रायपुर: एम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाले लाखों मरीजों और उनके परिजनों के सहुलियत के लिए अब एम्स सीधे रेलवे रूट से जुड़ने जा रहा है. इससे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश और मुंबई-हावड़ा रूट की ट्रेन से सफर कर इलाज कराने आ रहे मरीजों और परिजनों को फायदा होगा.
सरोना रेलवे स्टेशन से अस्पताल तक पहुंचने के लिए एक नई एप्रोच रोड बनायी जाएगी. ये पूरे देश का अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा, जिसमें एम्स कैम्पस से को रेलवे स्टेशन से सीधे कनेक्ट किया जाएगा.
सरोना स्टेशन का बदलेगा नाम
वहीं सरोना स्टेशन का नाम बदलकर एम्स सरोना स्टेशन किया जाएगा. अभी सरोना स्टेशन पर उतरने वाले मरीजों और परिजनों को एम्स जाने के लिए घूमकर जाना पड़ता है. नई सड़क बन जाने से मरीजों और परिजनों की दिक्कत खत्म हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट के चलते रायपुर एम्स को देशभर में पहचान मिलेगी.
रेल मंडल को देना होगा प्रस्ताव
सरोना स्टेशन के नाम को बदलने के लिए रेलवे की ओर से औपचारिक सहमति दे दी गई है. लेकिन, इससे पहले राज्य सरकार को एक लिखित प्रस्ताव रायपुर रेल मंडल को देना होगा. करीब महीनेभर बाद ही सरोना स्टेशन का नाम बदल जाएगा.
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने जल्द ही स्टेशन के नाम को एम्स सरोना स्टेशन करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इसे लेकर सांसद सुनील सोनी ने राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है.
350 मीटर लंबी सड़क
स्टेशन से करीब साढ़े तीन सौ मीटर लंबी सड़क बनेगी, जो स्टेशन को सीधे एम्स परिसर से जोड़ेगी. अबतक मरीज और परिजन स्टेशन से एम्स पहुंचने के लिए जीई रोड का इस्तेमाल करते हैं. स्टेशन से एम्स तक पहुंचने के लिए मरीज और परिजनों को ई-रिक्शा की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही एम्स के अंदर भी ई-रिक्शा चलाने को लेकर सहमति बनी है. सरोना स्टेशन और एम्स की बाउंड्रीवाल तोड़कर अप्रोच सड़क बनाई जायेगी.