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किसान आंदोलन और मुआवजा राशि को लेकर सदन में रमन का सरकार पर गंभीर आरोप, कहा-दिख गया किसान हितैषी चेहरा

नवा रायपुर के किसान आंदोलन और किसान की मौत मामले में विधानसभा में स्थगन पेश किया गया. मामले को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

Raman serious allegation on the government
रमन का सरकार पर गंभीर आरोप
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Published : Mar 14, 2022, 7:44 PM IST

रायपुर : विधानसभा बजट सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों ने सदन में नवा रायपुर के किसान आंदोलन ( Farmer movement) और किसान की मौत (farmer death) का मामला उठाया. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा और धर्मजीत सिंह ने इस मामले को लेकर हंगामा किया. बीजेपी के अलावा बसपा और जनता कांग्रेस ने भी अपनी बात रखी.

रमन का सरकार पर गंभीर आरोप

विपक्ष ने सवाल उठाया कि किसान सियाराम (Farmer siyaram) की मौत के लिए जवाबदार कौन है? किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. 27 गांव के किसान 70 दिनों से आंदोलन पर बैठे हैं. राहुल गांधी से मिलने नहीं दिया गया. लाठी चार्ज किया गया. बेरहमी से पुलिस ने लाठियों से पीटा. वहीं उत्तर प्रदेश के किसानों को 50 लाख का मुआवजा दिया. जबकि छत्तीसगढ़ के किसानों को मात्र 4 लाख रुपए, ये कहां का इंसाफ है. विपक्ष ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बघेल पंजाब-दिल्ली के किसान आंदोलन में टेंट लगवा रहे थे. छत्तीसगढ़ से चावल भेज रहे थे, लेकिन यहां के किसानों की कोई सुध नहीं ली. यही है किसान हितैषी सरकार का असली चेहरा.

ये भी पढ़ें- जब रमन सिंह सीएम थे, तब उन्हें किसानों की सुध नहीं आई- सीएम बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर आरोप (Raman singh serious allegation on the government) लगाया कि उनकी संवेदना छत्तीसगढ़ में नहीं है. लखीमपुर में जाकर वहां के किसानों के लिए 50 लाख देते हैं, जहां उन्हें तकलीफ नहीं होती है. छत्तीसगढ़ में किसी किसान की मौत होती है तो उसे 4 लाख दिए जाते हैं. डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में पिछले 3 सालों में 600 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. कांग्रेस सरकार अपने आपको किसान हितैषी बता रही है.

आज नवा रायपुर में आंदोलनरत किसानों को चारों तरफ से घेरकर बांध दिया गया है. किसान रैली निकालते हैं तो इसमें उनकी मौत हो जाती है.आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है. सरकार ने इतने लंबे समय तक आंदोलन चलने के बाद भी किसानों से कभी सार्थक चर्चा और बातचीत नहीं की. यही वजह है कि किसान आंदोलनरत हैं. रमन सिंह ने कहा कि यदि यह मौत सरकार की लापरवाही की वजह से हुई है तो अपराधिक मामला उन अधिकारियों पर जरूर दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने रिकॉर्ड में हेराफेरी की है.

रायपुर : विधानसभा बजट सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों ने सदन में नवा रायपुर के किसान आंदोलन ( Farmer movement) और किसान की मौत (farmer death) का मामला उठाया. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा और धर्मजीत सिंह ने इस मामले को लेकर हंगामा किया. बीजेपी के अलावा बसपा और जनता कांग्रेस ने भी अपनी बात रखी.

रमन का सरकार पर गंभीर आरोप

विपक्ष ने सवाल उठाया कि किसान सियाराम (Farmer siyaram) की मौत के लिए जवाबदार कौन है? किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. 27 गांव के किसान 70 दिनों से आंदोलन पर बैठे हैं. राहुल गांधी से मिलने नहीं दिया गया. लाठी चार्ज किया गया. बेरहमी से पुलिस ने लाठियों से पीटा. वहीं उत्तर प्रदेश के किसानों को 50 लाख का मुआवजा दिया. जबकि छत्तीसगढ़ के किसानों को मात्र 4 लाख रुपए, ये कहां का इंसाफ है. विपक्ष ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बघेल पंजाब-दिल्ली के किसान आंदोलन में टेंट लगवा रहे थे. छत्तीसगढ़ से चावल भेज रहे थे, लेकिन यहां के किसानों की कोई सुध नहीं ली. यही है किसान हितैषी सरकार का असली चेहरा.

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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर आरोप (Raman singh serious allegation on the government) लगाया कि उनकी संवेदना छत्तीसगढ़ में नहीं है. लखीमपुर में जाकर वहां के किसानों के लिए 50 लाख देते हैं, जहां उन्हें तकलीफ नहीं होती है. छत्तीसगढ़ में किसी किसान की मौत होती है तो उसे 4 लाख दिए जाते हैं. डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में पिछले 3 सालों में 600 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. कांग्रेस सरकार अपने आपको किसान हितैषी बता रही है.

आज नवा रायपुर में आंदोलनरत किसानों को चारों तरफ से घेरकर बांध दिया गया है. किसान रैली निकालते हैं तो इसमें उनकी मौत हो जाती है.आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है. सरकार ने इतने लंबे समय तक आंदोलन चलने के बाद भी किसानों से कभी सार्थक चर्चा और बातचीत नहीं की. यही वजह है कि किसान आंदोलनरत हैं. रमन सिंह ने कहा कि यदि यह मौत सरकार की लापरवाही की वजह से हुई है तो अपराधिक मामला उन अधिकारियों पर जरूर दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने रिकॉर्ड में हेराफेरी की है.

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