रायपुर : संगीत के क्षेत्र में अनुकरणीय काम करने के लिए मदन सिंह (Madan Singh Chauhan Gets Padma Shri Award) चौहान को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. चौहान ने न सिर्फ तबले की थाप से बल्कि अपने सुरों से भी इस क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है. बात चाहे फिर सुगम संगीत (Folk Music) हो या भक्ति रस के गाने या फिर सूफियाना अंदाज में उनकी खुद की प्रस्तुति की, पूरे प्रदेश में श्रोताओं ने इन्हें भरपूर सराहा है. यही वजह है कि जब पद्म पुरस्कारों की बात हुई तो इनका नाम आने के बाद कला क्षेत्र से जुड़े लोगों ने खुशी जाहिर की. ईटीवी भारत ने चौहान से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने संगीत से जुड़े विभिन्न पहलुओं के विषय में अपनी बात बेबाकी से रखी.
सवालः संगीत से आपका रिश्ता कैसे जुड़ा, अब तक की अपनी उपलब्धियों और पद्मश्री मिलने के बाद अपने एहसास को किन शब्दों में व्यक्त करेंगे?
सवालः छत्तीसगढ़ी लोकगीत को और समृद्ध बनाने की दिशा में आप कुछ सोच रहे हैं क्या?
जवाबः हमारा लोकगीत बहुत धनी है. इसके अंदर अपने आप राग निकलते हैं. जानकार उन्हीं धुनों को सुनकर रागों की उत्पत्ति करते हैं. छत्तीसगढ़ लोक गीतों में समय के साथ बदलाव आया है. मगर इसमें और रिसर्च करने की जरूरत है और इसमें मेरा पूरा योगदान रहेगा.
सवालः अगर छत्तीसगढ़ी फिल्मों में संगीत की बात करें तो क्या आपको लगता है कि और कसावट की जरूरत है?
जवाबः उनकी गलती नहीं है. फिल्में कमर्शियल सोच के साथ बनाई जाती है, मगर इसमें कुछ अच्छे गाने भी निकल कर आ रहे हैं।
सवालः बच्चों को संगीत के क्षेत्र में मंच दिलाना और उन्हें रातोंरात स्टार बना देना, क्या इसे आप उचित मानते हैं?
जवाबः अभी विश्व की चाल बढ़ गई है. इसी गति में हर कोई चलना चाहता है, मगर एक छोटे पौधे से आप फल लेने की कोशिश करते हैं तो यह उचित नहीं है. लोगों के पास अभी संगीत सुनने का भी समय सीमित हो गया है.
सवालः सोशल मीडिया के माध्यम से जो बच्चे अभी काफी वायरल हो रहे हैं, क्या लगता है संगीत की दिशा में वे सर्वाइवल हैं?
जवाबः एक-दो गाने में फेमस हो सकते हैं, मगर संगीत में जल्दबाजी ठीक नहीं होती और जल्दबाजी में सरवाइव भी करना कठिन होता है. हां, कुछ एक प्लेटफार्म है जहां पर बच्चों को गुरुओं से प्रशिक्षित करवाया जा रहा है और उसके बाद मंच दिया जा रहा है, यह अच्छा प्रयास है.
सवालः आपको जो सम्मान मिला है और इसमें जिनकी भी भूमिका रही है, उनके लिए क्या कहेंगे?
जवाबः मैं शुक्रगुजार हूं. उन सभी का, जिन्होंने इसमें अपनी भूमिका निभाई है. उन्होंने मुझे इस काबिल समझा, इसके लिए धन्यवाद देता हूं. हालांकि मैं पहले भी खुश था, क्योंकि मुझे जो सम्मान मेरे श्रोताओं से मिलता था. वह भी मेरे लिए काफी अहम रहता था.