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छत्तीसगढ़ को मिली क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र की सौगात

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Published : Jul 12, 2022, 10:11 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 7:38 PM IST

छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र खुल गया है. अब यहां लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या अन्य परिवहन सम्बंधित काम के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं काटने (Regional Transport Facilitation Center opened in Chhattisgarh) पड़ेंगे.

Regional Transport Facilitation Center
क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र

रायपुर: छत्तीसगढ़ वासियों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या अन्य परिवहन सम्बंधित काम के लिए अब आरटीओ के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि राज्य में अब क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र खुलने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों को न केवल एजेंटो से छुटकारा मिलेगा, बल्कि घर के नजदीक ही परिवहन से संबंधित तमाम कार्य भी पूरे हो (Regional Transport Facilitation Center opened in Chhattisgarh) जाएंगे.

क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र की सौगात

परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो परिवहन सुविधा केंद्र की शुरूआत कर रहा है. राज्य में एक हजार केंद्र खोले जा रहे हैं. अकेले रायपुर में 40 केंद्र खुल रहे हैं. करीब एक दर्जन जगहों पर इसकी शुरूआत भी हो गई है, जहां लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है.

सुविधा केंद्र में मिल रही सारी सुविधाएं: रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर निवासी बलदेव बिसरा बताते हैं, "मेरा लाइसेंस नहीं बना था. लाइसेंस बनवाने के लिए मुझे बहुत ज्यादा भटकना पड़ा, बावजूद इसके मेरा लाइसेंस नहीं बन पाया था. घर के नजदीक परिवहन सुविधा केंद्र खुलने की जानकारी मिली. यहां आकर मैनें आवेदन दिया. मेरा लर्निंग जल्द ही बनकर तैयार हो गया. पहले कई बार लाइसेंस बनवाने के लिए भनपुरी स्थित आरटीओ दफ्तर जाना पड़ा. लाइसेंस के लिए बहुत ज्यादा भटकना पड़ा. इस बीच दो से तीन बार चालान भी कट गया. घर के नजदीक केंद्र खुलने से बहुत अच्छी सुविधा मिल रही है."

क्या है परिवहन सुविधा केंद्र: लोगों को राहत देने के लिए परिवहन विभाग की ओर से क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की पहल की गई. केंद्र के संचालक विजय मिश्रा बताते हैं कि, "लाइसेंस के लिए लोगों को बहुत ज्यादा भटकना पड़ता था, लेकिन सरकार ने अलग-अलग इलाकों के लिए परिवहन सुविधा केंद्र खोल दिया है. एक परिवहन सेवा के अंतर्गत 4-5 लोग काम करते हैं. पहले लोगों को लाइसेंस के लिए करीब 15 किमी दूर आरटीओ दफ्तर जाना होता था, जहां सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहते थे. जिसकी वजह से बहुत से लोग एजेंडों के चंगुल में फंस जाते थे. लेकिन क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र के खुलने से लोगों को आसानी हो गई है. घर के आस-पास होने से अपने काम से फुर्सत मिलने पर लोग केंद्र में आकर लर्निंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यहां तत्काल उनका लर्निंग लाइसेंस बनकर तैयार हो जाता है. ये लोगों के लिए बड़ी सुविधा है. वर्तमान में हमें लर्निंग के लिए कहा गया है. साथ ही हमारे द्वारा नाम ट्रांसफर के लिए रसीद भी काटी जाती है. भविष्य में अन्य सेवाएं भी यहां जल्द उपलब्ध होंगी. हमारे यहां 5 स्टाफ है, जिन्हें केंद्र के माध्यम से रोजगार भी मिल रहा है.

यह भी पढ़ें: रायपुर में हादसों को दावत दे रहे हैं जर्जर मकान

केंद्र से मिल रहा रोजगार: राज्य में एक हजार परिवहन सुविधा केंद्र खोले जा रहे हैं. इस केंद्र में 5 स्टाफ होंगे. जिससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. रायपुर में संचालित एक केंद्र में काम कर रही युवती क्लेमेंसिया कुजूर कहती हैं, "मैं जशपुर जिले की रहने वाली हूं. पढ़ाई के सिलसिले में रायपुर आई हूं. पढ़ाई के साथ-साथ काम भी बेहद जरूरी है. पहले टीचिंग लाइन में काम करती थी. सेलेरी भी बहुत कम थी. मुझे जॉब की बहुत आवश्यकता थी. मुझे यहां जॉब मिल गई है. इस केंद्र के माध्यम से लोगों को होने वाली परेशानियां भी दूर हो रही है. यहां इतंजार करने की जरूरत नहीं होती. तत्काल लोगों का काम हो जाता है." केंद्र में काम कर रही एक युवती सरिता टंडन कहती हैं, " मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी को घोषणा किया था. एक हजार परिवहन केंद्र खोले जाएंगे. उसी के तहत केंद्र खोला गया है. इस केंद्र के माध्यम से हमें रोजगार मिल रहा है. इससे पहले काम के लिए हमें बहुत ज्यादा भटकना पड़ा था, लेकिन काम नहीं मिल पा रहा था."

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर की एडिशनल आरटीओ योगेश्वरी वर्मा कहती हैं कि, "राज्य सरकार की ओर से परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की घोषणा की गई थी. रायपुर जिले में अकेले 30-40 केंद्र का अनुमोदन प्राप्त हुआ था. इसमें आसपास के ग्रामीण क्षेत्र जिनकी आरटीओ कार्यालय से बहुत दूर पड़ती है. वहां पर परिवहन सुविधा केंद्र खुल गए हैं, जहां से आप लर्निंग लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. लर्निंग लाइसेन्स की प्रक्रिया में आपका ऑन स्क्रीन टेस्ट होगा. सर्टिफिकेट भी ऑन द स्पॉट जारी किया जाएगा. इससे दो फायदा होगा. पहले इतनी दूर ट्रैवल करके आने की जरूरत नहीं होगा. गांव में अक्सर देखा जाता है कि लोगों के पास लाइसेंस नहीं होता. उन लोग अपना टाइम निकालकर यहां आते हैं. यदि नहीं बन पाता तो निराश होकर यहां से जाते हैं. उनके लिए यह बेनिफिट रहेगा. क्योंकि घर के आसपास खुलने से उनको फायदा होगा. साथ ही लोगों को भी इससे रोजगार मिलेगा. छत्तीसगढ़ परिवहन सुविधा केंद्र खोलने वाला पूरे देश में पहला राज्य है, जहां परिवहन सुविधा केंद्र खुल गए हैं. इसके माध्यम से बहुत से लोगों को रोजगार भी दिया जाएगा. यहां काम करने वालों के लिए बैंक गैरंटी की राशि एक लाख रुपये रखी गई है, लेकिन महिला, थर्ड जेंडर और हैंडीकैप्ड के साथ गरीबी रेखा वालों के लिए 25 हजार रुपए की बैंक गैरन्टी रखी गई है, ताकि उनको प्रोत्साहन मिले."

रायपुर: छत्तीसगढ़ वासियों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या अन्य परिवहन सम्बंधित काम के लिए अब आरटीओ के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि राज्य में अब क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र खुलने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों को न केवल एजेंटो से छुटकारा मिलेगा, बल्कि घर के नजदीक ही परिवहन से संबंधित तमाम कार्य भी पूरे हो (Regional Transport Facilitation Center opened in Chhattisgarh) जाएंगे.

क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र की सौगात

परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो परिवहन सुविधा केंद्र की शुरूआत कर रहा है. राज्य में एक हजार केंद्र खोले जा रहे हैं. अकेले रायपुर में 40 केंद्र खुल रहे हैं. करीब एक दर्जन जगहों पर इसकी शुरूआत भी हो गई है, जहां लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है.

सुविधा केंद्र में मिल रही सारी सुविधाएं: रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर निवासी बलदेव बिसरा बताते हैं, "मेरा लाइसेंस नहीं बना था. लाइसेंस बनवाने के लिए मुझे बहुत ज्यादा भटकना पड़ा, बावजूद इसके मेरा लाइसेंस नहीं बन पाया था. घर के नजदीक परिवहन सुविधा केंद्र खुलने की जानकारी मिली. यहां आकर मैनें आवेदन दिया. मेरा लर्निंग जल्द ही बनकर तैयार हो गया. पहले कई बार लाइसेंस बनवाने के लिए भनपुरी स्थित आरटीओ दफ्तर जाना पड़ा. लाइसेंस के लिए बहुत ज्यादा भटकना पड़ा. इस बीच दो से तीन बार चालान भी कट गया. घर के नजदीक केंद्र खुलने से बहुत अच्छी सुविधा मिल रही है."

क्या है परिवहन सुविधा केंद्र: लोगों को राहत देने के लिए परिवहन विभाग की ओर से क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की पहल की गई. केंद्र के संचालक विजय मिश्रा बताते हैं कि, "लाइसेंस के लिए लोगों को बहुत ज्यादा भटकना पड़ता था, लेकिन सरकार ने अलग-अलग इलाकों के लिए परिवहन सुविधा केंद्र खोल दिया है. एक परिवहन सेवा के अंतर्गत 4-5 लोग काम करते हैं. पहले लोगों को लाइसेंस के लिए करीब 15 किमी दूर आरटीओ दफ्तर जाना होता था, जहां सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहते थे. जिसकी वजह से बहुत से लोग एजेंडों के चंगुल में फंस जाते थे. लेकिन क्षेत्रीय परिवहन सुविधा केंद्र के खुलने से लोगों को आसानी हो गई है. घर के आस-पास होने से अपने काम से फुर्सत मिलने पर लोग केंद्र में आकर लर्निंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यहां तत्काल उनका लर्निंग लाइसेंस बनकर तैयार हो जाता है. ये लोगों के लिए बड़ी सुविधा है. वर्तमान में हमें लर्निंग के लिए कहा गया है. साथ ही हमारे द्वारा नाम ट्रांसफर के लिए रसीद भी काटी जाती है. भविष्य में अन्य सेवाएं भी यहां जल्द उपलब्ध होंगी. हमारे यहां 5 स्टाफ है, जिन्हें केंद्र के माध्यम से रोजगार भी मिल रहा है.

यह भी पढ़ें: रायपुर में हादसों को दावत दे रहे हैं जर्जर मकान

केंद्र से मिल रहा रोजगार: राज्य में एक हजार परिवहन सुविधा केंद्र खोले जा रहे हैं. इस केंद्र में 5 स्टाफ होंगे. जिससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. रायपुर में संचालित एक केंद्र में काम कर रही युवती क्लेमेंसिया कुजूर कहती हैं, "मैं जशपुर जिले की रहने वाली हूं. पढ़ाई के सिलसिले में रायपुर आई हूं. पढ़ाई के साथ-साथ काम भी बेहद जरूरी है. पहले टीचिंग लाइन में काम करती थी. सेलेरी भी बहुत कम थी. मुझे जॉब की बहुत आवश्यकता थी. मुझे यहां जॉब मिल गई है. इस केंद्र के माध्यम से लोगों को होने वाली परेशानियां भी दूर हो रही है. यहां इतंजार करने की जरूरत नहीं होती. तत्काल लोगों का काम हो जाता है." केंद्र में काम कर रही एक युवती सरिता टंडन कहती हैं, " मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी को घोषणा किया था. एक हजार परिवहन केंद्र खोले जाएंगे. उसी के तहत केंद्र खोला गया है. इस केंद्र के माध्यम से हमें रोजगार मिल रहा है. इससे पहले काम के लिए हमें बहुत ज्यादा भटकना पड़ा था, लेकिन काम नहीं मिल पा रहा था."

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर की एडिशनल आरटीओ योगेश्वरी वर्मा कहती हैं कि, "राज्य सरकार की ओर से परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की घोषणा की गई थी. रायपुर जिले में अकेले 30-40 केंद्र का अनुमोदन प्राप्त हुआ था. इसमें आसपास के ग्रामीण क्षेत्र जिनकी आरटीओ कार्यालय से बहुत दूर पड़ती है. वहां पर परिवहन सुविधा केंद्र खुल गए हैं, जहां से आप लर्निंग लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. लर्निंग लाइसेन्स की प्रक्रिया में आपका ऑन स्क्रीन टेस्ट होगा. सर्टिफिकेट भी ऑन द स्पॉट जारी किया जाएगा. इससे दो फायदा होगा. पहले इतनी दूर ट्रैवल करके आने की जरूरत नहीं होगा. गांव में अक्सर देखा जाता है कि लोगों के पास लाइसेंस नहीं होता. उन लोग अपना टाइम निकालकर यहां आते हैं. यदि नहीं बन पाता तो निराश होकर यहां से जाते हैं. उनके लिए यह बेनिफिट रहेगा. क्योंकि घर के आसपास खुलने से उनको फायदा होगा. साथ ही लोगों को भी इससे रोजगार मिलेगा. छत्तीसगढ़ परिवहन सुविधा केंद्र खोलने वाला पूरे देश में पहला राज्य है, जहां परिवहन सुविधा केंद्र खुल गए हैं. इसके माध्यम से बहुत से लोगों को रोजगार भी दिया जाएगा. यहां काम करने वालों के लिए बैंक गैरंटी की राशि एक लाख रुपये रखी गई है, लेकिन महिला, थर्ड जेंडर और हैंडीकैप्ड के साथ गरीबी रेखा वालों के लिए 25 हजार रुपए की बैंक गैरन्टी रखी गई है, ताकि उनको प्रोत्साहन मिले."

Last Updated : Jul 18, 2022, 7:38 PM IST
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