रायगढ़: जिले के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सोनोग्राफी के नाम पर मरीजों की जेबें ढीली हो रही हैं. हॉस्पिटल में सोनोग्राफी की एक मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी है. जबकि रेडियोलॉजिस्ट का पद भी रिक्त पड़ा है. जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को सोनोग्राफी के लिए निजी सेंटरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सोनोग्राफी के लिए दो मशीनें इंस्टॉल की गई थी. जिसमें से एक मशीन पिछले एक साल से बंद पड़ी है. जबकि दूसरी मशीन को ऑपरेट करने का समय भी बमुश्किल 4 घंटे का रखा गया है. टेस्ट के लिए मरीजों को निजी लैब जाना पड़ रहा है.
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निजी सेंटरों की चांदी
इमरजेंसी केस का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन हर महीने 5 सौ टेस्ट निजी सेंटरों में रेफर कर रहा है. निजी सेंटर जांच के नाम पर मरीजों से अनाप-शनाप पैसे वसूल कर रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से करेंगे चर्चा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी निजी सेंटरों में सोनोग्राफी टेस्ट के आंकड़ों को स्वीकार कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल में एक मशीन बंद पड़ी है, जिसे सुधारने की जरूरत है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से चर्चा की जाएगी. गवर्मेंट सेटअप में सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है जिस पर विचार किया जा रहा है.