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SPECIAL : कहीं 'बैलगाड़ी' न बन जाए डीजल गाड़ियां

देश में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातर बढ़ रहे हैं. डीजल की कीमत रिकॉर्ड तोड़ते हुए पेट्रोल के रेट से ज्यादा हो गई है. इसका असर भी मार्केट में देखने को मिल रहा है. शोरूम के मैनेजर का कहना है कि पहले लगभग 60 फीसदी कारें डीजल की बिकती थी और 40 फीसदी पेट्रोल कार की, लेकिन आज लगभग 70 फीसदी पेट्रोल कार बिक रही है और मात्र 30 फीसदी डीजल कार की बिक्री हो रही है.

Sales of diesel vehicles decreased
डीजल गाड़ियों को ग्राहकों की ना
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Published : Jul 16, 2020, 10:07 AM IST

Updated : Jul 16, 2020, 10:22 AM IST

रायपुर : देश में डीजल और पेट्रोल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं खासकर डीजल की बात की जाए तो डीजल के दाम आसमान छूते जा रहे हैं. एक समय था जब डीजल के दाम पेट्रोल के दाम से काफी कम होते थे. लेकिन अब डीजल के दाम पेट्रोल की कीमत से भी ज्यादा हो चुके हैं. बढ़ती कीमतों की वजह से सबसे ज्यादा असर डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर पड़ रहा है. आलम यह है कि कई कंपनियों ने डीजल से चलने वाली गाड़ी बनाना बंद कर दिया है और जो कंपनियां डीजल के वाहन बना रही है उसकी बिक्री का ग्राफ भी लगातार गिरता जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक 100 गाड़ियों में से सिर्फ 25-30 डीजल की ही गाड़ियां ही बिक रही है जबकि यह आंकड़ा पहले बिल्कुल उल्टा था.

डीजल गाड़ियों को ग्राहकों की ना
रायपुर में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा

लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बेहतर कारोबार देखने को मिला है. जून 2020 में जयपुर ( राजस्थान )के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है. रायपुर में मई महीने में जहां 7603 बाइक बिकी थी वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गया.

किसानों ने 3000 नए ट्रैक्टर खरीदे

इसी तरह मई महीने में 1107 कार बिकी थी वहीं जून में संख्या बढ़कर 2889 हो गई. आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल में 891 वाहन, मई में 9661 वाहन और जून में 32,982 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालय में हुआ है. साथ ही राज्य में किसानों ने 3000 नए ट्रैक्टर भी खरीदे हैं.

Sales of diesel vehicles decreased
घटे डीजल कार के ग्राहक

पढ़ें-SPECIAL: अब जल्द ही आप कहेंगे, एक कप बस्तर की कॉफी हो जाए...

इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा बिक्री पेट्रोल वाहनों की हुई है और डीजल वाहनों के बिक्री का आंकड़ा काफी कम है. एक अनुमान के मुताबिक लगभग 25 से 30 फीसदी डीजल कार और ट्रैक्टर की बिक्री का अनुमान है.

डीजल कार की बिक्री में आई कमी

लगातार डीजल कार की बिक्री में आई कमी को लेकर जब ग्राहकों से बात की गई तो उनका कहना था कि डीजल की कार काफी महंगी आती थी फिर भी वे पेट्रोल कार की अपेक्षा डीजल कार खरीदते थे. क्योंकि पहले डीजल के दाम पेट्रोल से काफी कम होते थे. लेकिन जिस तरह से डीजल के दाम बढ़े हैं और अब तो डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया है, इस कारण वे डीजल कार की जगह पेट्रोल कार लेने का मन बना रहे हैं.

पढ़ें-SPECIAL: छात्रों के परिजनों की मांग, कोरोना काल में न खोले जाएं स्कूल

कांग्रेस का बीजेपी सरकार पर निशाना

डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस में डीजल कार की बिक्री कम होने और निर्माण बंद होने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है तब से 458 बार डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए हैं. शुक्ला ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़े तो मोदी सरकार ने डीजल पेट्रोल के दाम भी बढ़ा दिए. लेकिन जब वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई तो केंद्र सरकार ने डीजल पेट्रोल के दामों में कमी नहीं की बल्कि टैक्स बढ़ाकर जनता के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाल दिया और सरकारी खजाने को भरने का काम किया.

देश में बढ़ी महंगाई

सुशील आनंद शुक्ला का यह भी कहना है कि लगातार बढ़ती डीजल की कीमतों की वजह से महंगाई बढ़ रही है. क्योंकि ज्यादातर परिवहन में डीजल वाहनों का उपयोग किया जाता है और इस वजह से यदि परिवहन पर ज्यादा खर्च किया जाता है तो उसका सीधा असर वस्तुओं के दामों पर पड़ता है.

