रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत (politics of chhattisgarh) में बयानबाजी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. जहां एक ओर सीएम भूपेश बघेल(Chief Minister Bhupesh Baghel) भाजपा पर लगातार कई मुद्दों को लेकर तंज कसते नजर आ रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने भूपेश बघेल को नसीहत दे (Raman Singh gave advice to CM Baghel) डाली, कि वो प्रदेश यानी कि छत्तीसगढ़ की बात करें. बिहार-यूपी की नहीं.
दरअसल, आंगनबाड़ी सहायिका विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी, उनके इस प्रदर्शन में शामिल होने को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पहुंचे. उनके साथ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी सहायिकाओं की मांगों (demands of anganwadi helpers) को जायज ठहराते हुए सरकार से उसे पूरा करने की मांग की.
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रमन सिंह की भूपेश बघेल को नसीहत (Raman Singh advice to Bhupesh Baghel)
रमन सिंह ने कहा कि आज आंगनवाड़ी सहायिका और ready-to-eat के लोग धरने पर बैठे हुए हैं. इस कांग्रेस सरकार ने 3 साल पहले जो वादा किया था, उसे अब वे भूल गए हैं. आज लाखों कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं, या तो घोषणा नहीं करना था या वादा ही नहीं करना था. झूठे वादे कर वोट लेने वाली सरकार सत्ता में आने के बाद वादे भूल गई. इसलिए आज आंदोलन की स्थिति है. डॉ रमन ने कहा कि हमने लगातार ready-to-eat स्कीम में महिलाओं को काम दिया. हमारी नीति थी ये तो प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ रहे है. छत्तीसगढ़ में हमने नियम और नीति बनाई.इसके साथ ही उन्होंने नसीहत के तौर पर कहा कि भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश, बिहार की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बात करें तो अच्छा रहेगा.
10 दिसंबर से जारी है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल
गौर हो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संयुक्त मंच के बैनर तले 10 दिसंबर से हड़ताल पर चले गए हैं. इनके द्वारा बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाकर उनका ₹18000 प्रतिमाह किया जाए. उनकी एक अन्य मांग यह भी है कि कोरोनाकाल में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाए.वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6500 रुपये मानदेय दिया जाता है, जिसमें 4500 केंद्र सरकार और 2000 रुपये राज्य सरकार भुगतान करती है.