रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में बाजरा आधारित भोजन परोसने का निर्देश दिया था. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत जारी निर्देश में साफ किया गया था कि बच्चों को बाजार से रेडिमेड खाद्य सामग्री देने की बजाय पकाकर देना था. निर्देश के बावजूद भी जिले के कई स्कूलों में लापरवाही देखने को मिली. शनिवार देर शाम राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले 12 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
इसलिए पकाकर भोजन देने का था निर्देश: राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के 12 जिलों के स्कूलों को बाजरा की चिक्की और अन्य रेडीमेड खाद्य सामग्री बाजारों से खरीदने से मना किया था. इसकी बजाय स्कूल या घर में ही बाजरा आधारित खाद्य सामग्री पकाने का निर्देश दिया गया था. बच्चों को बेहतर पोषण देने के मकसद से यह निर्देश प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत जारी किया गया है.
सरकारी संस्थाओं से मोटे अनाज खरीदने का निर्देश: राज्य सरकार ने वन विभाग की संस्थाओं या सी-मार्ट से जिला स्तर पर मोटे अनाज की खरीदी करने का आदेश जारी किया. साथ ही बाजारों से पका हुआ बाजरा सामग्री खरीदने से मना किया था. आदेश के अनुसार कच्चा बाजरा बाजारों से खरीदकर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पकाकर बच्चों को वितरित करना था. आदेश में यह भी साफ किया गया कि बाजरे के व्यंजन स्कूल स्तर पर तैयार किए जाएं, क्योंकि स्कूल स्तर पर मध्यान्ह भोजन पकाने का काम स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाता है.
यह भी पढ़ें- Corona in Balodabazar बलौदाबाजार CMHO ने कर्मचारियों को दिया कारण बताओ नोटिस, सैलरी काटने का भी निर्देश
निर्देश का इन जिलों में नहीं किया गया पालन: राज्य सरकार के निर्देश का पालन अधिकतर जिलों में शुरू कर दिया गया. हालांकि कुछ जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों ने बाजारों से बाजरा से बने व्यंजन, विशेष रूप से चिक्की खरीदने के आदेश जारी कर दिए. लोक निर्देश निदेशालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़, बलौदा बाजार, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही जल्द से जल्द चिक्की खरीदी का आदेश भी निरस्त करने का निर्देश दिया गया है.