रायपुर : आरटीआई संशोधन अधिनियम के विरोध में RTI एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आजाद चौक पर गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, 'आरटीआई अधिनियम बिल वापस लिए जाने की मांग को लेकर सभी राज्यों के राज्यपालों को पत्र भेजा जाएगा'. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 'जिस तरह से केंद्र सरकार RTI अधिनियम की हत्या कर रही है, इसे लोकतंत्र की हत्या मानी जाएगी और आगे भी ये आंदोलन जारी रहेगा'.
संशोधित बिल का किया विरोध
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 'बिल के विरोध में जिला स्तर पर भी इस तरह का प्रदर्शन किया जाएगा. RTI एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने RTI के संशोधित बिल का विरोध किया है. उनका कहना है कि इससे भ्रष्टाचार का खुलासा नहीं हो पाएगा और लोग आरटीआई के तहत जानकारी नहीं ले पाएंगे'.
RTI एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि, 'नोटबंदी के समय केंद्र की मोदी सरकार ने निर्धारित समय के पहले ही नोट छापने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और उस वक्त डिफाल्टरों की सूची भी बनाई गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में नहीं लाया गया'.
कार्यकर्ताओं ने कहा कि, 'आरटीआई अधिनियम बिल संशोधन पारित होने से मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त, केंद्र सरकार के अधीन हो जाएंगे और 20/2 के तहत कार्यवाही कर दी जाएगी.'