रायपुर: अक्सर देखा जाता है कि घर के बड़े बुजुर्ग कुछ आदतों के लिए हमेशा रोक-टोक करते हैं. जिसमें सबसे खास है- पैर हिलाना. चाहे वह बैठकर हो या लेटकर हो या खड़े-खड़े हो. वास्तु शास्त्र के अनुसार भी पैर हिलाना अशुभ माना जाता है. पैर हिलाने से न केवल ज्योतिष और वास्तु संबंधित समस्या होती है, बल्कि सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो पैर हिलाने से सबसे ज्यादा चंद्रमा का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है.
मां लक्ष्मी होती हैं नाराज: इस संबंध में वास्तु शास्त्र कहता है कि बैठे-बैठे पैर हिलाना असल में एक मनोरोग है. खाना खाते समय यदि आप पैर हिलाते हैं, तो बीमारियां आती है. सोते समय यदि आप पैर हिलाते हैं, तो आप मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं. पूजा करते समय यदि आप पैर हिलाते हैं, तो एकाग्रता में कमी की वजह से पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता. यदि सामान्य तौर पर बैठे-बैठे ही पैर हिलाते हैं, तो माता लक्ष्मी नाराज होती है.
"अक्सर लोग कहते हैं कि पैर नहीं हिलाना चाहिए. क्योंकि इससे स्वभाव से नकारात्मकता बढ़ती है. इस आदत से सामाजिक, मानसिक और निजी जीवन में बहुत ज्यादा नेगेटिव प्रभाव पड़ता है. इसलिए इन आदतों से बचना चाहिए.पैर हिलाने की आदत की वजह से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब होने लगती है. जिसकी वजह से व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव बढ़ने लगता है. साथ ही किसी भी कार्य में व्यक्ति को मन की शांति नहीं मिल पाती है. घर के सदस्यों में भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती है और जीवन में धनलक्ष्मी की कमी होने लगती है." - प्रिया शरण त्रिपाठी, वास्तुविद
लगातार पैर हिलाने से हार्ट अटैक का खतरा: हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्च में भी यह पाया गया है कि व्यक्ति यदि लगातार पैर हिलाता है, तो उसे हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा घुटनों में दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्याएं भी होने लगती है. मेडिकल साइंस में इन आदतों को "रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम" नामक बीमारी का नाम दिया गया है. इस सिंड्रोम से व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता कम होने लगती है. जिस वजह से वह सही निर्णय नहीं ले पता है.
बिना दवाइयों के इस आदत से पा कते हैं निजात: अंबेडकर अस्पताल रायपुर के मनोरोग विभाग की एचओडी डॉ सुरभि दुबे बताती हैं कि100 में से 95 फीसदी लोगों को इस तरह की आदत होती है. यह अक्सर ओवर थिंक वाले लोगों की आदत में शामिल होती है. इस बीमारी का इलाज बिना दवाइयां के भी पॉसिबल है. जैसे, आप लंबी नींद लें, शारीरिक गतिविधियां करें, व्यायाम करें, योग करें और नशे के सेवन से बचें. इसके अलावा आप अपने पैर हिलाने की आदतों को कंट्रोल करने के लिए पैरों में मसाज दें, गर्म पानी से पैरों की सिकाई करें या आईस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं.