रायपुर: राजिम माघी पुन्नी मेला जो धर्म आस्था, अध्यात्म का महापर्व है, महाशिवरात्रि पर साधु-संतों के शाही स्नान के साथ गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े शाही स्नान में शामिल हुए. छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी राजिम माघी पुन्नी मेला माघ पूर्णिमा से शिवरात्रि तक चलता है. इस वर्ष यह 9 फरवरी माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि 21 फरवरी तक चला है. इस दौरान एक विराट शोभायात्रा निकाली गई. इसमें देश के चारों दिशाओँ से आये अखाड़ों के साधुओं ने तलवारों-लाठियों और दूसरे हथियारों के साथ अद्भुत कलाबाजी दिखाई.
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दर्शनार्थियों की काफी भीड़ दिखाई दी. महिलाएं प्रातः से ही स्नान कर बालू से शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर नदी में दीपदान करती हैं. वहीं त्रिवेणी संगम के मध्य में स्थित अंचल के प्रसिद्ध देवालय श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर में रात्रि से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना प्रारंभ हो जाता है. प्रातः 4:00 बजे श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का पूजन अर्चन और दर्शन करते है.
भव्य शोभायात्रा का हुआ आयोजन
वहीं भगवान कुलेश्वर नाथ जी की आकर्षक ढंग से फूलों से सजावट की गई है, आसपास और दूरदराज के क्षेत्र से श्रद्धालु आस्था, विश्वास और श्रद्धा के साथ भगवान कुलेश्वर नाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नागा साधुओं लोमश ऋषि आश्रम के निकट बने संत समागम स्थल से भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जो कि मेला क्षेत्र का भ्रमण करते हुए शाहकुंड में शाही स्नान कर वापस संत समागम स्थल पहुंची साथ ही विदेशी पर्यटक भी काफ़ी संख्या मे पधारे रहे हैं.
कलेक्टर श्याम धावड़े भी मेले में हुए शामिल
पूरे रास्ते भर श्रद्धालुओं ने इन नागा साधुओं पर पुष्प वर्षा की, नागा साधुओं ने शोभायात्रा में जगह-जगह रुककर अखाड़े के करतब दिखाए वहीं तलवार और लाठियां भी चलाई जिसे दर्शक गण देखकर रोमांचित हो उठे. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में नागा साधु और अन्य साधु गण शामिल हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए पूरी चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी.