रायपुर: गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर के सिलतरा में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में कोई भी हिंदू खतरे में नहीं है. जो लोग हिंदुओ के लिए खतरा हैं उन पर खुद बहुत बड़ा खतरा है. निश्चलानंद सरस्वती यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि, जो हिंदुओं को काफिर कहते हैं. वह ऐसा करके अपने पूर्वजों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वह अपने पूर्वजों को काफिर कह रहे हैं. निश्चलानंद सरस्वती का दावा है कि, सबके पूवर्ज सतानतनी वैदिक आर्य हिंदू थे.
यह भी पढ़ें: सूरजपुर में किसानों की बीमा राशि में घपला: मुख्य आरोपी फरार, पीड़ितों को नहीं मिला इंसाफ
हिजाब मामले में कही ये बात
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर के सिलतरा इलाके में बने सुदर्शन शंकराचार्य आश्रम में कहा कि हम विश्व का कल्याण हो ऐसा कहते हैं. लेकिन वो लोग ऐसा नहीं सोचते. उन्होंने कहा वो तो सोचते हैं हिंदुओं का बंटाधार हो. तो जब हम कहते हैं विश्व का कल्याण हो तो विश्व में कौन है विश्व में सभी प्राणी हैं. मनुष्य, जानवर, पक्षी, कीट सब पूरे विश्व में शामिल हैं. हिंदूराष्ट्र में हर पंथ, कौम, समुदाय के योगदान का स्वागत है जो सुसंस्कृत, सुरक्षित समाज बनाने में योगदान देते हैं.
हिजाब विवाद पर निश्चलानंद ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट मेरी बात नहीं काटता
देश में हिजाब विवाद पर मचे घमासान को लेकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग आएं मैं बात करूंगा, मेरा निर्णय सुप्रीम कोर्ट भी नहीं काटता. स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि, इस मसले पर दक्षिण के नेता मेरे पास आएंगे और धर्माचार्य आएंगे तो बात करूंगा, दक्षिण के शंकराचार्य भी हैं. उनसे सारी स्थिति समझे बिना मैं बोलूं. कहीं कोई बवंडर न हो जाए. इसलिए मैं उनसे बात करके उपाय बताउंगा. सुप्रीम कोर्ट आज भी मेरा फैसला नहीं काटता.
कौन हैं निश्चलानंद सरस्वती
गोवर्धनमठ पुरी पीठ के वर्तमान में 145 वें प्रमुख शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती हैं. कहा जाता है कि, वो भारत के एक ऐसे सन्त हैं जिनसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने अगस्त 2000 में न्यूयार्क में आयोजित विश्व शांति शिखर सम्मेलन में मार्गदर्शन लिया था.