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Sawan Special 2023: भगवान शिव को समर्पित सावन माह, एक्सपर्ट से जानिए सावन और शिव का संबंध - हेमू यदु पुरातत्वविद

Sawan Special 2023: सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पूरे माह शिवभक्त भगवान शिव की पूजा आराधना में लीन रहते हैं. ये महीना भगवान शिव को क्यों समर्पित है? जानने के लिए आगे पढ़ें...

Sawan Special 2023
सावन स्पेशल 2023
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Published : Jul 2, 2023, 7:10 PM IST

Updated : Jul 4, 2023, 9:39 AM IST

सावन में शिव की पूजा

रायपुर: सावन का महीना शुरू हो गया है. जो 31 अगस्त तक चलेगा. इस बार दो माह सावन होने के कारण शिवभक्तों को भगवाव शिवजी की पूजा के लिए अधिक वक्त मिल रहा है. इस सावन 8 सोमवार पड़ रहे हैं. सावन महीने में ही हरेली और रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. पूरे सावन माह शिवालय में भगवान शंकर की बेलपत्र, धतूरा, आक से विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

सावन में शिव की पूजा का रहस्य: आखिर सावन माह में ही भगवान शिव की आराधना और पूजा अर्चना क्यों की जाती है. पंडित मनोज शुक्ला और ज्योतिष पंडित विनीत शर्मा इसके पीछे पौराणिक वजह बताते हैं तो वहीं पुरातत्वविद हेमू यदु प्रकृति को ही इसका कारण बताते हैं. इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पंडित, ज्योतिष और पुरातत्वविद बातचीत की आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?

देवशयनी एकादशी के बाद भगवान शिव और उनके परिवार का पूजन शुरू हो जाता है. जैसे सावन में शिवजी की पूजा, नागपंचमी पर नाग की पूजा, पोला के दिन नंदी बैल की पूजा, तीजा के दिन शिव-पार्वती जी की पूजा, भादो माह में 11 दिन गणेश जी की पूजा और नवरात्र पक्ष में दुर्गा देवी की पूजा, शरद पूर्णिमा में चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस तरह 4 महीने के चौमासे में पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु राजा बलि के घर पाताल लोक में आतिथ्य स्वीकार करने जाते हैं. -पंडित मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर के पुजारी

पौराणिक मान्यता के अनुसार दक्ष पुत्री ने अगले जन्म में माता पार्वती के रूप में जन्म लिया था. माता पार्वती ने भोलेनाथ को फिर से पति रूप में पाने के लिए सावन माह में ही शिव की आराधना की थी. इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में धारण किया. इसके कारण यह महीना कुंवारी कन्याओं द्वारा शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसी मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं इस महीने में शिव की पूजा उपासना और अभिषेक करती हैं, तो उन्हें मन चाहा वर मिलता है. -पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिष

महादेव देवों के देव हैं. महादेव ओम को नमस्कार करते हैं. भगवान भोलेनाथ प्रथम देव के रूप में जाने जाते हैं. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती है, जिसमें 4 सोमवार होते हैं. लेकिन साल 2023 में सावन के महीने में 8 सोमवार तक भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाएगी. सावन के महीने में भोलेनाथ को बेलपत्र और जल चढ़ाकर जो पूजा आराधना की जाती है. इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण यह है कि प्रकृति पूरे यौवन में रहती है. चारों ओर हरियाली देखने को मिलती है. इसलिए देवता भी प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करते हैं. सावन के महीने में किसान अच्छी फसल की कामना को लेकर प्रकृति के देव महादेव की पूजा आराधना करते हैं. -हेमू यदु, पुरातत्वविद

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पूरा सावन भगवान शिव को समर्पित: सावन का माह भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन में पड़ने वाले सोमवार को खास विधि से भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. यही कारण है कि सावन में भक्त भगवान भोलेनाथ की खास विधि से पूजा-अर्चना करते हैं.

सावन में शिव की पूजा

रायपुर: सावन का महीना शुरू हो गया है. जो 31 अगस्त तक चलेगा. इस बार दो माह सावन होने के कारण शिवभक्तों को भगवाव शिवजी की पूजा के लिए अधिक वक्त मिल रहा है. इस सावन 8 सोमवार पड़ रहे हैं. सावन महीने में ही हरेली और रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. पूरे सावन माह शिवालय में भगवान शंकर की बेलपत्र, धतूरा, आक से विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

सावन में शिव की पूजा का रहस्य: आखिर सावन माह में ही भगवान शिव की आराधना और पूजा अर्चना क्यों की जाती है. पंडित मनोज शुक्ला और ज्योतिष पंडित विनीत शर्मा इसके पीछे पौराणिक वजह बताते हैं तो वहीं पुरातत्वविद हेमू यदु प्रकृति को ही इसका कारण बताते हैं. इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पंडित, ज्योतिष और पुरातत्वविद बातचीत की आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?

देवशयनी एकादशी के बाद भगवान शिव और उनके परिवार का पूजन शुरू हो जाता है. जैसे सावन में शिवजी की पूजा, नागपंचमी पर नाग की पूजा, पोला के दिन नंदी बैल की पूजा, तीजा के दिन शिव-पार्वती जी की पूजा, भादो माह में 11 दिन गणेश जी की पूजा और नवरात्र पक्ष में दुर्गा देवी की पूजा, शरद पूर्णिमा में चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस तरह 4 महीने के चौमासे में पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु राजा बलि के घर पाताल लोक में आतिथ्य स्वीकार करने जाते हैं. -पंडित मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर के पुजारी

पौराणिक मान्यता के अनुसार दक्ष पुत्री ने अगले जन्म में माता पार्वती के रूप में जन्म लिया था. माता पार्वती ने भोलेनाथ को फिर से पति रूप में पाने के लिए सावन माह में ही शिव की आराधना की थी. इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में धारण किया. इसके कारण यह महीना कुंवारी कन्याओं द्वारा शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसी मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं इस महीने में शिव की पूजा उपासना और अभिषेक करती हैं, तो उन्हें मन चाहा वर मिलता है. -पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिष

महादेव देवों के देव हैं. महादेव ओम को नमस्कार करते हैं. भगवान भोलेनाथ प्रथम देव के रूप में जाने जाते हैं. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती है, जिसमें 4 सोमवार होते हैं. लेकिन साल 2023 में सावन के महीने में 8 सोमवार तक भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाएगी. सावन के महीने में भोलेनाथ को बेलपत्र और जल चढ़ाकर जो पूजा आराधना की जाती है. इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण यह है कि प्रकृति पूरे यौवन में रहती है. चारों ओर हरियाली देखने को मिलती है. इसलिए देवता भी प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करते हैं. सावन के महीने में किसान अच्छी फसल की कामना को लेकर प्रकृति के देव महादेव की पूजा आराधना करते हैं. -हेमू यदु, पुरातत्वविद

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Last Updated : Jul 4, 2023, 9:39 AM IST
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