ETV Bharat / state

लाचार शिक्षक सिस्टम बेपरवाह : कैसे मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जब 22 हजार स्कूलों में प्रधान पाठक हैं ही नहीं? - chhattisgarh news

छत्तीसगढ़ में 22 हजार प्राथमिक शाला में प्रधान पाठकों का पद पिछले 15 वर्षों से खाली है. जानकारी के मुताबिक राज्य में करीब 22 हजार ऐसे स्कूल हैं. इन स्कूलों को सहायक शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया हैं.

shortage-of-head-readers
प्रधान पाठकों की कमी
author img

By

Published : Nov 20, 2021, 9:34 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 10:25 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए तमाम नीतियां बनाई जा रही है. कई स्कूलों को हिंदी मीडियम से अंग्रेजी माध्यम में तब्दील किया जा रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रदेश के तमाम शासकीय विद्यालयों की बात करें तो हजारों स्कूल ऐसे हैं, जो प्रधान पाठकों की कमी से जूझ रहे हैं. चाहे प्राथमिक शाला की बात करें या मीडिल स्कूलों की. हालात यह हैं कि प्रधान पाठकों का काम सहायक शिक्षकों से कराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक राज्य में करीब 22 हजार ऐसे स्कूल हैं, जहां प्रधान पाठकों के पद रिक्त हैं. इन स्कूलों को सहायक शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया हैं.

कैसे मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जब 22 हजार स्कूलों में प्रधान पाठक हैं ही नहीं?

यह भी पढ़ें: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: देश का सबसे स्वच्छ राज्य छत्तीसगढ़

15 सालों से रिक्त पड़े हैं पद

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से सहायक शिक्षकों का पद्दोन्नति नहीं हुआ है. विभाग में पदों की पूर्ति कर शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पदोन्नति के इंतजार में हजारों शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं. जिसके चलते बहुत से पद रिक्त पड़े हुए हैं. जानकारों की माने तो इन पदों को भरने का एक मात्र जरिया पदोन्नति ही है, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. जिसका सीधा असर शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है.


रायपुर संभाग में सबसे अधिक रिक्त पद

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में यदि प्रधान पाठकों के रिक्त पदों की बात की जाए तो इसमें सबसे रायपुर संभाग में खाली हैं. रायपुर संभाग के 5,072 स्कूलों में प्रधान पाठक के पद रिक्त हैं. बिलासपुर में 4,690, दुर्ग में 4,269, बस्तर में 3,648 और सरगुजा संभाग में 4,032 के करीब शासकीय प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक नहीं है. इन स्कूलों में करीब 15 सालों से प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है. इसके अलावा विभाग में मिडिल स्कूल में प्रधान पाठक के 6 हजार, व्याख्याता के 10 हजार, शिक्षक के शिक्षक के 8 हजार व प्राचार्य के 28 सौ पद रिक्त हैं.

एसोसिएशन ने सीएम से पदोन्नति की मांग
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 22 हजार प्राथमिक शाला में प्रधान पाठकों का पद पिछले 15 वर्षों से रिक्त है. शिक्षा विभाग को गंभीरता से इन पदों की पूर्ति करने पर विचार करना चाहिए. हमने शिक्षा अधिकारियों से मुलाकात करके आग्रह किया है कि प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक के पदों की पूर्ति अविलंब किया जाए. जिससे राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की रैंकिंग में सुधार हो.

इसके साथ ही पदोन्नति पाए जाने से जो हमारे सहायक शिक्षक साथी है. उन्हें वेतन विसंगति का एक विकल्प मिलेगा. इस आधार पर शासन वन टाइम रिलैक्सेशन देते हुए 22 हजार प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक पदों पर तत्काल पदोन्नति करें. ऐसे 22 हजार शासकीय शालाओं में सहायक शिक्षक ही प्रधान पाठक का काम कर रहे हैं. उन्हें वरिष्ठता के आधार पर तत्काल पदोन्नति किया जाए. यह मांग हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करते हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए तमाम नीतियां बनाई जा रही है. कई स्कूलों को हिंदी मीडियम से अंग्रेजी माध्यम में तब्दील किया जा रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रदेश के तमाम शासकीय विद्यालयों की बात करें तो हजारों स्कूल ऐसे हैं, जो प्रधान पाठकों की कमी से जूझ रहे हैं. चाहे प्राथमिक शाला की बात करें या मीडिल स्कूलों की. हालात यह हैं कि प्रधान पाठकों का काम सहायक शिक्षकों से कराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक राज्य में करीब 22 हजार ऐसे स्कूल हैं, जहां प्रधान पाठकों के पद रिक्त हैं. इन स्कूलों को सहायक शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया हैं.

कैसे मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जब 22 हजार स्कूलों में प्रधान पाठक हैं ही नहीं?

यह भी पढ़ें: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: देश का सबसे स्वच्छ राज्य छत्तीसगढ़

15 सालों से रिक्त पड़े हैं पद

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से सहायक शिक्षकों का पद्दोन्नति नहीं हुआ है. विभाग में पदों की पूर्ति कर शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पदोन्नति के इंतजार में हजारों शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं. जिसके चलते बहुत से पद रिक्त पड़े हुए हैं. जानकारों की माने तो इन पदों को भरने का एक मात्र जरिया पदोन्नति ही है, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. जिसका सीधा असर शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है.


रायपुर संभाग में सबसे अधिक रिक्त पद

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में यदि प्रधान पाठकों के रिक्त पदों की बात की जाए तो इसमें सबसे रायपुर संभाग में खाली हैं. रायपुर संभाग के 5,072 स्कूलों में प्रधान पाठक के पद रिक्त हैं. बिलासपुर में 4,690, दुर्ग में 4,269, बस्तर में 3,648 और सरगुजा संभाग में 4,032 के करीब शासकीय प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक नहीं है. इन स्कूलों में करीब 15 सालों से प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है. इसके अलावा विभाग में मिडिल स्कूल में प्रधान पाठक के 6 हजार, व्याख्याता के 10 हजार, शिक्षक के शिक्षक के 8 हजार व प्राचार्य के 28 सौ पद रिक्त हैं.

एसोसिएशन ने सीएम से पदोन्नति की मांग
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 22 हजार प्राथमिक शाला में प्रधान पाठकों का पद पिछले 15 वर्षों से रिक्त है. शिक्षा विभाग को गंभीरता से इन पदों की पूर्ति करने पर विचार करना चाहिए. हमने शिक्षा अधिकारियों से मुलाकात करके आग्रह किया है कि प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक के पदों की पूर्ति अविलंब किया जाए. जिससे राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की रैंकिंग में सुधार हो.

इसके साथ ही पदोन्नति पाए जाने से जो हमारे सहायक शिक्षक साथी है. उन्हें वेतन विसंगति का एक विकल्प मिलेगा. इस आधार पर शासन वन टाइम रिलैक्सेशन देते हुए 22 हजार प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक पदों पर तत्काल पदोन्नति करें. ऐसे 22 हजार शासकीय शालाओं में सहायक शिक्षक ही प्रधान पाठक का काम कर रहे हैं. उन्हें वरिष्ठता के आधार पर तत्काल पदोन्नति किया जाए. यह मांग हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करते हैं.

Last Updated : Nov 20, 2021, 10:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.