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Chhattisgarh Election: मतदान से पहले ईवीएम और वीवीपैट का कैसे होता है रेंडमाइजेशन ?

Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग की ओर से शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई. इसमें ईवीएम मशीन संंबंधित कई जानकारियां दी गई. बताया जा रहा है कि मतदान से पहले ईवीएम और वीवीपैट का दो बार रेंडमाइजेशन किया जाता है, ताकि चुनाव में कोई परेशानी न हो.

Chhattisgarh Election 2023
छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 13, 2023, 11:06 PM IST

मतदान से पहले ईवीएम और वीवीपैट का मिलान

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीख पास आते ही चुनावी तैयारियां निर्वाचन आयोग ने तेज कर दी है. निर्वाचन कार्यालय में शुक्रवार को ईवीएम मशीन को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित की गई. बताया जा रहा है कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हर एक मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ वीवीपैट का भी प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बैलेट यूनिट्स, कंट्रोल यूनिट्स और वीवीपैट उपलब्ध है. राज्य में 55 हजार 71 बैलेट यूनिट्स, 35 हजार 424 कंट्रोल यूनिट्स और 41 हजार 613 वीवीपैट उपलब्ध हैं.

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी का रेंडमाइज: इस बारे में सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा ने बताया कि, "मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहली बार इन्हें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और दूसरी बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है. रेंडमाइजेशन और कमिश्निंग की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव में लड़ने वालों को बुलाया जाता है. दोनों रेंडमाइजेशन के बाद ईवीएम और वीवीपैट की रेंडमाइज्ड सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को दी जाती है."

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मतदान से पहले किया जाता है मॉक पोल: चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम और वीवीपैट की कमिश्निंग की जाती है.ये काम चुनाव लड़ने वाले नेताओं की मौजूदगी में किया जाता है. कमिश्निंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपैट में चुनाव चिन्ह लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे. कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपैट में नोटा सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अलावा रेंडम तौर पर चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपैट के पेपर स्लिप से किया जाता है.

बता दें कि मतदान के दिन मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में तीन बार मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान वीवीपैट से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी की ओर से तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लीयर बटन दबाकर मॉक पोल का डॉटा डिलीट किया जाता है. मॉक पोल की वीवीपैट पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है. वहीं, मतदाताओं की सुविधा के लिए ईवीएम पर लगाए जाने वाले बैलट पेपर पर अभ्यर्थियों के फोटोग्राफ भी दिखाए जाते हैं. इसके लिए अभ्यर्थियों को रिटर्निंग ऑफिसर के सामने हाल ही का स्टैंप साइज का फोटोग्राफ पेश करना होता है. हर बार की तरह नोटा का प्रावधान इस बार के चुनाव में भी रहेगा.

मतदान से पहले ईवीएम और वीवीपैट का मिलान

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीख पास आते ही चुनावी तैयारियां निर्वाचन आयोग ने तेज कर दी है. निर्वाचन कार्यालय में शुक्रवार को ईवीएम मशीन को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित की गई. बताया जा रहा है कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हर एक मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ वीवीपैट का भी प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बैलेट यूनिट्स, कंट्रोल यूनिट्स और वीवीपैट उपलब्ध है. राज्य में 55 हजार 71 बैलेट यूनिट्स, 35 हजार 424 कंट्रोल यूनिट्स और 41 हजार 613 वीवीपैट उपलब्ध हैं.

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी का रेंडमाइज: इस बारे में सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा ने बताया कि, "मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहली बार इन्हें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और दूसरी बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है. रेंडमाइजेशन और कमिश्निंग की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव में लड़ने वालों को बुलाया जाता है. दोनों रेंडमाइजेशन के बाद ईवीएम और वीवीपैट की रेंडमाइज्ड सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को दी जाती है."

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मतदान से पहले किया जाता है मॉक पोल: चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम और वीवीपैट की कमिश्निंग की जाती है.ये काम चुनाव लड़ने वाले नेताओं की मौजूदगी में किया जाता है. कमिश्निंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपैट में चुनाव चिन्ह लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे. कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपैट में नोटा सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अलावा रेंडम तौर पर चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपैट के पेपर स्लिप से किया जाता है.

बता दें कि मतदान के दिन मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में तीन बार मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान वीवीपैट से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी की ओर से तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लीयर बटन दबाकर मॉक पोल का डॉटा डिलीट किया जाता है. मॉक पोल की वीवीपैट पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है. वहीं, मतदाताओं की सुविधा के लिए ईवीएम पर लगाए जाने वाले बैलट पेपर पर अभ्यर्थियों के फोटोग्राफ भी दिखाए जाते हैं. इसके लिए अभ्यर्थियों को रिटर्निंग ऑफिसर के सामने हाल ही का स्टैंप साइज का फोटोग्राफ पेश करना होता है. हर बार की तरह नोटा का प्रावधान इस बार के चुनाव में भी रहेगा.

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