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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, 27 नवंबर से किसानों को मिलेगा टोकन

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Published : Nov 26, 2020, 7:44 PM IST

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई. इस बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू समेत कई अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान धान खरीदी को लेकर अधिकारी-कर्मचारियों को कई दिशा निर्देश दिए गए.

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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

रायपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए निर्देशों की जानकारी दी. अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी. राज्य में धान खरीदी का कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्राथमिकता है. धान खरीदी में राज्य के किसी भी समिति में किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. धान खरीदी के लिए टोकन अधिकतम एक सप्ताह के अवधि तक के लिए दिए जाएंगे.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि प्रदेश में इस बार 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है.

पढ़ें: टोकन बांटने वाली सरकार के आरोप पर बोले सीएम, अफवाह फैलाने वाली फैक्ट्री है बीजेपी

  • राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.
  • गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.
  • 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.
  • रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.
  • एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.
  • गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पढ़ें: बेमेतरा: धान खरीदी की तैयारी शुरू, इस साल 15 हजार ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन

70 हजार गठान प्लास्टिक के खरीदने की तैयारी
समीक्षा बैठक में धान खरीदी के लिए आवश्यक बारदाने की व्यवस्था खरीदी के पूर्व करने के निर्देश दिए गए हैं. पीडीएस सिस्टम और मिलरों से प्राप्त बारदानों का भौतिक सत्यापन करा लें. बारदाने एकत्रित कर खरीदी केन्द्रों में समय से पहले उपलब्ध कराए जाएं. बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए सरकार ने 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी की है. इस प्लास्टिक के बारदाने का उपयोग केवल धान खरीदी करके सबसे पहले सीधे मिलरों के पास भेजने के लिए किया जाएगा. प्लास्टिक बैग का उपयोग चावल रखने के लिए नहीं किया जाएगा.

  • छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.
  • किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.
  • इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.
  • ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.
  • राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.
  • जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

पढ़ें: बेमौसम बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता, किसान परेशान

बिना अनुमति अन्य राज्यों से धान पर सख्ती
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति के अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है. कोचिए अन्य सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं. इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों के सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए है. चार पहिया वाहनों के अलावा बाइक की चेक पोस्ट पर जांच करें. अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करें.

बैठक में अधिकारी कर्मचारियों को दिए गए दिशा निर्देश

बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने राज्य के सभी संभागायुक्तों, सभी कलेक्टरों, समस्त पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया है. धान बेचने में किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. बैठक में इस बात से सभी अधिकारी और कर्मचारियों को अवगत कराया गया.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए निर्देशों की जानकारी दी. अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी. राज्य में धान खरीदी का कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्राथमिकता है. धान खरीदी में राज्य के किसी भी समिति में किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. धान खरीदी के लिए टोकन अधिकतम एक सप्ताह के अवधि तक के लिए दिए जाएंगे.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि प्रदेश में इस बार 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है.

पढ़ें: टोकन बांटने वाली सरकार के आरोप पर बोले सीएम, अफवाह फैलाने वाली फैक्ट्री है बीजेपी

  • राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.
  • गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.
  • 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.
  • रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.
  • एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.
  • गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पढ़ें: बेमेतरा: धान खरीदी की तैयारी शुरू, इस साल 15 हजार ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन

70 हजार गठान प्लास्टिक के खरीदने की तैयारी
समीक्षा बैठक में धान खरीदी के लिए आवश्यक बारदाने की व्यवस्था खरीदी के पूर्व करने के निर्देश दिए गए हैं. पीडीएस सिस्टम और मिलरों से प्राप्त बारदानों का भौतिक सत्यापन करा लें. बारदाने एकत्रित कर खरीदी केन्द्रों में समय से पहले उपलब्ध कराए जाएं. बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए सरकार ने 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी की है. इस प्लास्टिक के बारदाने का उपयोग केवल धान खरीदी करके सबसे पहले सीधे मिलरों के पास भेजने के लिए किया जाएगा. प्लास्टिक बैग का उपयोग चावल रखने के लिए नहीं किया जाएगा.

  • छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.
  • किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.
  • इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.
  • ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.
  • राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.
  • जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

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बिना अनुमति अन्य राज्यों से धान पर सख्ती
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति के अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है. कोचिए अन्य सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं. इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों के सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए है. चार पहिया वाहनों के अलावा बाइक की चेक पोस्ट पर जांच करें. अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करें.

बैठक में अधिकारी कर्मचारियों को दिए गए दिशा निर्देश

बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने राज्य के सभी संभागायुक्तों, सभी कलेक्टरों, समस्त पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया है. धान बेचने में किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. बैठक में इस बात से सभी अधिकारी और कर्मचारियों को अवगत कराया गया.

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