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NDRF DAY 2023 :राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी NDRF स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 19 जनवरी को मनाया जाता है. एनडीआरएफ का गठन इसी दिन 2006 में किया गया था. एनडीआरएफ भारत में एक विशेष, बहु-कुशल, मानवीय बल है, जो आपदा जोखिम के समय देश के आपदा प्रबंधन और सामुदायिक जागरूकता में योगदान देता है. .एनडीआरएफ बटालियन में 108 महिला लड़ाके रखने की मंजूरी है.

NDRF DAY 2023
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की जिम्मेदारी
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Published : Jan 13, 2023, 6:28 PM IST

रायपुर/ हैदराबाद : 19 जनवरी' को प्रतिवर्ष एनडीआरएफ स्थापना दिवस मनाया जाता .एनडीआरएफ स्थापना दिवस को आपदा या संकट की स्थिति में एनडीआरएफ की भूमिका के प्रति जागरूकता की आवश्यकता और महत्त्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. एनडीआरएफ स्थापना दिवस की शुरुआत वर्ष 2006 को, भारत सरकार ने की थी.राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की नई निदेशक के रूप में मृणालिनी श्रीवास्तव की नियुक्त की गई है. गृह मंत्रालय ने इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया है. गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक, मृणालिनी श्रीवास्तव 29 फरवरी 2024 तक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक के रूप में काम करेंगीं.

एनडीआरएफ का काम : एनडीआरएफ हमारी देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है.देश के किसी भी क्षेत्र में आपदा या संकट की घड़ी में एनडीआरएफ की टीमें ही बचाव कार्य को कुशल तरीके से करती है. मानवीय और प्राकृतिक आपदा के दौरान विशेषज्ञ प्रतिक्रिया उपलब्ध करना, जिससे बचाव एवं राहत कार्य का प्रभावी निष्पादन संभव हो सके. ये कार्य एनडीआरएफ की टीमें करती है. एनडीआरएफ आपदा के दौरान चलाए जाने वाले राहत कार्यों में अधिकारयों की मदद करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

वर्तमान में कितनी बटालियन कर रहीं काम :वर्तमान में NDRF में 12 बटालियन हैं जिनमें बीएसएफ और सीआरपीएफ से तीन-तीन और सीआईएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी से दो-दो बटालियन हैं . इसकी प्रत्येक बटालियन में 1149 सदस्य हैं.प्रत्येक बटालियन में इंजीनियरों, तकनीशियनों, इलेक्ट्रीशियन, डॉग स्क्वॉड और मेडिकल/पैरामेडिक्स सहित प्रत्येक 45 कर्मियों की 18 स्व-निहित विशेषज्ञ खोज और बचाव दल हैं. साल 2022 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर शहर में गंगा नदी के तट पर एनडीआरएफ ने पहली बार 100 महिला आपदा लड़ाकों और बचावकर्मियों के एक बैच को पूर्ण बचाव दल के रूप में प्रशिक्षित किया है.

ये भी पढ़ें- सुकमा में सीआरपीएफ का सिविक एक्शन कार्यक्रम

कब हुआ था अधिनियम लागू : 1990 से 2004 तक लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू हुआ.आपदा प्रबंधन के लिए योजनाओं, नीतियों और दिशानिर्देशों को निर्धारित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का गठन किया गया था.आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत, एनआईडीएम को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रलेखन और नीति वकालत के लिए नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. यह विक्रम नगर, नई दिल्ली में स्थित है.

रायपुर/ हैदराबाद : 19 जनवरी' को प्रतिवर्ष एनडीआरएफ स्थापना दिवस मनाया जाता .एनडीआरएफ स्थापना दिवस को आपदा या संकट की स्थिति में एनडीआरएफ की भूमिका के प्रति जागरूकता की आवश्यकता और महत्त्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. एनडीआरएफ स्थापना दिवस की शुरुआत वर्ष 2006 को, भारत सरकार ने की थी.राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की नई निदेशक के रूप में मृणालिनी श्रीवास्तव की नियुक्त की गई है. गृह मंत्रालय ने इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया है. गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक, मृणालिनी श्रीवास्तव 29 फरवरी 2024 तक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक के रूप में काम करेंगीं.

एनडीआरएफ का काम : एनडीआरएफ हमारी देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है.देश के किसी भी क्षेत्र में आपदा या संकट की घड़ी में एनडीआरएफ की टीमें ही बचाव कार्य को कुशल तरीके से करती है. मानवीय और प्राकृतिक आपदा के दौरान विशेषज्ञ प्रतिक्रिया उपलब्ध करना, जिससे बचाव एवं राहत कार्य का प्रभावी निष्पादन संभव हो सके. ये कार्य एनडीआरएफ की टीमें करती है. एनडीआरएफ आपदा के दौरान चलाए जाने वाले राहत कार्यों में अधिकारयों की मदद करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

वर्तमान में कितनी बटालियन कर रहीं काम :वर्तमान में NDRF में 12 बटालियन हैं जिनमें बीएसएफ और सीआरपीएफ से तीन-तीन और सीआईएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी से दो-दो बटालियन हैं . इसकी प्रत्येक बटालियन में 1149 सदस्य हैं.प्रत्येक बटालियन में इंजीनियरों, तकनीशियनों, इलेक्ट्रीशियन, डॉग स्क्वॉड और मेडिकल/पैरामेडिक्स सहित प्रत्येक 45 कर्मियों की 18 स्व-निहित विशेषज्ञ खोज और बचाव दल हैं. साल 2022 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर शहर में गंगा नदी के तट पर एनडीआरएफ ने पहली बार 100 महिला आपदा लड़ाकों और बचावकर्मियों के एक बैच को पूर्ण बचाव दल के रूप में प्रशिक्षित किया है.

ये भी पढ़ें- सुकमा में सीआरपीएफ का सिविक एक्शन कार्यक्रम

कब हुआ था अधिनियम लागू : 1990 से 2004 तक लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू हुआ.आपदा प्रबंधन के लिए योजनाओं, नीतियों और दिशानिर्देशों को निर्धारित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का गठन किया गया था.आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत, एनआईडीएम को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रलेखन और नीति वकालत के लिए नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. यह विक्रम नगर, नई दिल्ली में स्थित है.

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