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जब आप अपने काम से किसी की मदद करते हैं तो सुकून मिलता है: डॉ. अंजलि शर्मा - ETV भारत

नवरात्र के पर्व पर ETV भारत उन दुर्गा रूपी देवियों से रूबरू करा रहा है, जिन्होंने अपने इच्छा शक्ति और मेहनत से मिसाल पेश की है. कोरोना संक्रमण में जब सब घर पर रह कर खुद को इस बीमारी से सुरक्षित करने में जुटे थे, उस वक्त डॉक्टर अंजली शर्मा देश सेवा में जुटीं थीं. एक नजर इस खास बातचीत पर...

डॉ अंजलि शर्मा
डॉ अंजलि शर्मा
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Published : Oct 19, 2020, 4:18 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 7:17 AM IST

रायपुर: ETV भारत नवरात्र के पर्व पर उन महिलाओं से आपको रूबरू करा रहा है, जिन्होंने कोरोनाकाल में समाज के लिए बेहतर काम किया है. नायब तहसीलदार डॉ. अंजलि शर्मा भी इन्हीं में से एक हैं. उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की लेकिन प्रशासनिक सेवा करना बेहतर समझा.

डॉ अंजलि शर्मा से खास बातचीत

सवाल : लॉकडाउन में व्यवस्थाओं को बनाए रखने में क्या चैलेंज थे, उसे कैसे पूरा किया ?

जवाब : लॉकडाउन के समय शहर में धारा 144 लागू थी. बाजार बंद कराना एक चैलेंज था. कोरोना नई बीमारी है, इसलिए इसे समझने में थोड़ा समय लगा. हमें खुद की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों के लिए भी काम करना था.

सवाल : लॉकडाउन में क्या जिम्मेदारी थी और अभी क्या जिम्मेदारी है ?

जवाब : लॉकडाउन में सबसे जरूरी काम कालाबाजारी को रोकने का था. गांव में राशन और भोजन की व्यवस्था भी करवाना था.

सवाल : कालाबाजारी को रोकने के लिए कैसे कदम उठाए गए ?

जवाब : लॉकडाउन के समय दुकानदार ज्यादा कीमतों पर राशन बेच रहे थे. कालाबाजारी बहुत बढ़ गई थी. लिहाजा टीम बनाई गई, जिनमें फ़ूड डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल थे. दुकानों में छापेमारी कर जांच की गई और जरूरत पड़ने पर दुकानों को सील भी किया गया.

सवाल : होम आइसोलेशन के रिजल्ट बेहतर हैं, टीम कैसे काम कर रही है ?

जवाब : लॉकडाउन के वक्त होम आइसोलेशन नया था. होम आइसोलेशन को लेकर जांच की जिम्मेदारी नई थी. उच्च अधिकारियों ने ब्लूप्रिंट ऐसा तैयार किया था, जो कारगार साबित हुआ. सारी व्यवस्था ऑनलाइन थी. टीम वर्क के कारण बेहतर रिजल्ट सामने आए.

सवाल : कोरोना संक्रमण में फील्ड वर्क का काम कैसे पूरा किया गया ?

जवाब : सबसे बड़ा डर यही होता है कि हम खुद संक्रमित न हो जाएं. फिल्ड पर काम करना, हॉस्पिटल जाना, सबकी देखरेख करना काफी चुनौतियों से भरा था. ड्यूटी कर घर लौटने के बाद खुद को सैनिटाइज करना जरूरी होता था. क्योंकि परिवार वालों का भी ध्यान रखना पड़ता था.

सवाल : डॉक्टर की पढ़ाई कर प्रशासनिक सेवा में आने का निर्णय कैसे लिया ?

जवाब : रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज से पढ़ाई पूरी की. लेकिन हमेशा से मेरा झुकाव प्रशासनिक सेवा की तरफ था. IAS की तैयारी के लिए 5 साल दिल्ली में रहकर पढ़ाई पूरी की. प्रशासनिक सेवा में रहकर काम करना था इसलिए छत्तीसगढ़ आकर पीएससी की परीक्षा दी. इससे पहले एक्साइज डिपार्टमेंट में भी काम किया. लेकिन मुझे नायब तहसीलदार का पोस्ट अच्छा लगा और इसमें आप हर तरह के काम कर सकते हैं. जब आप अपने काम से किसी की मदद करते हैं तो एक सुकून मिलता है.

सवाल : समाज को क्या संदेश देना चाहेंगी आप ?

जवाब : पुरुष वर्ग महिलाओं को समझे और उन्हें सम्मान के साथ ही आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर भी दे. जिससे दूसरी चीजें भी सुधरेंगी.

सवाल : समाज में बढ़ रहे दुष्कर्म को किस तरह से रोकना चाहेंगी ?

जवाब : दुष्कर्म को रोकने के लिए शुरुआत अपने घर से करना चाहिए. जब घर में सम्मान होगा तो समाज की हर महिला का सम्मान जरूर होगा. साथ ही दुष्कर्म की वारदात नहीं होगी. अगर आप महिलाओं को गलत दृष्टि से नहीं देखेंगे, तो ऐसी घटनाएं सामने नहीं आएंगी.

रायपुर: ETV भारत नवरात्र के पर्व पर उन महिलाओं से आपको रूबरू करा रहा है, जिन्होंने कोरोनाकाल में समाज के लिए बेहतर काम किया है. नायब तहसीलदार डॉ. अंजलि शर्मा भी इन्हीं में से एक हैं. उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की लेकिन प्रशासनिक सेवा करना बेहतर समझा.

डॉ अंजलि शर्मा से खास बातचीत

सवाल : लॉकडाउन में व्यवस्थाओं को बनाए रखने में क्या चैलेंज थे, उसे कैसे पूरा किया ?

जवाब : लॉकडाउन के समय शहर में धारा 144 लागू थी. बाजार बंद कराना एक चैलेंज था. कोरोना नई बीमारी है, इसलिए इसे समझने में थोड़ा समय लगा. हमें खुद की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों के लिए भी काम करना था.

सवाल : लॉकडाउन में क्या जिम्मेदारी थी और अभी क्या जिम्मेदारी है ?

जवाब : लॉकडाउन में सबसे जरूरी काम कालाबाजारी को रोकने का था. गांव में राशन और भोजन की व्यवस्था भी करवाना था.

सवाल : कालाबाजारी को रोकने के लिए कैसे कदम उठाए गए ?

जवाब : लॉकडाउन के समय दुकानदार ज्यादा कीमतों पर राशन बेच रहे थे. कालाबाजारी बहुत बढ़ गई थी. लिहाजा टीम बनाई गई, जिनमें फ़ूड डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल थे. दुकानों में छापेमारी कर जांच की गई और जरूरत पड़ने पर दुकानों को सील भी किया गया.

सवाल : होम आइसोलेशन के रिजल्ट बेहतर हैं, टीम कैसे काम कर रही है ?

जवाब : लॉकडाउन के वक्त होम आइसोलेशन नया था. होम आइसोलेशन को लेकर जांच की जिम्मेदारी नई थी. उच्च अधिकारियों ने ब्लूप्रिंट ऐसा तैयार किया था, जो कारगार साबित हुआ. सारी व्यवस्था ऑनलाइन थी. टीम वर्क के कारण बेहतर रिजल्ट सामने आए.

सवाल : कोरोना संक्रमण में फील्ड वर्क का काम कैसे पूरा किया गया ?

जवाब : सबसे बड़ा डर यही होता है कि हम खुद संक्रमित न हो जाएं. फिल्ड पर काम करना, हॉस्पिटल जाना, सबकी देखरेख करना काफी चुनौतियों से भरा था. ड्यूटी कर घर लौटने के बाद खुद को सैनिटाइज करना जरूरी होता था. क्योंकि परिवार वालों का भी ध्यान रखना पड़ता था.

सवाल : डॉक्टर की पढ़ाई कर प्रशासनिक सेवा में आने का निर्णय कैसे लिया ?

जवाब : रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज से पढ़ाई पूरी की. लेकिन हमेशा से मेरा झुकाव प्रशासनिक सेवा की तरफ था. IAS की तैयारी के लिए 5 साल दिल्ली में रहकर पढ़ाई पूरी की. प्रशासनिक सेवा में रहकर काम करना था इसलिए छत्तीसगढ़ आकर पीएससी की परीक्षा दी. इससे पहले एक्साइज डिपार्टमेंट में भी काम किया. लेकिन मुझे नायब तहसीलदार का पोस्ट अच्छा लगा और इसमें आप हर तरह के काम कर सकते हैं. जब आप अपने काम से किसी की मदद करते हैं तो एक सुकून मिलता है.

सवाल : समाज को क्या संदेश देना चाहेंगी आप ?

जवाब : पुरुष वर्ग महिलाओं को समझे और उन्हें सम्मान के साथ ही आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर भी दे. जिससे दूसरी चीजें भी सुधरेंगी.

सवाल : समाज में बढ़ रहे दुष्कर्म को किस तरह से रोकना चाहेंगी ?

जवाब : दुष्कर्म को रोकने के लिए शुरुआत अपने घर से करना चाहिए. जब घर में सम्मान होगा तो समाज की हर महिला का सम्मान जरूर होगा. साथ ही दुष्कर्म की वारदात नहीं होगी. अगर आप महिलाओं को गलत दृष्टि से नहीं देखेंगे, तो ऐसी घटनाएं सामने नहीं आएंगी.

Last Updated : Oct 20, 2020, 7:17 AM IST
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