रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में राजस्व आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Revenue Disaster Management Minister Jaisingh Agarwal) के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 02 हजार 639 करोड़ रुपए की अनुदान मांगें सर्वसम्मति से पारित की गईं. इसमें मांग संख्या 09 राजस्व विभाग के अंतर्गत 21 करोड़ 93 लाख 45 हजार रुपए. मांग संख्या 08 भू-राजस्व और जिला प्रशासन के अंतर्गत 15 अरब 03 करोड़ 97 लाख 05 हजार रुपए, मांग संख्या 35 पुनर्वास के अंतर्गत 01 करोड़ 93 लाख 03 हजार रुपए, मांग संख्या 58 प्राकृतिक आपदा सूखाग्रस्त क्षेत्र में राहत के लिए 11 अरब 10 करोड़ 74 लाख 60 हजार रुपए की राशि शामिल है.
अनुदान मांगों की चर्चा में विधायक सौरभ सिंह, शैलेष पाण्डेय, धरमजीत सिंह, केशवचंन्द्रा, अजय चन्द्राकर, पुन्नूलाल मोहले, शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, डॉ. के के ध्रुव, गुलाब सिंह कमरो और पुरूषोत्तम कंवर ने भाग लिया.
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राजस्व मंत्री अग्रवाल ने विधानसभा में प्रस्तुत अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि जिन तहसीलों का प्रस्ताव आया है, उस पर परीक्षण कर निर्णय लिया जाएगा. राज्य के प्रत्येक नागरिक को, चाहे उसके पास भूमि हो, या न हो, राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों और अभिलेखों की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए आम जनता की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से विभागीय प्रक्रियाओं, नियमों और विभाग द्वारा प्रकाशित अधिनियमों में लगातार सुधार और उन्नयन करने के साथ नवीन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. साल 2022-23 के बजट में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं
राजस्व मंत्री अग्रवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राजस्व विभाग के काम को ज्यादा गुणवत्तापूर्ण बनाने और जनसुविधाओं के लिए सार्थक प्रयास किए हैं. आमजनों को ऑनलाइन नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. जिसके अंतर्गत राजस्व अभिलेखों के सुलभ उपलब्धता के लिए कार्य किए गए हैं. इसके अंतर्गत प्रदेश के कुल 20,103 ग्राम के 2,25,51,250 खसरे, 68,22,687 बी-1 और 19,567 ग्रामों के डिजिटाइज्ड नक्शा शीट भुईयां और भू-नक्शा सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं.
अग्रवाल ने कहा कि भू-अभिलेखों में परिवर्तन की सूचना उनके मालिक को एसएमएस के माध्यम से देने की व्यवस्था शुरू की गई है. पंजीयन के बाद उप पंजीयक कार्यालय से रजिस्ट्री की ऑनलाइन सूचना के आधार पर बिना क्रेता के आवेदन की प्रतीक्षा किये बिना, तहसीलदारों द्वारा नामांतरण की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है.
छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के चलते पूरे प्रदेश में लॉकडाउन के बाद भी ई-कोर्ट में राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया. पिछले12 माह में नामांतरण के 2,87,172 प्रकरण, खाता विभाजन के 27,654 प्रकरण, सीमांकन के 36,681 प्रकरण और व्यपवर्तन के 23,889 प्रकरणों का निराकरण हुआ है. राज्य में 1015 ग्रामों का नक्शा तैयार कर सत्यापन के लिए जिला कलेक्टरों को उपलब्ध कराया गया है. 1015 ग्रामों में प्रथम चरण 408 ग्रामों में द्वितीय चरण का सत्यापन पूर्ण कर लिया गया है. 356 ग्रामों में तृतीय चरण का सत्यापन कार्य प्रक्रियाधीन है. 123 ग्रामों का प्रारंभिक प्रकाशन किया जा चुका है.
अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 नए जिलों मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन किया है. 11 नवीन अनुविभाग मालखरौदा, बलरामपुर, राजपुर, धमधा, भोपालपटनम, भैरमगढ़, बागबाहरा, भरतपुर, खड़गवां-चिरमिरी, तिल्दा-नेवरा तथा सहसपुर-लोहारा के गठन के लिए साल 2022-23 में बजट प्रावधान किया गया है. 6 नई तहसीलें देवकर, भिंभौरी, जरहागांव, दीपका, भैंसमा, कोटाडोल के गठन के लिए साल 2022-23 में बजट प्रावधान किया गया है.
अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के नष्ट हुए मकानों अथवा क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत, फसल क्षति, पशुहानि, जन-धन की हानि और अन्य कारणों से होने वाली क्षति के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत प्रभावित व्यक्तियों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए 178.45 करोड़ रूपए की राशि जिला कलेक्टरों को आवंटित की है. कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रित, परिजनों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को 102.25 करोड़ आवंटन उपलब्ध कराया गया है.