रायपुर: जाति प्रमाण पत्र मामले में ऋचा जोगी ने जिला छानबीन समिति को जवाब भेज दिया है. ऋचा जोगी ने समिति को आज की मीटिंग स्थगित करके उन्हें कम से कम 10 दिनों का समय देने की मांग की हैं. वहीं जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने अपने बयान में कहा कि, 'भारत सरकार की गाइडलाइन और छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप नवजात बच्चे की मां को घर पर ही आइसोलेशन में रहना होता है. मेरी पत्नी भी 2 महीने के नवजात शिशु की मां है, ऐसे में वह भी होम आइसोलेशन पर ही है, फिर भी समिति द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ऋचा जोगी ने अपने भाई से समिति के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत कराए थे, पर समिति ने आज कई दस्तावेजों की मूल प्रति मांगी है'.
उन्होंने कहा कि, 'इन दस्तावेजों में 1940 में ऋचा जोगी के दादा की बिक्री नामा भी शामिल है. बिलासपुर रजिस्ट्रार कार्यालय में कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव आने के कारण 11 अक्टूबर तक कार्यालय बंद है. मूल दस्तावेज प्राप्त होते ही समिति के समक्ष उन्हें प्रस्तुत कर देंगे'.
ऋचा जोगी का जवाब
ऋचा जोगी ने अपने जवाब में कहा है कि 8 अक्टूबर को समिति द्वारा उन्हें 29 सितम्बर 2020 को जारी किये गए कारण बताओ नोटिस और उनके विरुद्ध की गयी शिकायत की प्रति उपलब्ध करवाई गयी, जिसके लिए वे समिति सदस्यों की आभारी हैं. जोगी ने कहा है कि 8 अक्टूबर को समिति द्वारा उनसे आवेदन की मूल प्रति मांगी गयी थी. उन्होंने आवेदन चॉइस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन किया था. चॉइस सेंटर के कर्मचारी द्वारा मांगें गए सभी दस्तावेज दिखाने के बाद कर्मचारी द्वारा यह फॉर्म ऑनलाइन भरा गया था. ऋचा जोगी के भाई ने 8 अक्टूबर को समिति का पत्र मिलने के तुरंत बाद मुंगेली कलेक्टर के समक्ष ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध करवाने का आवेदन दिया था. उनके भाई ने स्वयं के जाति प्रमाण पत्र के लिए भी चॉइस सेंटर से आवेदन किया था. कलेक्टर मुंगेली को दिए गए आवेदन में ऋचा के भाई ने स्वयं के आवेदन से सम्बंधित दस्तावेज भी मांगे हैं. लेकिन आज तक उन्हें मुंगेली कलेक्टर कार्यालय से संबंधित दस्तावेज नहीं मिले हैं.
10 दिनों का और समय देने की मांग
ऋचा जोगी ने कहा कि समिति द्वारा भेजे गए पत्र में उनसे 1950 से पहले का राजस्व दस्तावेज (मिसल) और 2 जून 1940 के बिक्रीनामे की मूलप्रति मांगी गयी थी. ऋचा जोगी ने सभी रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति समिति के सामने प्रस्तुत कर दी थी. सभी मूल दस्तावेज बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार के पास जमा हैं जिन्हे लेने उनके भाई गए थे, लेकिन बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2020 तक बंद है. जिस वजह से उन्हें यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. ऋचा जोगी ने मांग की है कि उन्हें ये सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए 10 दिनों का और समय दिया जाए.
व्यक्तिगत सुनवाई की मांग
ऋचा ने ये भी लिखा है कि समिति द्वारा उन्हें शिकायत की जानकारी 8 अक्टूबर 2020 को ही दी गयी और सिर्फ 4 दिन बाद 12 अक्टूबर 2020 को अगली सुनवाई रख दी. जिसमें भी बीच में 2 दिन शनिवार - रविवार गैर कार्यदिवस थे, इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए जरूरी दस्तावेज अभी तक नहीं मिल पाए हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को देखते हुए उन्हें खुद का पक्ष रखने के लिए न्यायोचित समय दिया जाना चाहिए. इसलिए समिति को आज की मीटिंग स्थगित करके उन्हें कम से कम 10 दिनों का समय देना चाहिए. उन्होंने ये भी मांग की कि नियमों के तहत समिति को उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई और वीडियोग्राफी में गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर भी देना चाहिए. ऋचा जोगी ने कहा है कि चूँकि वे 2 माह के बच्चे की माँ हैं, जिसे लगातार ब्रेस्टफीड और मातृत्व केयर की जरुरत है. कोरोना महामारी को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन और आईसीएमआर की गाइडलाइन्स के अनुसार 10 दिनों बाद समिति द्वारा चिकित्सकीय निगरानी में कोरोना फ्री माहौल में उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाए. मानवता के नाते समिति उनका आवेदन स्वीकार करेगी ऐसी उन्हें अपेक्षा है.