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पीएम आवास योजना में गरीबों से भद्दा मजाक, बिना घर बनवाए भेजा बधाई संदेश

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Published : Oct 13, 2019, 12:49 PM IST

Updated : Oct 13, 2019, 1:33 PM IST

रायपुर के गोबरा नवापारा में पीएम आवास योजना में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां योजना के तहत लोगों को अब तक मकान बनकर नहीं मिल पाया है. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें मकान मिलने का बधाई संदेश भेज दिया गया है. जिससे लोगों में भारी नाराजगी है.

पीएम आवास योजना में लापरवाही

रायपुरः राजधानी रायपुर के गोबरा नवापारा के गरीबों से भद्दा मजाक हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोग आशियाने का सपना देख रहे थे जो अब चकनाचूर हो चुका है. यह सब योजना में अधिकारियों की तरफ से बरती गई लापरवाही की वजह से हुआ है. आवेदन करने के बावजूद आज तक उन्हें कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाई हैं. जिससे कि यह लोग अपना मकान बना सकें, लोग अभी भी सरकारी मदद की राह देख रहे हैं. बस्ती के लोग जनप्रतिनिधियों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं.

पीएम आवास योजना में लापरवाही

हद तो तब हो गई जब प्रशासन ने इन्हें मकान बनवाकर देने की बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया. और मकान निर्माण कराए बिना ही मकान बनने का बधाई संदेश भेज दिया. जिसकी वजह से बस्ती के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है. और जब यहां के निवासी दफ्तरों में शिकायत करने जाते हैं तो अधिकारी उनकी शिकायतों को अनसुना कर देते हैं

बधाई पत्र भेजा गया
नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 15 में देवार जाति के लोग रहते है. बस्ती में लगभग 65 परिवार 50 वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बस्ती वासियों ने बताया कि उन्होंने PM आवास योजना के लिए कई बार आवेदन किया है. इस पर प्रशासन की ओर से सर्वे भी किया गया है, लेकिन अब तक उन्हें शासन की ओर से किसी प्रकार की योजना का फायदा नहीं मिल पाया है. वहीं एक महीने पहले बस्ती वालों को योजना का बधाई पत्र भेज दिया गया. जिसमें मकान बनकर तैयार होने और मिलने की बात लिखी गई है. जिससे लोगों में भारी गुस्सा है

PM आवास योजना में फर्जीवाड़ा
ETV भारत ने जब बस्तीवासियों से मुलाकात की तो उन्होंने प्रशासन से मिले बधाई पत्र के बारे में बताया. इस पत्र में साफ लिखा है कि 'पक्का मकान ना केवल जिंदगी में बदलाव लाता है बल्कि समाजिक आत्म सम्मान को भी बढ़ाता है'.यह पत्र संयुक्त सचिव की ओर से भेजा गया है. बस्तीवालों का आरोप है कि इलाके में काम देखे बगैर अधिकारियों ने यह लेटर भेज दिया. लोग अब इस मामले में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं.

पढ़ेंः-जेलों में बंद आदिवासियों पर सियासत, केदार कश्यप ने अधिकारियों पर फोड़ा ठीकरा

जब पीएम आवास योजना में इस तरह की लापरवाही हो सकती है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूसरी योजनाओं का क्या हश्र होता होगा.

रायपुरः राजधानी रायपुर के गोबरा नवापारा के गरीबों से भद्दा मजाक हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोग आशियाने का सपना देख रहे थे जो अब चकनाचूर हो चुका है. यह सब योजना में अधिकारियों की तरफ से बरती गई लापरवाही की वजह से हुआ है. आवेदन करने के बावजूद आज तक उन्हें कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाई हैं. जिससे कि यह लोग अपना मकान बना सकें, लोग अभी भी सरकारी मदद की राह देख रहे हैं. बस्ती के लोग जनप्रतिनिधियों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं.

