रायपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है. धान खरीदी से पहले कृषि मंत्री (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी (Paddy purchased in Chhattisgarh) को लेकर किसानों में उत्साह है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने (Agriculture Minister Ravindra Choubey) कहा कि किसानों का महत्वपूर्ण कार्य जो हम लोग कर रहे हैं वह धान की खरीदी है. जिस तरीके से किसानों में उत्साह है, जिस तरह से छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन दिख रहा है. 1 करोड़ 5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हमने अपनी पूरी तैयारी कर ली है.
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पिछले साल की तुलना में इस साल भी धान खरीदी (old gunny bags in Chhattisgarh) केंद्र बढ़ाए गए हैं. हमारा लक्ष्य भी बढ़ा है. हम अपनी पूरी व्यवस्था कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार को जो साढ़े 5 लाख गठान बारदाने की सप्लाई करना था. जूट कमिश्नर को आदेश होने के बाद नहीं. अभी एक लाख गठान बाल उगाने की सप्लाई नहीं हो पाई है. इसके बावजूद हम राइस मिलर से पुराने बारदाने, पीडीएस की दुकानों से पुराने बरदाने, व्यवस्था की जा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने निर्देश दिए हैं कि पहले दिन से ही किसान अपने पुराने बारदाने में भी धान ला सकते हैं.
कृषि मंत्री ने बताया कि टोकन काटने का काम और पंजीयन का काम पूरा हो गया है. टोकन कटने के बाद अब कल से धान की तलाई होने का काम धान खरीदी केंद्रों में प्रारंभ हो जाएगा. मैं समझता हूं कि इससे बड़ा काम कुछ हो नहीं सकता है.
बीजेपी पर साधा निशाना
कृषि मंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा के लोग आरोप लगाते हैं कि जूट कमिश्नर में केंद्र सरकार की क्या जवाबदारी है. उनके विवेक और बुद्धी पर तरस आता है, भाजपा जूट कमिश्नर को केंद्र सरकार का हिस्सा नहीं मानते हैं.
धान खरीदी में नहीं आएगी कोई समस्या
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के बाद भी हमारी तैयारी है. हमने पुराने बारदानों की व्यवस्था, किसानों से की है. पूरे दिसम्बर माह में धान कि खरीदी में कोई व्यवधान नहीं आएगा.
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मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा की सरकार ने जितने भी जानकारी दी है कि उन्होंने कभी 52-53 लाख मैट्रिक टन से ज्यादा किया नहीं था. हम 1 करोड़ 5 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी करने का लक्ष्य के है. कोई भाजपा के लोग यह सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि छत्तीसगढ़ में इतना धान खरीदी हो सकती है. उन्होंने बताया कि हम तो सार्वजनिक स्वीकार कर रहे हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को प्रभावित करने की साजिश की जा रही है. इसके कारण हमने किसानों के पुराने बारदाने से धान खरीदी करने का निर्णय लिया है. जैन सोसायटी में हमारे पास बताने की उपलब्धता है. वहां हमें जरूरत नहीं है. इसके बावजूद भी किसान प्रथम दिन से ही पुराने बाद आने में धान ला सकते हैं, यह हमने सार्वजनिक तौर पर कहा है.