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Ajay Mandavi: बस्तर से पहली बार किसी आदिवासी कलाकार को पद्मश्री सम्मान

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Published : Jan 26, 2023, 12:18 PM IST

Updated : Jan 26, 2023, 2:01 PM IST

Republic Day 2023 बस्तर की कला, कलाकार और उनकी कलाकृतियां विश्व प्रसिद्ध हैं. नक्सलियों की गोली और बारूद की गंध के बीच भी लोग अपनी कला को निखारने से पीछे नहीं हट रहे. उसी का नतीजा है कि जेल में बंद नक्सलियों और अब कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करने वाले कलाकार को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा.

tribal artist from Bastar will get Padma Shri
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

कांकेर: कला किसी का मोहताज नहीं होती, जितनी उकेरी जाए उतना ही निखार आता है. इस वाक्य को सिद्ध कर दिखाया है कांकेर जिले के आदिवासी कलाकार अजय मंडावी ने, जिनका नाम इस वर्ष पद्मश्री पाने वाले की सूची में शामिल है. अजय मंडावी बचपन से उड़न आर्ट (काष्ठकला) का काम कर रहे है. इनकी कला का लोहा साहित्यप्रेमी मानते हैं, जो छत्तीसगढ़ में अलग पहचान रखती है. वर्तमान में अजय जिला जेल कांकेर में बंद कैदियों को काष्ट कला का प्रशिक्षण देते है. अजय मंडावी अपनी कला के माध्यम से बहुत से कला कृतियां तैयार करने के साथ ही बाइबिल का लेखन भी कर चुके हैं.

कैदियों ने दिया साथ ताे गोल्डन बुक में दर्ज हुआ नाम: अजय मंडावी को उनकी जिस कला के लिए पुरस्कार मिल रहा है उसमें वंदेमातरम शामिल है. उन्होंने उस कला के बल पर 40 फिट ऊंची और 22 फिट चौड़ी काष्ट पट्टिका पर वंदेमातरम की कृति तैयार की थी. इस कार्य मे उनका साथ जेल में बंद नक्सल कैदियों ने दिया जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. इन्होंने इस कला को राष्ट्र के नाम समर्पित किया है.

tribal artist from Bastar will get Padma Shri
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

लकड़ी पर कुरेदकर कलाकृति बनाना नहीं है आसान: अजय बताते हैं कि "लकड़ी पर कुरेदकर कलाकृति तैयार करना आसान नहीं है. लकड़ी से एक एक अक्षर को आकार देकर काष्ट पट्टिका पर चिपकाना कठीन है. इस कला को जेल में बंद कैदियों को वह पिछले 14 साल से सिखा रहे है, जिनमें नक्सल मामले में बंद कैदी से लेकर अन्य मामलों में कैदी शामिल हैं." राज्य सरकार ने वर्ष 2006 में स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया है तो इनके नाम बहुत से रिकार्ड भी दर्ज है. अब जब इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाने वाला है. इस पुरस्कार के लिए नाम आने के बाद वे बेहद खुश हैं.

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18 जनवरी 2018 को बना था विश्व रिकाॅर्ड: कांकेर का जिला जेल अपनी तरह का पहला जेल है जिसके नाम से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड है. अजय मंडावी के मार्गदर्शन में कुल 9 कैदियों ने दिन-रात मेहनत कर 20 फीट चौड़ी और 40 फीट लंबी लकड़ी की तख्ती पर राष्ट्रीय गीत को काष्ठशिल्प के रूप में उकेरा था. 18 जनवरी 2018 इस शिल्प को ऐतिहासिक अनुकृति (कल्ट) का दर्जा देते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड से नवाजा गया.

tribal artist from Bastar will get Padma Shri
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

कैदियों को कला सिखाने के साथ ही बना रहे बेहतर इंसान: शांता आर्ट्स ऐसा स्वयं सहायता समूह है, जिसके अधिकांश सदस्य अलग अलग समय में नक्सली वारदात से छूटकर कला के माध्यम से समाज की मुख्य धारा में जुड़े हैं. यह एक ऐसा सेतु है, जो कैदियों के पुर्नवास के लिए नैतिक विधि से रोजगार के मौके उपलब्ध कराती है. इसके प्रशिक्षक और मार्गदर्शक अजय मंडावी हैं, जो कैदियों को कला सिखाने के साथ ही उन्हें समाज में एक बेहतर मनुष्य के रूप में गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए तैयार करते हैं.

आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

कांकेर: कला किसी का मोहताज नहीं होती, जितनी उकेरी जाए उतना ही निखार आता है. इस वाक्य को सिद्ध कर दिखाया है कांकेर जिले के आदिवासी कलाकार अजय मंडावी ने, जिनका नाम इस वर्ष पद्मश्री पाने वाले की सूची में शामिल है. अजय मंडावी बचपन से उड़न आर्ट (काष्ठकला) का काम कर रहे है. इनकी कला का लोहा साहित्यप्रेमी मानते हैं, जो छत्तीसगढ़ में अलग पहचान रखती है. वर्तमान में अजय जिला जेल कांकेर में बंद कैदियों को काष्ट कला का प्रशिक्षण देते है. अजय मंडावी अपनी कला के माध्यम से बहुत से कला कृतियां तैयार करने के साथ ही बाइबिल का लेखन भी कर चुके हैं.

कैदियों ने दिया साथ ताे गोल्डन बुक में दर्ज हुआ नाम: अजय मंडावी को उनकी जिस कला के लिए पुरस्कार मिल रहा है उसमें वंदेमातरम शामिल है. उन्होंने उस कला के बल पर 40 फिट ऊंची और 22 फिट चौड़ी काष्ट पट्टिका पर वंदेमातरम की कृति तैयार की थी. इस कार्य मे उनका साथ जेल में बंद नक्सल कैदियों ने दिया जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. इन्होंने इस कला को राष्ट्र के नाम समर्पित किया है.

tribal artist from Bastar will get Padma Shri
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

लकड़ी पर कुरेदकर कलाकृति बनाना नहीं है आसान: अजय बताते हैं कि "लकड़ी पर कुरेदकर कलाकृति तैयार करना आसान नहीं है. लकड़ी से एक एक अक्षर को आकार देकर काष्ट पट्टिका पर चिपकाना कठीन है. इस कला को जेल में बंद कैदियों को वह पिछले 14 साल से सिखा रहे है, जिनमें नक्सल मामले में बंद कैदी से लेकर अन्य मामलों में कैदी शामिल हैं." राज्य सरकार ने वर्ष 2006 में स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया है तो इनके नाम बहुत से रिकार्ड भी दर्ज है. अब जब इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाने वाला है. इस पुरस्कार के लिए नाम आने के बाद वे बेहद खुश हैं.

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18 जनवरी 2018 को बना था विश्व रिकाॅर्ड: कांकेर का जिला जेल अपनी तरह का पहला जेल है जिसके नाम से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड है. अजय मंडावी के मार्गदर्शन में कुल 9 कैदियों ने दिन-रात मेहनत कर 20 फीट चौड़ी और 40 फीट लंबी लकड़ी की तख्ती पर राष्ट्रीय गीत को काष्ठशिल्प के रूप में उकेरा था. 18 जनवरी 2018 इस शिल्प को ऐतिहासिक अनुकृति (कल्ट) का दर्जा देते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड से नवाजा गया.

tribal artist from Bastar will get Padma Shri
आदिवासी कलाकार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

कैदियों को कला सिखाने के साथ ही बना रहे बेहतर इंसान: शांता आर्ट्स ऐसा स्वयं सहायता समूह है, जिसके अधिकांश सदस्य अलग अलग समय में नक्सली वारदात से छूटकर कला के माध्यम से समाज की मुख्य धारा में जुड़े हैं. यह एक ऐसा सेतु है, जो कैदियों के पुर्नवास के लिए नैतिक विधि से रोजगार के मौके उपलब्ध कराती है. इसके प्रशिक्षक और मार्गदर्शक अजय मंडावी हैं, जो कैदियों को कला सिखाने के साथ ही उन्हें समाज में एक बेहतर मनुष्य के रूप में गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए तैयार करते हैं.

Last Updated : Jan 26, 2023, 2:01 PM IST
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