रायपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अपनी नियमितीकरण आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं, जिस पर राज्य शासन ने हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसे लेकर अब शालेय शिक्षक संघ ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है. शालेय शिक्षक संघ का कहना है कि जो सर्वथा अनुचित है, उसे हम शासन की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई का विरोध दर्ज करते हैं. साथ ही शासन से मांग करते हैं कि कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग को सरकार अविलंब पूर्ण करें.
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शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को सरकार पूरा करे. सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं. कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में भी वे सभी अपने परिवार से दूर रहकर पूरी निर्भीकता से कार्य कर रहे हैं. चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के दो साल पूरे होने वाले है, बावजूद इनकी सुध नहीं ली है.
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'कर्मचारियों के समर्थन में खड़ा है संघ'
वीरेंद्र दुबे ने कहा कि अब तक मांग पूरी नहीं होने के बाद भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी धैर्यता से अपने कर्तव्यों को पूरा करते आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब सभी कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, तो मजबूरन उन्हें हड़ताल पर उतरना पड़ा है. शालेय शिक्षक संघ पुनः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील करती है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की मांगों को पूरा करें और सभी कार्रवाई को शून्य घोषित करें. उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के समर्थन में शालेय शिक्षक संघ खड़ा है.