रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने संसदीय सचिवों के बाद निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इस सूची में कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी की गई है. इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह, सत्यनारायण शर्मा और धनेंद्र साहू का नाम प्रमुख है.
वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी
कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि इन वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी यहीं खत्म होती नहीं दिख रही है. आगे भी भूपेश सरकार इन वरिष्ठ विधायकों को तवज्जो देती नजर नहीं आ रही है. दरअसल, हाल ही में ही भूपेश सरकार ने संसदीय सचिवों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 15 विधायकों के नाम शामिल थे, लेकिन इस सूची से भी इन वरिष्ठ विधायकों के नाम नदारद दिखे. इसके बाद निगम मंडल आयोग में इन वरिष्ठ नेताओं को जगह दिए जाने का कयास लगाया जा रहा था, लेकिन उस सूची में भी इन वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं दी गई.
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पहली सूची में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम नदारद
भूपेश सरकार द्वारा जारी सूची में आयोग, निगम और मंडल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों के पदों पर कुल 32 नेताओं को समायोजित किया गया है. संसदीय सचिव बनाए गए विधायकों में रायपुर संभाग के 5, सरगुजा के 4, दुर्ग के 3, बस्तर के 2 और बिलासपुर का 1 विधायक शामिल हैं, लेकिन निगम, मंडल, आयोग की जारी पहली सूची में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम नदारद हैं. उन्हें इस सूची में जगह नहीं दी गई है. खासकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह, सत्यनारायण शर्मा और धनेंद्र साहू का नाम प्रमुख है. इन तीनों नेताओं को न तो मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, न ही संसदीय सचिव बनाया गया और न ही निगम मंडल आयोग में इन्हें जगह दी गई.
- रामपुकार सिंह 8 बार रह चुके हैं विधायक
- इस बार विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर भी बनाए गए थे.
- सत्यनारायण शर्मा 7 बार रह चुके हैं विधायक
- अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.
- धनेंद्र साहू 5 बार रह चुके हैं विधायक
- साल 2008 से 2011 के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं धनेंद्र साहू
कई कांग्रेस नेताओं में असंतोष
इसके अलावा अमितेश शुक्ल, बृहस्पति सिंह देव, अरविंद नेताम, रमेश वर्ल्यानी और अटल श्रीवास्तव सहित कई विधायक और वरिष्ठ नेता है, जिन्हें संसदीय सचिव सहित निगम मंडल आयोग में जगह मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया. हालांकि ये नेता खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर उनमें भी असंतोष व्याप्त है. इन नेताओं को भी यह लगने लगा है कि पार्टी अब उन्हें किनारा करने में लगी है.
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हाईकमान के हाथों में आखिरी फैसला
हालांकि पार्टी का कहना है कि अभी कुछ ही आयोग, निगम, मंडलों में नियुक्तियां की गई है. अभी भी बहुत सारे ऐसे निगम, मंडल, आयोग खाली है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि धनेश साहू और सत्यनारायण शर्मा पार्टी के वरिष्ठतम नेता हैं और उनके बारे में हाईकमान ही निर्णय लेगी, लेकिन इनके अलावा जो दूसरे नेता हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी तो पहली सूची जारी की गई है. इसके अलावा भी कई निगम, मंडल, आयोग है जहां नियुक्तियां होना शेष है.
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अब अगली सूची का इंतजार
कांग्रेस चाहे कुछ भी कहे, लेकिन ये बात जरूर खुलकर सामने आई है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जिन्हें पार्टी ने लूप लाइन में डाल दिया है. इन नेताओं को विशेष तवज्जो नहीं दी जा रही है और यही कारण है कि मंत्री, संसदीय सचिव सहित निगम, मंडल, आयोग में भी इन्हें जगह नहीं दी गई है. हालांकि नेता भी खुलकर इसका विरोध नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि उन्हें भी पता है कि यदि वे पार्टी में रहते हुए विरोध करेंगे तो हो सकता है उन्हें पार्टी बाहर का रास्ता दिखा दे, और ऐसे में 15 साल बाद सत्ता पर काबिज पार्टी से बाहर निकलने के बाद उनके पास कुछ नहीं रह जाएगा. अब देखने वाली बात है कि आगामी सूचियों में इन नेताओं को शामिल किया जाता है या फिर उन सूचियों से भी इन नेताओं के नाम गायब रहते हैं.