: लॉकडाउन के दौरान आपको क्या तकलीफ हुई, उस दौरान लोगों का व्यवहार कैसा था ?

जवाब: पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. जब कभी काम के लिए निकलते तो आसपास के घरवालों से पानी मांगते थे तो वे लोग हमें पानी देते थे. लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद थीं तो लोग चाय भी पिलाया करते थे. कोरोना महामारी के बाद भी आम जनता ने सफाईकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार किया और सम्मान दिया.

सवाल: कम आमदनी में कैसे घर चलाते हैं ?

जवाब: हमें 7700 रुपये पेमेंट मिलता है. इसी से अपना घर चलाते हैं. महंगाई कितनी है, लेकिन इसके बाद भी एडजस्ट करके परिवार चलाना पड़ता है.

सवाल: सुबह काम पर कितने बजे निकलते थे ?

जवाब: सुबह 5 बजे घर से निकलते हैं. 6:30 बजे काम में लग जाते हैं. हर वार्ड, गली-मोहल्ले घूम कर साफ-सफाई करते हैं. दोपहर एक बजे तक काम चलता है.

सवाल: लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?

जवाब: हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. शहर को साफ रखने के लिए लगातार सफाई की जा रही है. लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह शहर को स्वच्छ रखें.

Last Updated : Oct 21, 2020, 6:56 PM IST
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