रायपुर: शारदीय नवरात्र के मौके पर पूरे देश में मां दुर्गा का पंडाल बनाया गया है. उन पंडालों में मां की आकर्षक मूर्ति सजाई गई है. इस बीच रायपुर में आजाद चौक में स्थित मां दुर्गा की प्रतिमा को हल्दी की गाठों से सजाया गया है. दुर्गा मां की प्रतिमा को ढाई सौ किलो हल्दी से सजाया गया है. इस भव्य मूर्ति के निर्माण में लगभग लाख रुपए तक का खर्च किया गया है.
माता के दर्शन को पहुंचती है मधुमक्खियां: दुर्गा उत्सव समिति के सदस्य से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान समिति के सदस्य ने बताया कि, "पिछले दो दिनों से जब भी माता रानी की आरती की जाती है, उसके बाद मधुमक्खियां माता रानी के आसपास आकर चक्कर लगने लगती है. ऐसा प्रतीत होता है कि मानों भ्रामरी देवरी माता के पास पहुंच रही हो. कहा जाता है कि हल्दी, धूप अगरबत्ती का इस्तेमाल जहां होता है, वहां पर मधुमक्खी अपना डेरा नहीं डालती हैं. यहां मधुमक्खियों का आना आश्चर्यजनक है."
ये है पौराणिक कथा: पुराणों के अनुसार अरुण नाम का राक्षस देवताओं और मनुष्य को परेशान कर रहा था. उस असुर का संहार करने के लिए मां दुर्गा ने भ्रामरी देवी का अवतार लिया था. मां दुर्गा के इस रूप को देखकर सभी देवता हैरान रह गए. क्योंकि मां दुर्गा एक विशेष अवतार में सबके सामने आई थी. उनके छह पर थे और वह मधुमक्खियां से घिरी हुई थी.
पूजा पंडाल में हर दिन उमड़ रही भक्तों की भीड़: पूजा पंडाल में आने-जाने वाले भक्तों की भीड़ पंडाल में देखते ही बनती है. मूर्ति को देखने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है. इस पंडाल में माता की मूर्ति आकर्षण का केन्द्र है. मां की प्रतिमा को काफी सुंदर रूप में सजाया गया है. वहीं, हल्दी से बनी देवी दुर्गा की बड़ी मूर्ति के नीचे मां शीतला की मूर्ति बनाई गई है. शीतला माता की मूर्ति के चारो तरफ नीम की पत्तियां रखी गई है.