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महानदी विवाद पर मंत्री ने कहा, जल्द होना चाहिए झगड़े का निपटारा

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी राय रखी.

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे
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Published : Sep 20, 2019, 7:35 AM IST

Updated : Sep 20, 2019, 7:51 AM IST

रायपुर: महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद को लेकर जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 'ट्रिब्यूनल को मामला जल्द सुलझाना चाहिए, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में हमने अपनी बात रखी है. छत्तीसगढ़ का पूरा मैदानी इलाका महानदी बेसिन का है. जलशक्ति मंत्रालय को दोनों राज्यों के बीच के विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्ता करनी चाहिए, नहीं तो हम लड़ते रहेंगे.

महानदी विवाद पर मंत्री ने कहा, जल्द होना चाहिए झगड़े का निपटारा

'तब के हालात अलग थे'

उन्होंने कहा कि 'भले ही हमें कुछ पानी कम मिले पर विवाद का निपटारा जरूरी है. केंद्र सरकार के लिए दोनों राज्य बराबर है. हीराकुंड बांध 50 साल पहले बना था, उस समय के हालात और आज के हालात अलग है. महानदी पर छत्तीसगढ़ का अधिकार बनता है जो उसे मिलना चाहिए. महानदी पर अधिकार को लेकर हम अडिग थे और आज भी अडिग हैं'

पढ़ें :रायपुर : 4 IFS अधिकारियों के तबादले, देखें लिस्ट

'नदी को लेकर योजनाएं पेंडिंग हैं'

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की बैठक में यह बात रखी गई थी कि 'छत्तीसगढ़ या ओडिशा को जो हिस्सा मिलना है, उसे ट्रिब्यूनल कब तक पेंडिंग करके रखेगा. नदी को लेकर हमारी योजनाएं भी पेंडिंग है. हमारे डीपीआर बन चुके हैं. बजट में प्रावधान भी आ चुके हैं'.

रायपुर: महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद को लेकर जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 'ट्रिब्यूनल को मामला जल्द सुलझाना चाहिए, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में हमने अपनी बात रखी है. छत्तीसगढ़ का पूरा मैदानी इलाका महानदी बेसिन का है. जलशक्ति मंत्रालय को दोनों राज्यों के बीच के विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्ता करनी चाहिए, नहीं तो हम लड़ते रहेंगे.

महानदी विवाद पर मंत्री ने कहा, जल्द होना चाहिए झगड़े का निपटारा

'तब के हालात अलग थे'

उन्होंने कहा कि 'भले ही हमें कुछ पानी कम मिले पर विवाद का निपटारा जरूरी है. केंद्र सरकार के लिए दोनों राज्य बराबर है. हीराकुंड बांध 50 साल पहले बना था, उस समय के हालात और आज के हालात अलग है. महानदी पर छत्तीसगढ़ का अधिकार बनता है जो उसे मिलना चाहिए. महानदी पर अधिकार को लेकर हम अडिग थे और आज भी अडिग हैं'

पढ़ें :रायपुर : 4 IFS अधिकारियों के तबादले, देखें लिस्ट

'नदी को लेकर योजनाएं पेंडिंग हैं'

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की बैठक में यह बात रखी गई थी कि 'छत्तीसगढ़ या ओडिशा को जो हिस्सा मिलना है, उसे ट्रिब्यूनल कब तक पेंडिंग करके रखेगा. नदी को लेकर हमारी योजनाएं भी पेंडिंग है. हमारे डीपीआर बन चुके हैं. बजट में प्रावधान भी आ चुके हैं'.

Intro:cg_rpr_02_mahanadi_vivad_on_ravindra_choubey_7203517

रायपुर।महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विवाद को लेकर जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में हमने अपनी बात रखी है। ट्रिब्यूनल को दोनों राज्यो के बीच के विवाद को निपटारा करना चाहिए। छत्तीसगढ़ का पूरा मैदानी इलाका महानदी बेसिन का है। जलशक्ति मंत्रालय कप दोनों राज्यो के बीच के विवाद के बीच मे मध्यस्ता करना चाहिए। नही तो हम लडते रहेंगे । Body:हमें भले ही कुछ पानी कम मिले पर विवाद का निपटारा जरूरी है। केंद्र सरकार के लिए दोनों राज्य उनके लिए बराबर है। हीराकुंड 50 साल पहले बना था, उस समय के हालात और आज के हालात बदल चुके है। महानदी पर छत्तीसगढ़ का अधिकार बनता है जो मिलना चाहिए। छत्तीसगढ़ के महानदी पर अधिकार को लेकर हम अडिग थे और आज भी अडिग है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की बैठक में यह बात रखा था कि छत्तीसगढ़ या ओडिशा को जो हिस्सा मिलना है उसे ट्रिब्यूनल कब तक पेंडिंग करके रखेगा। नदी को लेकर हमारी योजनाएं भी पेंडिंग है, हमारे डीपीआर बन चुके है। लैंड एक्यूजिशन हो चुके है बजट में प्रावधान भी आ चुके है।

बाईट- रविंद्र चौबे, जल संशाधन मंत्री, छत्तीसगढ़

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
Last Updated : Sep 20, 2019, 7:51 AM IST
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