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Sawan Putrada Ekadashi 2022: जानिए क्यों रखा जाता है पुत्रदा एकादशी का व्रत - भगवान श्री विष्णु

हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का खास महत्व होता है. इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा, इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है

Sawan Putrada Ekadashi 2022
सावन पुत्रदा एकादशी 2022
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Published : Aug 2, 2022, 1:45 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 9:30 AM IST

रायपुर: सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं, इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं. इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. बता दें कि एकादशी हर महीने में दो बार पड़ती है. एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होता है.

संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है ये व्रत: कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने वाले व इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है. ऐसे ही पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस व्रत को रखने से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है.

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त: श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त के दिन सोमवार को किया जाएगा. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का प्रारंभ 7 अगस्त 2022 के दिन रविवार रात 11:50 से होगा. एकादशी तिथि का समापन 8 अगस्त 2022 दिन सोमवार को रात 9:00 बजे होगा. पुत्रदा एकादशी का पारण 9 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को 5:46 से 8:26 तक होगा.

यह भी पढ़ें: Kamika Ekadashi 2022: कामिका एकादशी का महत्व और पूजा विधि

ऐसे करें पूजा: इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को नहाते समय गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस पूजा के लिए भगवान श्री विष्णु की फोटो सामने रख कर, दिया जलाकर व्रत का संकल्प लेकर कलश स्थापना करनी चाहिए. फिर उसका कलश को लाल वस्त्र से बांधकर उसकी पूजा करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा रखकर उसे स्नानादि से शुद्ध कर नया वस्त्र पहनाएं. इसके बाद धूप, दीप आदि से विधिवत भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना तथा आरती करें. वह भगवान विष्णु को फलों का भोग लगाकर प्रसाद बांटे. भगवान विष्णु को अपने सामर्थ्य अनुसार पुष्प, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बैर, आंवला आदि अर्पित करें.

रायपुर: सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं, इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं. इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. बता दें कि एकादशी हर महीने में दो बार पड़ती है. एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होता है.

संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है ये व्रत: कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने वाले व इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है. ऐसे ही पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस व्रत को रखने से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है.

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त: श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त के दिन सोमवार को किया जाएगा. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का प्रारंभ 7 अगस्त 2022 के दिन रविवार रात 11:50 से होगा. एकादशी तिथि का समापन 8 अगस्त 2022 दिन सोमवार को रात 9:00 बजे होगा. पुत्रदा एकादशी का पारण 9 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को 5:46 से 8:26 तक होगा.

यह भी पढ़ें: Kamika Ekadashi 2022: कामिका एकादशी का महत्व और पूजा विधि

ऐसे करें पूजा: इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को नहाते समय गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस पूजा के लिए भगवान श्री विष्णु की फोटो सामने रख कर, दिया जलाकर व्रत का संकल्प लेकर कलश स्थापना करनी चाहिए. फिर उसका कलश को लाल वस्त्र से बांधकर उसकी पूजा करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा रखकर उसे स्नानादि से शुद्ध कर नया वस्त्र पहनाएं. इसके बाद धूप, दीप आदि से विधिवत भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना तथा आरती करें. वह भगवान विष्णु को फलों का भोग लगाकर प्रसाद बांटे. भगवान विष्णु को अपने सामर्थ्य अनुसार पुष्प, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बैर, आंवला आदि अर्पित करें.

Last Updated : Aug 8, 2022, 9:30 AM IST
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