रायपुर: महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद को लेकर जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 'ट्रिब्यूनल को मामला जल्द सुलझाना चाहिए, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में हमने अपनी बात रखी है. छत्तीसगढ़ का पूरा मैदानी इलाका महानदी बेसिन का है. जलशक्ति मंत्रालय को दोनों राज्यों के बीच के विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्ता करनी चाहिए, नहीं तो हम लड़ते रहेंगे.
'तब के हालात अलग थे'
उन्होंने कहा कि 'भले ही हमें कुछ पानी कम मिले पर विवाद का निपटारा जरूरी है. केंद्र सरकार के लिए दोनों राज्य बराबर है. हीराकुंड बांध 50 साल पहले बना था, उस समय के हालात और आज के हालात अलग है. महानदी पर छत्तीसगढ़ का अधिकार बनता है जो उसे मिलना चाहिए. महानदी पर अधिकार को लेकर हम अडिग थे और आज भी अडिग हैं'
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'नदी को लेकर योजनाएं पेंडिंग हैं'
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की बैठक में यह बात रखी गई थी कि 'छत्तीसगढ़ या ओडिशा को जो हिस्सा मिलना है, उसे ट्रिब्यूनल कब तक पेंडिंग करके रखेगा. नदी को लेकर हमारी योजनाएं भी पेंडिंग है. हमारे डीपीआर बन चुके हैं. बजट में प्रावधान भी आ चुके हैं'.