रायपुर: रायपुर यातायात पुलिस कहना है कि "सभी स्कूलों के वाहनों की समय-समय पर जांच पड़ताल की जाती है. उन्हें फिटनेस चेकअप के लिए बुलाया जाता है और फिटनेस कंप्लीट ना होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. यातायात पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 26 जून 2022 को स्कूल बसों को फिटनेस चेकअप के लिए बुलाया गया था. उस दौरान 145 बस फिटनेस चेकअप के लिए पहुंचे थे, जिसमें से 33 बसों में खामियां पाई गई थी. उनके खिलाफ कुल 22100 रुपए का जुर्माना लगाया गया. इस दौरान 191वाहन चालक और सहायक का नेत्र परीक्षण भी किया गया."
स्कूल बसों का होता है फिटनेस चेकअप: रायपुर यातायात पुलिस ने बताया कि "इसी तरह 3 जुलाई 2022 को 128 स्कूल बसों को फिटनेस चेकअप के लिए बुलाया गया, उसमें से 28 बसों में खामी पाई गई थी. इस दौरान 39700 जुर्माना राशि वसूल की गई. इस बीच 128 वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण भी किया गया. इस तरह साल 2022 में कुल 273 बसों की जांच की गई, जिसमें से 65 बसों में खामी पाई गई और उनसे 61800 रुपए जुर्माना वसूला गया. टोटल 319 लोगों का नेत्र परीक्षण किया गया."
स्कूल बसों में करना होता है इन नियमों का पालन: रायपुर यातायात एएसपी जे पी बढई ने बताया कि "स्कूल वाहनों के फिटनेस चेकअप के दौरान यह देखा जाता है कि स्कूल बस का ड्राइवर वर्दी में है या नहीं. गेट पर नंबर लिखा हो, वाहन येलो कलर का हो, बस के साथ एक सहायक हो, यदि बच्ची स्कूल जा रही है, तो एक महिला परिचारिका हो, उसके अलावा गेट के पास बच्चों को खड़ा न किया जाए. गाड़ी को रोककर बच्चों को उतारा और चढ़ाया जाए. इन चीजों का विशेष ध्यान रखा जाता है."
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"रायपुर ट्रैफिक पुलिस समय समय पर देती है प्रशिक्षण": एएसपी जे पी बढई ने बताया कि "रायपुर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा ऑटो चालकों सहित बस चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की जानकारी दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि इनका इन नियमों का पालन करना है. नियमों का पालन न करने वालों खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई करती है. पिछले 6 महीने में लगभग 3000 ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें कई स्कूल ऑटो भी शामिल हैं."
स्कूल प्रबंधन और बस मालिकों को करते है जागरूक: एएसपी जे पी बढई ने बताया कि "बसों में जालिया लगाने फर्स्ट एड बॉक्स रखे जाने के लिए कहा गया है. यदि जो बस मालिक या ऑटो चालक नियमों का पालन नहीं करते, पहले उन्हें समझाइश दी जाती है और उसके बाद भी यदि वे नहीं मानें, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसकी सूचना स्कूल प्रबंधन को भी दी जाती है. पुलिस के द्वारा रूटीन में समय-समय पर स्कूल प्रबंधन और बस मालिकों को जागरूक करने अभियान चलाया जाता है. उन्हें नियमों की जानकारी दी जाती है."