रायपुर: छत्तीसगढ़ में अभी 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत भी नहीं हुई, लेकिन उसे लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वहीं सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने कमर कस ली है. इसके लिए उन्होंने संगठन को आगे किया है. साथ ही सरकार गोधन न्याय योजना के विस्तार को लेकर रणनीति तैयार कर रही है. इसी मुद्दे को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी, जिसमें 'गोधन न्याय योजना' से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है. साथ ही उन्हें बताया गया है कि इसकी क्या रूपरेखा होगी, किस तरह से गोबर को खरीदा जाएगा. उसका किस तरह से रिसाइक्लिंग कर उसे बेचा जाएगा. साथ ही इसके लिए पेमेंट की क्या व्यवस्था की गई है. इन सारे विषयों पर विस्तार से कार्यकारिणी के सदस्यों जिला अध्यक्षों को जानकारी दी गई है.
'भाजपा की मानसिकता की निंदा करता हूं'
बीजेपी के 'पढ़े-लिखे इंजीनियर, डॉक्टर को गोबर उठाने का रोजगार' वाले सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पकौड़े तलने को रोजगार बताया था, लेकिन लेकिन गोधन न्याय योजना के तहत हमने यह कभी नहीं कहा कि इसके माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा, बल्कि इसमें किसान गरीब तबके को इससे जोड़ा जाएगा.' उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की ऐसी मानसिकता है तो वे इसकी निंदा करते हैं.
गरीबों की मदद के लिए बनाई गई योजना
कृषि मंत्री ने भाजपा के गोबर को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी ने गाय माता को केवल वोट प्राप्त करने का साधन बना ली थी, लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इसको छत्तीसगढ़ के किसानों और गरीबों को मदद करने की योजना बनाई है, तो दोनों में हमारी और उनकी सोच में मूलभूत अंतर है.
RSS ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
जब गोधन न्याय योजना को लेकर आरएसएस और बीजेपी के विचारों पर सवाल किया गया, तो चौबे ने कहा कि दोनों को एक साथ मत जोड़िए. भाजपा के विकृत मानसिकता वाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन आरएसएस के लोगों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद और बधाई दिया है. दोनों में मत भिन्नता है.