रायपुर: RTE (Right to education) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए बुधवार को पहली लॉटरी निकाली जाएगी. लॉटरी के माध्यम से RTE के तहत गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा.
निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित रहती हैं. इस बार 80 हजार सीटों के लिए प्रदेश भर से 79 हजार 492 आवेदन मिले हैं. RTE (Right to education) के तहत बच्चों की भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुक्रवार से बंद हो गई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने दो दिन का समय और दिया था, जिसमें 10 जुलाई को आवेदन की अंतिम तारीख थी.
RTE की प्रवेश में लॉकडाउन का असर
इस साल तीन चरणों में प्रवेश प्रक्रिया होनी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से प्रवेश प्रक्रिया में असर पड़ा है. रायपुर में RTE (Right to education) के तहत तकरीबन 8 हजार बच्चों को प्रवेश दिया जाता है, कोविड-19 के कारण इस बार आवेदन लेने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए थे. बावजूद इसके अपेक्षा के अनुसार आवेदन नहीं आ पाए हैं. इधर शिक्षा विभाग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि इस बार आवेदनों की संख्या बेहद कम है. शिक्षा विभाग के लाख प्रयास के बाद भी इस बार अवेदनों की संख्या बढ़ नहीं पाई है.
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8000 सीटों के लिए 10 हजार आवेदन
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीब बच्चों को पढ़ाने अच्छी शिक्षा देने के लिए RTE के तहत बच्चों को एडमीशन के लिए आवेदन मांगा था, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर के मुताबिक उम्मीद से कम आवेदन आए हैं. अधिकारी का कहना है कि 8000 सीटों के लिए मात्र 10 हजार आवेदन आए हैं, जो दूसरे वर्षों के अपेक्षा बहुत कम है.