रायपुर: पितृ पक्ष (PItru paksh) में पितरों (Pitro) के नाम की पूजा व दान उनकी तिथि के अनुसार किया जाता है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु जिस तिथि में होती है, उसी तिथि को इस पक्ष में उनके नाम का श्राद्ध (Sradh) किया जाता है.
सप्तमी तिथि का श्राद्ध
सप्तमी तिथि का श्राद्ध (Saptmi tithi ka sradh) इस बार 28 सितंबर मंगलवार को किया जायेगा. सप्तमी तिथि (Saptmi tithi) को उन लोगों का श्राद्ध (Sradh) किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ हो. इस दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को महान यज्ञों के बराबर पुण्यफल मिलता है और वह श्रेष्ठ विचारों का धनी होता है. कुटुप मुहूर्त (Kutup muhurt) और रोहिना मुहूर्त (Rohini muhurt) को श्राद्ध (Sradh) करने के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है. उसके बाद का मुहूर्त अपराह्न काल समाप्त होने तक रहता है. श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है.
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सप्तमातृका पूजा
इस दिन पितृ तर्पण अनुष्ठानों के अलावा हिंदू धर्म में सप्तमातृका या सात दिव्य माताओं की भी भक्ति के साथ पूजा की जाती है.
श्राद्ध पक्ष में मछली को आटा खिलाने से लाभ
कहते हैं कि श्राद्ध में गाय, कुत्ते, कौवे, मछली, चीटियां और पक्षियों को अन्न जल देने से पितृ प्रसन्न और तृप्त होते हैं. वहीं, कई लोग इस पक्ष में मछलियों को आटा भी खिलाते हैं. कहा जाता है कि इस पक्ष में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने से संकट टल जाते हैं, समृद्धि बढ़ती है, शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या आदि शनि दोष दूर होते हैं.इतना ही नहीं सब ग्रह-दोष दूर इससे दूर होता है. कहते हैं कि घर में किसी भी प्रकार का रोग हो तो मछली को आटे की गोली खिलाने से रोगी के ठीक होने की संभावनाएं बढ़ जाती है.
संतान पक्ष होता है मजबूत
कहा जाता है कि मछली को आटा खिलाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है, घर में सुख और शांति आती है, संतान पक्ष मजबूत होता है और संतान का पढ़ने में मन भी लगता है. इसके साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा का निष्कासन होता है. इससे संपत्ति प्राप्त करने के योग बनते हैं.
पितृ को मिलती है तृप्ति
वहीं, पितृपक्ष में मछलियों के माध्यम से पितृ भी अन्न ग्रहण करते हैं. भगवान विष्णु ने सतयुग में मछली का अवतार लिया था, इसलिए मछली को बहुत ही शुभ माना जाता है। मछलियों को अन्न खिलाने से पितृ तृप्त होते हैं और भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं.