रायपुर : राज्य सरकार ने राजधानी रायपुर के पास खारून नदी के घाट किनारे सौन्दर्यीकरण कर बड़ा मरीन ड्राइव बनाने का फैसला लिया है, जो गुजरात की राजधानी अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप नगरीय प्रशासन विभाग और अन्य विभागों के सहयोग से खारून रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.
नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया, विधायक, महापौर और मुख्य सचिव ने शुकवार को संयुक्त रूप से खारून नदी के तट पर पहुंचकर रिवर फ्रंट प्लान का मुआयना किया. यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी, सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन के समन्वय से शुरू किया जा रहा है.
आवागमन होगा आसान
मंत्री डहरिया ने बताया कि महादेव घाट से कुम्हारी तक खारून नदी के दोनों किनारों पर लगभग 8.5 किलोमीटर तक पाथवे निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि महादेव घाट के पास स्थित विर्सजन कुंड से लेकर भोथली गांव तक वृहद पुल का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा नदी किनारे प्लांटेशन और सौन्दर्यीकरण का कार्य भी होगा. नदी पर पुल बन जाने से जहां आसपास की कॉलोनियों और रायपुर से कुम्हारी, दुर्ग जाने वालों को सहूलियत होगी. दुर्ग और कुम्हारी के लोगों का भी रायपुर शहर और एयरपोर्ट तक आवागमन आसान होगा.
पढ़ें:-राम वन गमन पथ की कार्ययोजना तैयार, 2 हजार 260 किलोमीटर होगी लंबाई
पाथ-वे बनने से समय की होगी बचत
शिव डहरिया ने निरीक्षण के दौरान कहा कि रिवर फ्रंट योजना में प्रस्तावित एरिया में अवैध रूप से निर्मित मकानों में रहने वालों के लिए व्यवस्थापन की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि महादेव घाट से टाटीबंध होते हुए कुम्हारी तक पाथवे बनने से रायपुर और कुम्हारी के लोगों को आने-जाने में केवल 8 से 10 मिनट का समय लगेगा. अभी रायपुर से कुम्हारी तक जाने में आधा घंटा से ज्यादा समय लगता है. पाथ-वे बनने से आवागमन में समय की बचत होगी.
पढ़ें:-जामुल नगर पालिका में आवासीय पट्टा का हुआ वितरण
शहर में ट्रैफिक का दबाव होगा कम
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा महादेव घाट से टाटीबंध होते हुए दोबारा घाट तक लगभग 20 किलोमीटर का फेरा होता है. नदी किनारे मरीन ड्राइव बन जाने से यह इलाका लोगों के घूमने-टहलने और मार्निंग वॉक के लिए सुविधा होगी. इस मरीन ड्राईव के बन जाने से तेलीबांधा तालाब स्थित मरीन ड्राईव और शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा.