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मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करना है तो देवी को भेंट करें ये भोग - नवरात्रि में मां को भोग

नवरात्र (Navratri) के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा (Maa chandraghanta) की विशेष पूजा अर्चना से खास लाभ मिलता है. कहते हैं कि इस दिन मां को सफेद पुष्प(White flower), सफेद मिठाई (White sweet) और सफेद वस्त्र (White cloth) भेंट करने से मां की असीम कृपा मनुष्य पर बनी रहती है.

Sharadiya Navratri 2021
शारदीय नवरात्र 2021
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Published : Oct 9, 2021, 1:30 PM IST

रायपुर: नवरात्र (Navratri) के तृतीया को मां चंद्रघंटा (Maa chandraghanta )की पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं कि मां का तीसरा दिन (Third day) मां के तीसरे रूप यानी कि मां चंद्रघंटा (Chanrdaghanta maa) को समर्पित होता है. इस दिन मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा का विधान है. कहा जाता है कि मां को सफेद रंग पसंद है. इसलिए इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, शक्कर का भोग (Bhog) लगाए और मां का आशीर्वाद पाएं.

चंद्रघंटा (Chandraghanta) का अर्थ होता है जिसके मस्तक पर चंद्रमा (Moon) घंटा के रूप में शोभित है. माता का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा का है. इस रूप में माँ शेर की सवारी करती हैं. जो अंदर की शक्ति है, जिस पर आरूढ रहना है. शेर कोई बाह्य जानवर नहीं है, अंदर का बल है जिसे नियंत्रित करना है. नवरात्र के तीसरे दिन माता के इस रूप की पूजा के लिए साधक का ध्यान ‘मणिपुर चक्र’ पर होता है. जो नाभि पर पर अवस्थित रहता है. साधना की दृष्टि से माना जाता है कि चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं. दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं. यहां स्मर्तव्य है कि नाभि से ही नाद की उत्पत्ति होती है. अतः ये क्षण साधक के लिए एकांत एवं अत्यंत सावधान रहने का होते हैं.

नवरात्र 2021: शेर पर सवार होकर आएंगी माता चंद्रघंटा, जानिए-पूजा की संपूर्ण विधि

मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष मंत्र

पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।

दूध से बनी मिठाई करें अर्पित

कहते हैं कि मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाइयां अधिक पसंद हैं. इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी श्वेत मिष्टान्न मां को अर्पित करने चाहिए. ऐसा करने से मां कि कृपा आप पर बनी रहेगी.

अन्य दिन मां को लगाते हैं ये भोग

  • मां शैलपुत्रीः मां शैलपुत्री 'पहाड़ों की बेटी' के रूप जानी जाती है, वह शक्तिशाली ऊर्जा देती है. जो आपको शक्ति और दृढ़ता का आशीर्वाद देती है. इन्हें देसी गाय के दूध से बना शुद्ध घी अर्पित किया जाता है. अगर पूर्णिमा की रात घी का मंथन किया हुआ अर्पण करें तो वह सर्वोतम माना जाता है.
  • मां ब्रह्मचारिणीः स्वयं पर संयम और नियंत्रण के लिए आशीर्वाद देती है. दूसरा दिन अपनी ऊर्जाओं को बढ़ाने का दिन है. इन्हें गुड़ और दूध चढ़ाया जाता है. मिठाई में सफेद रंग होना चाहिए, जैसे नारियल की मिठाई देवी को 'भोग' के रुप में अर्पित करना चाहिए.
  • मां चंद्रघंटाः इन्हें दूध से बने उत्पाद मिठाइयाँ आदि पसंदीदा हैं.
  • मां कूष्मांडाः ये प्रगति और सफलता की देवी हैं. नारियल, नारियल पानी का प्रसाद पसंद करती हैं. गुड़ से बनी मिठाई को चढ़ाया जाना आदर्श माना जाता है.
  • मां स्कंदमाताः मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें फल, विशेष रूप से केला चढ़ा सकते हैं.
  • मां कात्यायिनी: कात्यायिनी देवी के लिए आदर्श भोग शहद और गुड़ है.
  • मां कालरात्रि: दिव्य देवी कालरात्रि को प्रसाद के रूप में नारियल दिया जाना चाहिए.
  • मां महागौरी: सूखे मेवों से बना हलवा अर्पित करना चाहिए.
  • मां सिद्धिदात्री:इन्हें विशेष रूप से सेब और अनार के फल चढ़ाया जा सकता है.