बीजेपी ने किया आरोपों का खंडन

वहीं भाजपा का कहना है कि डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम स्थाई नहीं है. यह अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार घटते बढ़ते रहते हैं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने तो यह तक दावा किया है कि जितने पेट्रोल डीजल के दाम यूपीए की सरकार के समय बढ़ाया गए थे उतने कभी नहीं बढ़े हैं.

रायपुर : देश में डीजल और पेट्रोल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं खासकर डीजल की बात की जाए तो डीजल के दाम आसमान छूते जा रहे हैं. एक समय था जब डीजल के दाम पेट्रोल के दाम से काफी कम होते थे. लेकिन अब डीजल के दाम पेट्रोल की कीमत से भी ज्यादा हो चुके हैं. बढ़ती कीमतों की वजह से सबसे ज्यादा असर डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर पड़ रहा है. आलम यह है कि कई कंपनियों ने डीजल से चलने वाली गाड़ी बनाना बंद कर दिया है और जो कंपनियां डीजल के वाहन बना रही है उसकी बिक्री का ग्राफ भी लगातार गिरता जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक 100 गाड़ियों में से सिर्फ 25-30 डीजल की ही गाड़ियां ही बिक रही है जबकि यह आंकड़ा पहले बिल्कुल उल्टा था.

डीजल गाड़ियों को ग्राहकों की ना
रायपुर में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा

लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बेहतर कारोबार देखने को मिला है. जून 2020 में जयपुर ( राजस्थान )के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है. रायपुर में मई महीने में जहां 7603 बाइक बिकी थी वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गया.

किसानों ने 3000 नए ट्रैक्टर खरीदे

इसी तरह मई महीने में 1107 कार बिकी थी वहीं जून में संख्या बढ़कर 2889 हो गई. आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल में 891 वाहन, मई में 9661 वाहन और जून में 32,982 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालय में हुआ है. साथ ही राज्य में किसानों ने 3000 नए ट्रैक्टर भी खरीदे हैं.

Sales of diesel vehicles decreased
घटे डीजल कार के ग्राहक

पढ़ें-SPECIAL: अब जल्द ही आप कहेंगे, एक कप बस्तर की कॉफी हो जाए...

इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा बिक्री पेट्रोल वाहनों की हुई है और डीजल वाहनों के बिक्री का आंकड़ा काफी कम है. एक अनुमान के मुताबिक लगभग 25 से 30 फीसदी डीजल कार और ट्रैक्टर की बिक्री का अनुमान है.

डीजल कार की बिक्री में आई कमी

लगातार डीजल कार की बिक्री में आई कमी को लेकर जब ग्राहकों से बात की गई तो उनका कहना था कि डीजल की कार काफी महंगी आती थी फिर भी वे पेट्रोल कार की अपेक्षा डीजल कार खरीदते थे. क्योंकि पहले डीजल के दाम पेट्रोल से काफी कम होते थे. लेकिन जिस तरह से डीजल के दाम बढ़े हैं और अब तो डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया है, इस कारण वे डीजल कार की जगह पेट्रोल कार लेने का मन बना रहे हैं.

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कांग्रेस का बीजेपी सरकार पर निशाना

डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस में डीजल कार की बिक्री कम होने और निर्माण बंद होने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है तब से 458 बार डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए हैं. शुक्ला ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़े तो मोदी सरकार ने डीजल पेट्रोल के दाम भी बढ़ा दिए. लेकिन जब वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई तो केंद्र सरकार ने डीजल पेट्रोल के दामों में कमी नहीं की बल्कि टैक्स बढ़ाकर जनता के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाल दिया और सरकारी खजाने को भरने का काम किया.

देश में बढ़ी महंगाई

सुशील आनंद शुक्ला का यह भी कहना है कि लगातार बढ़ती डीजल की कीमतों की वजह से महंगाई बढ़ रही है. क्योंकि ज्यादातर परिवहन में डीजल वाहनों का उपयोग किया जाता है और इस वजह से यदि परिवहन पर ज्यादा खर्च किया जाता है तो उसका सीधा असर वस्तुओं के दामों पर पड़ता है.

बीजेपी ने किया आरोपों का खंडन

वहीं भाजपा का कहना है कि डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम स्थाई नहीं है. यह अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार घटते बढ़ते रहते हैं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने तो यह तक दावा किया है कि जितने पेट्रोल डीजल के दाम यूपीए की सरकार के समय बढ़ाया गए थे उतने कभी नहीं बढ़े हैं.

Last Updated : Jul 16, 2020, 10:22 AM IST
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