पीएम आवास योजना में लापरवाही

हद तो तब हो गई जब प्रशासन ने इन्हें मकान बनवाकर देने की बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया. और मकान निर्माण कराए बिना ही मकान बनने का बधाई संदेश भेज दिया. जिसकी वजह से बस्ती के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है. और जब यहां के निवासी दफ्तरों में शिकायत करने जाते हैं तो अधिकारी उनकी शिकायतों को अनसुना कर देते हैं

बधाई पत्र भेजा गया
नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 15 में देवार जाति के लोग रहते है. बस्ती में लगभग 65 परिवार 50 वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बस्ती वासियों ने बताया कि उन्होंने PM आवास योजना के लिए कई बार आवेदन किया है. इस पर प्रशासन की ओर से सर्वे भी किया गया है, लेकिन अब तक उन्हें शासन की ओर से किसी प्रकार की योजना का फायदा नहीं मिल पाया है. वहीं एक महीने पहले बस्ती वालों को योजना का बधाई पत्र भेज दिया गया. जिसमें मकान बनकर तैयार होने और मिलने की बात लिखी गई है. जिससे लोगों में भारी गुस्सा है

PM आवास योजना में फर्जीवाड़ा
ETV भारत ने जब बस्तीवासियों से मुलाकात की तो उन्होंने प्रशासन से मिले बधाई पत्र के बारे में बताया. इस पत्र में साफ लिखा है कि 'पक्का मकान ना केवल जिंदगी में बदलाव लाता है बल्कि समाजिक आत्म सम्मान को भी बढ़ाता है'.यह पत्र संयुक्त सचिव की ओर से भेजा गया है. बस्तीवालों का आरोप है कि इलाके में काम देखे बगैर अधिकारियों ने यह लेटर भेज दिया. लोग अब इस मामले में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं.

पढ़ेंः-जेलों में बंद आदिवासियों पर सियासत, केदार कश्यप ने अधिकारियों पर फोड़ा ठीकरा

जब पीएम आवास योजना में इस तरह की लापरवाही हो सकती है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूसरी योजनाओं का क्या हश्र होता होगा.

Intro:रायपुर

हर इंसान की ख्वाहिश होती है उसके सर के ऊपर एक छत हो उसका एक अपना आशियाना हो,रायपुर जिले के गोबरा नवापारा के रहने वाले कई लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर बनने का सपना देख रहे थे, आवेदन करने के बावजूद आज तक इन्हें कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाई जिससे कि वे अपना मकान बना सकें, यह लोग अभी सरकारी मदद की राह देख रहे हैं कई नेताओं और दफ्तरों के चक्कर भी काट चुके हैं । प्रशासन ने उनके जख्मों पर उस वक्त नमक छिड़कने का काम किया जब इन्हें मकान बनने का बधाई संदेश भेजा गया।।
अब यह लोग इन बधाई संदेश को पढ़कर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं आशियाना तो मिला नहीं लेकिन चुगली करते हुए बधाई जरूर मिल गई।।गरीबी का एस्से भद्दा मजाक और क्या हो सकता है लेकिन हमारे जिम्मेदार अधिकारियों को इससे क्या उन्हें लोगों की भावनाओं की हो रही खिलवाड़ से कोई मतलब नही।।


बाईट

स्थानीय निवासी


नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 15 देवार बस्ती के लोगों से सरकार ने बहुत बड़ा बड़ा मजाक किया है, दरअसल पिछले 50 सालों से बस्ती के लोग झुग्गी झोपड़ी में रह कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं वहीं उनकी कई पीढ़ियां इन झोपड़ियों में रह रही है,
आवास योजना के लिए कई बार आवेदन किए गए सर्वे हुआ लेकिन किसी भी प्रकार से आज तक उन्हें कोई आवास की सुविधा नहीं कि दी गई, वहीं इसी बीच एक महीना पहले बस्ती के लोगों के पास आवास बनने पर बधाई तर




Body:जिस तरह से इस पत्र में साफ लिखा है कि पक्का मकान ना केवल जिंदगी में बदलाव लाता है बल्कि आत्म सम्मान को भी बढ़ाता है अब ऐसे लोगों के ऊपर क्या गुजर रही होगी जिन्हें पक्का मकान का वादा देकर सिर्फ बधाई संदेश पकड़ा दिया गया । क्या इस पत्र को भेजने वाले अधिकारियों के पास क्या इन लोगो के आत्मसम्मान का खयाल है ?


Conclusion:आज तक मकान नहीं बनने के बाद भी बधाई संदेश जारी होने का एक मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के मध्य में घपला किया गया है . हालांकि इसकी सच्चाई किसी उच्च स्तरीय जांच से ही सामने आएगी फिलहाल बिना आवास के बधाई प्राप्त करने वाले लोग बेहद निराश हैं....




रिपोर्टर

सिद्धार्थ श्रीवासन
Last Updated : Oct 13, 2019, 1:33 PM IST
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