हालांकि नवमी तिथि को जब मां का भव्य भोग लगता हैं. उस समय मां को नारियल की बलि के साथ हलवा, चना और पुड़ी का भोग लगाना चाहिए. इस दिन हवन का खास महत्व होता है. साथ ही जो नौ कन्याएं भोजन के लिए आपके घर आए उनको दान-दक्षिणा के साथ बच्चों के मनपसंद की चीजें भेंट करें. इससे माता रानी प्रसन्न होती है.

रायपुर: नवरात्र (Navratri) के तृतीया को मां चंद्रघंटा (Maa chandraghanta )की पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं कि मां का तीसरा दिन (Third day) मां के तीसरे रूप यानी कि मां चंद्रघंटा (Chanrdaghanta maa) को समर्पित होता है. इस दिन मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा का विधान है. कहा जाता है कि मां को सफेद रंग पसंद है. इसलिए इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, शक्कर का भोग (Bhog) लगाए और मां का आशीर्वाद पाएं.

चंद्रघंटा (Chandraghanta) का अर्थ होता है जिसके मस्तक पर चंद्रमा (Moon) घंटा के रूप में शोभित है. माता का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा का है. इस रूप में माँ शेर की सवारी करती हैं. जो अंदर की शक्ति है, जिस पर आरूढ रहना है. शेर कोई बाह्य जानवर नहीं है, अंदर का बल है जिसे नियंत्रित करना है. नवरात्र के तीसरे दिन माता के इस रूप की पूजा के लिए साधक का ध्यान ‘मणिपुर चक्र’ पर होता है. जो नाभि पर पर अवस्थित रहता है. साधना की दृष्टि से माना जाता है कि चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं. दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं. यहां स्मर्तव्य है कि नाभि से ही नाद की उत्पत्ति होती है. अतः ये क्षण साधक के लिए एकांत एवं अत्यंत सावधान रहने का होते हैं.

नवरात्र 2021: शेर पर सवार होकर आएंगी माता चंद्रघंटा, जानिए-पूजा की संपूर्ण विधि

मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष मंत्र

पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।

दूध से बनी मिठाई करें अर्पित

कहते हैं कि मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाइयां अधिक पसंद हैं. इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी श्वेत मिष्टान्न मां को अर्पित करने चाहिए. ऐसा करने से मां कि कृपा आप पर बनी रहेगी.

अन्य दिन मां को लगाते हैं ये भोग

  • मां शैलपुत्रीः मां शैलपुत्री 'पहाड़ों की बेटी' के रूप जानी जाती है, वह शक्तिशाली ऊर्जा देती है. जो आपको शक्ति और दृढ़ता का आशीर्वाद देती है. इन्हें देसी गाय के दूध से बना शुद्ध घी अर्पित किया जाता है. अगर पूर्णिमा की रात घी का मंथन किया हुआ अर्पण करें तो वह सर्वोतम माना जाता है.
  • मां ब्रह्मचारिणीः स्वयं पर संयम और नियंत्रण के लिए आशीर्वाद देती है. दूसरा दिन अपनी ऊर्जाओं को बढ़ाने का दिन है. इन्हें गुड़ और दूध चढ़ाया जाता है. मिठाई में सफेद रंग होना चाहिए, जैसे नारियल की मिठाई देवी को 'भोग' के रुप में अर्पित करना चाहिए.
  • मां चंद्रघंटाः इन्हें दूध से बने उत्पाद मिठाइयाँ आदि पसंदीदा हैं.
  • मां कूष्मांडाः ये प्रगति और सफलता की देवी हैं. नारियल, नारियल पानी का प्रसाद पसंद करती हैं. गुड़ से बनी मिठाई को चढ़ाया जाना आदर्श माना जाता है.
  • मां स्कंदमाताः मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें फल, विशेष रूप से केला चढ़ा सकते हैं.
  • मां कात्यायिनी: कात्यायिनी देवी के लिए आदर्श भोग शहद और गुड़ है.
  • मां कालरात्रि: दिव्य देवी कालरात्रि को प्रसाद के रूप में नारियल दिया जाना चाहिए.
  • मां महागौरी: सूखे मेवों से बना हलवा अर्पित करना चाहिए.
  • मां सिद्धिदात्री:इन्हें विशेष रूप से सेब और अनार के फल चढ़ाया जा सकता है.

हालांकि नवमी तिथि को जब मां का भव्य भोग लगता हैं. उस समय मां को नारियल की बलि के साथ हलवा, चना और पुड़ी का भोग लगाना चाहिए. इस दिन हवन का खास महत्व होता है. साथ ही जो नौ कन्याएं भोजन के लिए आपके घर आए उनको दान-दक्षिणा के साथ बच्चों के मनपसंद की चीजें भेंट करें. इससे माता रानी प्रसन्न होती है.

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