रायपुर: शहर में पुराने जर्जर मकानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नगर निगम सिर्फ नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में कभी भी जर्जर मकान गिरने से बड़े हादसे हो सकते हैं. रायपुर शहर में करीब 247 जर्जर भवन हादसे को न्योता दे रहे हैं.
भाजपा ने उठाए सवाल
भाजपा पार्षद दल के नेता सूर्यकांत राठौर ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि नगर निगम के अधिकारियों को किसी बात की चिंता नहीं है. किसी जर्जर मकान को ढहाने के लिए अगर नोटिस दिया गया है तो उसे समयसीमा पर ढहा देना चाहिए. ऐसा नहीं करने से कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है. जर्जर भवन के ढहने से जान-माल का नुकसान हो सकता है. लेकिन नगर निगम नोटिस जारी कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.
'कोर्ट में केस लंबित होने से कार्रवाई पर असर'
नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि ज्यादातर पुराने और जर्जर मकान का प्रकरण कोर्ट में लंबित होता है. जिसके चलते उन पर कार्रवाई नहीं हो पाती. कई पुराने मकानों में सिविल कोर्ट का स्टे होता है. इसलिए ऐसे मकानों को तोड़ने में नगर निगम कानूनी रुप से सक्षम नहीं होता. हालांकि ऐसे भवनों को नोटिस जारी किया जाता है. इस साल जर्जर मकान तोड़ने की कार्रवाई की गई है. टिकरापारा कॉलोनी में बहुत पुराने और जर्जर मकान थे. वहां से 200-250 परिवारों को शिफ्ट किया गया है.
जर्जर मकानों पर कार्रवाई: महापौर
ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर महापौर एजाज ढेबर से भी बात की. उन्होंने बताया कि रायपुर शहर में लगातार जर्जर मकानों पर कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में नगर निगम के जोन 1 और जोन 6 में कार्रवाई की गई है. आने वाले समय में भी कई जर्जर मकानों को तोड़ने का काम किया जाएगा. उन्होंने ये भी दोहराया कि कई जगहों पर नगर निगम कार्रवाई नहीं कर पाता क्योंकि वो मामले कोर्ट में लंबित होते हैं. हालांकि जहां कोई समस्या नहीं है, वहां तुरंत कार्रवाई की जाती है.
रायपुर शहर में वर्ष 2019 -2020 में जर्जर भवनों की संख्या
- जोन क्रमांक 1- 16
- जोन क्रमांक 2- 10
- जोन क्रमांक 3- 03
- जोन क्रमांक 4- 154
- जोन क्रमांक 5- 11
- जोन क्रमांक 6- 3
- जोन क्रमांक 7- 24
- जोन क्रमांक 8- 26
रायपुर शहर में 8 जोन को मिलाकर कुल 247 जर्जर भवन की संख्या है. शहर के जोन 6 में सबसे कम तीन जर्जर मकान हैं. वहीं जोन 4 में सबसे ज्यादा 154 जर्जर भवनों को चिन्हित किया गया है.
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हर साल नगर निगम कई जर्जर भवनों को नोटिस तो जारी करता है लेकिन कार्रवाई सिर्फ कुछ ही जर्जर भवनों पर की जाती है. अब देखना होगा कि निगम प्रशासन कितनी तत्परता से बाकी के जर्जर भवनों को तोड़ने में एक्शन लेता है या फिर किसी अनहोनी का इंतजार करता है.