रायपुर: प्रदेश के सभी जिलों में राजस्व मामलों के निराकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बस्तर जिले में डायवर्जन शुल्क की बकाया राशि जमा करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
जगदलपुर में बकायादारों के लिए डायवर्जन शुल्क जमा करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है. इसके तहत बकाया राशि वसूली संबंधित बकायादारों को डिमांड नोटिस भी जारी किया जा रहा है. नोटिस जारी करने के बाद निर्धारित समय में बकाया राशि जमा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी.
![Revenue Case Disposal Campaign](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07:05:34:1593092134_cg-rpr-rajsaw-img-7206931_25062020185447_2506f_1593091487_635.jpg)
15 सालों के लिए छूट देने का निर्णय
गौरतलब है कि राज्य शासन ने परिवर्तित भूमिधारकों को एक साथ 15 सालों का भू-भाटक जमा करने पर अगामी 15 सालों के लिए छूट देने का निर्णय लिया है. बकायादारों से असुविधा से बचने के लिए बकाया राशि जमा कर शासन को सहयोग करने की अपील की गई है.
सीएम भूपेश बघेल ने दिए थे निर्देश
बता दें कि इससे पहले भी समय-समय पर राजस्व निराकरण के लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया जाता रहा है. हाल ही में कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ में राजस्व के मामलों के पंजीयन से लेकर उनके निराकरण तक में पारदर्शिता लाने के लिए अब एक अक्टूबर से राजस्व ई-कोर्ट प्रणाली लागू करने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए थे.
एक अक्टूबर 2020 से ई-कोर्ट के दस्तावेज ही मान्य होंगे
सीएम भूपेश बघेल ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. राज्य में एक अक्टूबर 2020 से ई-कोर्ट के दस्तावेज ही मान्य होंगे.