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रायपुर में स्कूल सफाई कर्मचारियों ने मुंडन कराकर किया प्रदर्शन

रायपुर में स्कूल सफाई कर्मचारियों ने आज अपनी मांगों को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया. आज स्कूल सफाई कर्मचारियों ने मुंडर कराकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन (school sanitation workers in Raipur protest with mundan) किया.

protest with mundan
मुंडन कराकर किया प्रदर्शन
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Published : Jun 18, 2022, 10:48 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले सफाईकर्मी अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 7 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (school sanitation workers in Raipur protest with mundan) बैठे हैं. इस दौरान स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी सरकार को जगाने के लिए तरह-तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार के द्वारा इनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है. शनिवार को सफाई कर्मचारियों ने मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार इनकी मांगों को नहीं सुनती तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र हो जाएगा.

छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ

विधानसभा चुनाव में सरकार को हार का सामना करना पड़ेगा: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 7 मार्च से धरने पर बैठे स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को जगाने के लिए अलग-अलग तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं. आज मुंडन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मुंडन कार्यक्रम से सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि एक जीवित और एक मरे हुए व्यक्ति में कितना अंतर है. सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं कर रही है. ऐसे में हम मरे हुए के समान है. स्कूल सफाई कर्मचारियों ने आने वाले समय में बस्तर घेराव करने के साथ ही इशारों ही इशारों में आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को हार का सामना करना पड़ सकता है की चेतावनी दे दी.

क्यों हो रहा प्रदर्शन: स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के लोगों ने बताया कि 100 दिन से अधिक हो गए हैं. लेकिन सरकार बात नहीं सुन रही है. जिसके कारण उग्र आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. 14 जून से उग्र आंदोलन चल रहा है. यह 18 जून तक चला. 14 जून को हवन जाप का कार्यक्रम रखा गया. 15 जून को शोभायात्रा निकाली गई.16 जून को सामूहिक इस्तीफा. 17 जून को जल सत्याग्रह और 18 जून को मुंडन कार्यक्रम आयोजित किया गया.

कितना है मानदेय: कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि साल 2011 से छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी काम करते आ रहे हैं. वर्तमान में सरकार 2300 प्रतिमाह मानदेय दे रही है. आज के समय में इतने मानदेय में परिवार का भरण-पोषण कर पाना संभव नहीं है. 2018 में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि कर्मचारियों को अंशकालीन से पूर्णकालीन नियमित किया जाएगा. सत्ता में आने के बाद विधायक और मंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की मांग की गई थी. बजट सत्र 2022 में इसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें: Bemetara Viral Video: बेमेतरा में स्कूल पढ़ने गए बच्चे कर रहे टॉयलेट की सफाई

कब तक चलेगा आंदोलन: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि कर्मचारी स्कूल में दिन भर काम करते हैं लेकिन हमें सिर्फ 2300 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है. संघ की मांग है कि अंशकालीन से पूर्ण कालीन करते हुए उन्हें नियमित किया जाए. जिस तरह सत्ता में आने से पहले वादा किया गया था, सरकार अपना वादा निभाए जब तक मांगें पूरी नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले सफाईकर्मी अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 7 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (school sanitation workers in Raipur protest with mundan) बैठे हैं. इस दौरान स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी सरकार को जगाने के लिए तरह-तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार के द्वारा इनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है. शनिवार को सफाई कर्मचारियों ने मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार इनकी मांगों को नहीं सुनती तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र हो जाएगा.

छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ

विधानसभा चुनाव में सरकार को हार का सामना करना पड़ेगा: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 7 मार्च से धरने पर बैठे स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को जगाने के लिए अलग-अलग तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं. आज मुंडन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मुंडन कार्यक्रम से सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि एक जीवित और एक मरे हुए व्यक्ति में कितना अंतर है. सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं कर रही है. ऐसे में हम मरे हुए के समान है. स्कूल सफाई कर्मचारियों ने आने वाले समय में बस्तर घेराव करने के साथ ही इशारों ही इशारों में आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को हार का सामना करना पड़ सकता है की चेतावनी दे दी.

क्यों हो रहा प्रदर्शन: स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के लोगों ने बताया कि 100 दिन से अधिक हो गए हैं. लेकिन सरकार बात नहीं सुन रही है. जिसके कारण उग्र आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. 14 जून से उग्र आंदोलन चल रहा है. यह 18 जून तक चला. 14 जून को हवन जाप का कार्यक्रम रखा गया. 15 जून को शोभायात्रा निकाली गई.16 जून को सामूहिक इस्तीफा. 17 जून को जल सत्याग्रह और 18 जून को मुंडन कार्यक्रम आयोजित किया गया.

कितना है मानदेय: कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि साल 2011 से छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी काम करते आ रहे हैं. वर्तमान में सरकार 2300 प्रतिमाह मानदेय दे रही है. आज के समय में इतने मानदेय में परिवार का भरण-पोषण कर पाना संभव नहीं है. 2018 में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि कर्मचारियों को अंशकालीन से पूर्णकालीन नियमित किया जाएगा. सत्ता में आने के बाद विधायक और मंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की मांग की गई थी. बजट सत्र 2022 में इसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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कब तक चलेगा आंदोलन: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि कर्मचारी स्कूल में दिन भर काम करते हैं लेकिन हमें सिर्फ 2300 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है. संघ की मांग है कि अंशकालीन से पूर्ण कालीन करते हुए उन्हें नियमित किया जाए. जिस तरह सत्ता में आने से पहले वादा किया गया था, सरकार अपना वादा निभाए जब तक मांगें पूरी नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा.

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