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Raksha Bandhan 2021: भाई को राखी बांधने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

भाई- बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी रविवार 22 अगस्त को मनाया जाएगा. यह त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत है. यह पारिवारिक पर्व जीवन को नए आयाम प्रदान करता है.

Raksha Bandhan 2021
भाई को राखी बांधने से पहले जानें मौली धागे की विशेषता
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Published : Aug 21, 2021, 7:27 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 8:50 PM IST

रायपुर: भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कल 22 अगस्त को मनाया जाएगा. यह त्यौहार हमारी सांस्कृतिक और विरासत है. यह पारिवारिक पर्व जीवन को नए आयाम प्रदान करता है, शोभन योग मातंग योग बालव करण और कुंभ राशि में अति शुभ गजकेसरी योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. यह सावन की पूर्णिमा भी है. इसके साथ ही सावन मास का समापन हो जाएगा. संपूर्ण श्रावण मास अनेक त्यौहार तीज और शुभ कार्यों के लिए प्रसिद्ध है.

भाई को राखी बांधने से पहले जानें मौली धागे की विशेषता

रक्षाबंधन में मौली धागा ही पवित्र रक्षा सूत्र

रायपुर के योग गुरु विनीत शर्मा का कहना है कि प्रात: काल सुबह उठकर बहनें स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अपनी थाली को सजा कर भाइयों के लिए मंगल गीत गाते हुए इस त्यौहार को मनाती हैं. बहनों की थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन अक्षत दीपक फूल और मौली धागा अवश्य रहना चाहिए. मौली धागा ही पवित्र रक्षा सूत्र माना गया है. इसे ही भाइयों को धारण करना चाहिए. मौली धागा धारण करने का विशेष मंत्र भी है. 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' और गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधना चाहिए. सुबह 5:48 से लेकर सूर्यास्त 6:24 तक राखी का बंधन या रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है.

रक्षाबंधन पर न भद्रा की झंझट न ग्रहण की छाया, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

शश योग और धनिष्ठा नक्षत्र में पड़ रहा है रक्षाबंधन का पर्व

इस बार का रक्षाबंधन त्यौहार शश योग धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सबसे उच्च कोटि के योग चंद्रमा गुरू की युति जो कि गजकेसरी योग कहलाती है. इसमें मनाया जाएगा. पूजा-पाठ अभिषेक यज्ञ और शुभ कार्यों के लिए यह पूरा दिन विशेष महत्व का है. इस दिन उपवास करना भी उत्तम पक्षकारी माना गया है.

देवताओं की मुक्ति के लिए महालक्ष्मी ने बलि को बांधी थी राखी

ज्योतिषाचार्य अरुणेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाएगा. यह तिथि 22 अगस्त रविवार को है. रक्षाबंधन भारतीय सनातन परंपरा का सबसे पुराने त्योहारों में से एक माना जाता है. माता महालक्ष्मी ने देवताओं की मुक्ति के लिए बली को राखी बांधी थी. तब से यह त्यौहार रक्षाबंधन के रूप में मनाया जा रहा है. यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को बल देता है और एक दूसरे की रक्षा को समर्पित होता है.

रायपुर: भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कल 22 अगस्त को मनाया जाएगा. यह त्यौहार हमारी सांस्कृतिक और विरासत है. यह पारिवारिक पर्व जीवन को नए आयाम प्रदान करता है, शोभन योग मातंग योग बालव करण और कुंभ राशि में अति शुभ गजकेसरी योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. यह सावन की पूर्णिमा भी है. इसके साथ ही सावन मास का समापन हो जाएगा. संपूर्ण श्रावण मास अनेक त्यौहार तीज और शुभ कार्यों के लिए प्रसिद्ध है.

भाई को राखी बांधने से पहले जानें मौली धागे की विशेषता

रक्षाबंधन में मौली धागा ही पवित्र रक्षा सूत्र

रायपुर के योग गुरु विनीत शर्मा का कहना है कि प्रात: काल सुबह उठकर बहनें स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अपनी थाली को सजा कर भाइयों के लिए मंगल गीत गाते हुए इस त्यौहार को मनाती हैं. बहनों की थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन अक्षत दीपक फूल और मौली धागा अवश्य रहना चाहिए. मौली धागा ही पवित्र रक्षा सूत्र माना गया है. इसे ही भाइयों को धारण करना चाहिए. मौली धागा धारण करने का विशेष मंत्र भी है. 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' और गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधना चाहिए. सुबह 5:48 से लेकर सूर्यास्त 6:24 तक राखी का बंधन या रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है.

रक्षाबंधन पर न भद्रा की झंझट न ग्रहण की छाया, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

शश योग और धनिष्ठा नक्षत्र में पड़ रहा है रक्षाबंधन का पर्व

इस बार का रक्षाबंधन त्यौहार शश योग धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सबसे उच्च कोटि के योग चंद्रमा गुरू की युति जो कि गजकेसरी योग कहलाती है. इसमें मनाया जाएगा. पूजा-पाठ अभिषेक यज्ञ और शुभ कार्यों के लिए यह पूरा दिन विशेष महत्व का है. इस दिन उपवास करना भी उत्तम पक्षकारी माना गया है.

देवताओं की मुक्ति के लिए महालक्ष्मी ने बलि को बांधी थी राखी

ज्योतिषाचार्य अरुणेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाएगा. यह तिथि 22 अगस्त रविवार को है. रक्षाबंधन भारतीय सनातन परंपरा का सबसे पुराने त्योहारों में से एक माना जाता है. माता महालक्ष्मी ने देवताओं की मुक्ति के लिए बली को राखी बांधी थी. तब से यह त्यौहार रक्षाबंधन के रूप में मनाया जा रहा है. यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को बल देता है और एक दूसरे की रक्षा को समर्पित होता है.

Last Updated : Aug 21, 2021, 8:50 PM IST
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