रायपुर: अब आम लोगों को 30 साल पुरानी रजिस्ट्री को लेने के लिए पंजीयन विभाग में चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा. पंजीयन विभाग के द्वारा इसके लिए दस्तावेज का स्कैन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इस कार्य के पूरा हो जाने के बाद जल्द ही कंप्यूटर पर कमांड देने के बाद सारे दस्तावेज ऑनलाइन चंद मिनटों में ही मिल सकेंगे. प्रदेश भर में पंजीयन विभाग इस व्यवस्था को लागू करने जा रहा है. पंजीयन विभाग ने 30 साल पुराने दस्तावेज का रिकॉर्ड कंप्यूटर में अपलोड करना शुरू कर दिया है और इसमें लगभग 1 साल का समय लगेगा.
नई व्यवस्था के तहत 30 साल पुराने दस्तावेजों को किया जा रहा है स्कैन
सन 1985 से लेकर 2015 तक के पुराने दस्तावेज की जानकारी क्रेता और विक्रेता को क्लिक करते ही चंद मिनटों में मिल सकेगी. वैसे तो पंजीयन विभाग में ऑनलाइन दस्तावेज 2016 से अब तक मिल रहे थे. लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत लोगों को 30 साल पुराने दस्तावेज भी मिल सकेंगे. इसके लिए पंजीयन विभाग ने दो अलग-अलग प्राइवेट कंपनी को काम दिया है. कंपनी के कर्मचारी प्रदेशभर के पंजीयन कार्यालय में जाकर पुरानी फाइलों को कंप्यूटर में स्कैन करने का काम शुरू कर चुके हैं. जिला पंजीयक बीएस नायक का कहना है कि, आप लोगों को 30 साल पुराना डाटा ऑनलाइन होने से क्रेता और विक्रेता को रिकॉर्ड लेने के लिए इंतजार करना नहीं पड़ेगा.
दस्तावेज स्कैन करने के लिए 2 कंपनी को दिया गया ठेका
पंजीयन कार्यालय में दस्तावेज को स्कैन करने के लिए दो कंपनी को काम दिया गया है. जिसमें पहला मैसर्स नील डाटा आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली और दूसरा मैसर्स सिल्वर टच टेक्नोलॉजी लिमिटेड अहमदाबाद गुजरात है.
ई पंजीयन सिस्टम अर्थात 2016 के पहले के दस्तावेजों को स्कैनिंग के लिए चिप्स के द्वारा निविदा जारी की गई थी. 30 जुलाई को इसके लिए सभी पंजीयन और उप पंजीयन कार्यालयों को नोटिफिकेशन महा निरीक्षक पंजीयक कार्यालय से भेज दिया गया था. जिसके बाद यह कवायद शुरू हो गई है.