रायपुर: राखी के त्यौहार पर इस बार भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी बहनें अपने हाथों से जेल के अंदर बंद भाइयों की कलाई पर राखी (rakshabandhan 2022) नहीं बांध पा रही हैं. सुरक्षा के लिहाज से बंदियों को वीडियो कॉलिंग और प्रिजन कॉलिंग से बात कराने की सुविधा उपलब्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना काल के पहले बंदी भाइयों को बहनें जेल के अंदर जाकर राखी बांधती थी. लेकिन पिछले दो सालों की तरह ही इस बार भी बहनों को केंद्रिय जेल रायपुर (central jail raipur) में बंद भाइयों के हाथों पर राखी बांधने से रोका (Sisters in queue to send Rakhi to brothers in Central Jail Raipur) गया है. यही वजह है कि बहनें जेल के अंदर राखी भेजने के लिए सुबह से ही जेल परिसर के बाहर लाईन में खड़ी हैं.
प्रिजन कॉलिंग और वीडियो कॉलिंग से कराई जा रही है बात : केंद्रीय जेल रायपुर के जेलर उत्तम पटेल ने बताया "रक्षाबंधन पर्व के दिन बंदी परिजन मुलाकात हेतु प्रिजन कॉलिंग और वीडियो कॉलिंग की सुविधा जेल प्रबंधन के द्वारा उपलब्ध कराई गई है. इस बार भी बहनों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. सुबह से ही बहनें जेल परिसर के बाहर राखियां जमा करा रही हैं ताकि वह रखी उनके भाई तक पहुंचाई जा सके. अब तक 295 रखियों को जमा किया गया है. राखियों को सैनिटाइज कर जेल के अंदर भेजा जा रहा है. रक्षाबंधन के मौके पर कैदियों के हाथ खाली ना रहे इसके लिए जेल प्रबंधन ने ही राखी खरीद कर सभी में बांट दी है.