रायपुर : शराबबंदी छत्तीसगढ़ का एक ऐसा मुद्दा है जो विधानसभा चुनाव, निकाय चुनाव और अब लॉकडाउन में भी चर्चा का विषय बना रहा. शराबंदी को लेकर लगातार बीजेपी, कांग्रेस को घेरते आ रही है. लेकिन राज्य में बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगा है. विपक्षी नेता लगातार राज्य सरकार पर वादे से मुकरने का आरोप लगा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्री राजेश मूणत ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा था, जिस पर नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने पलटवार किया है. डहरिया ने पूर्व सीएम रमन पर आरोप लगाया है कि, 'जो लोग खुद शराब पीते हैं, वे ही शराबबंदी की मांग कर रहे हैं'. डहरिया ने कहा कि घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने समय है.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की मांग की थी. मंत्री शिव कुमार डेहरिया ने कहा कि, 'जो लोग खुद शाम को बैठकर शराब पीते हैं, वे शराबबंदी की मांग कर रहे हैं. डहरिया ने ये भी कहा कि, 'शराबबंदी के लिए राज्य सरकार ने तीन-तीन समितियां गठित की हैं. इस दिशा में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं'. साथ ही उन्होंने पूर्व बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री रमन सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पिछले 15 सालों में उन्होंने प्रदेश में शराबबंदी क्यों नहीं की. जबकि उन्होंने भी प्रदेश में शराबबंदी के दावे किए थे'.
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बीजेपी लगातार कर रही विरोध प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शराबबंदी को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही है. विपक्षी दल बीजेपी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) लगातार शराब पर पाबंदी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं. लॉकडाउन के बीच कांग्रेस सरकार ने शराब की ऑनलाइन ब्रिकी शुरू की थी, जिसे लेकर बीजेपी ने अपने घर से ही धरना प्रदर्शन किया था. इसके आलावा लगातार बीजेपी शराबबंदी को लेकर सरकार को निशाना बनाती रही है. वहीं इन सबके बीच मरवाही में उपचुनाव होने हैं, जिसमें शराबबंदी का बड़ा मुद्दा बन सकता है.