रायपुर: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के राजिम में मंगलवार को आयोजित किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) और बलदेव सिंह राय शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में तीन काले किसान कानूनों (Three Black Farmers Law) पर चर्चा की गई. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के तमाम किसान नीतियों पर भी चर्चा की गई. आज प्रेस क्लब में किसान नेता से मिलन कार्यक्रम ऑर्गेनाइज किया गया था. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर ( Modi government ) जम कर निशाना साधा.
मोदी सरकार बेच रही देश की संपत्ति
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान महासभा की बैठक (Farmer's Meeting) छत्तीसगढ़ में हुई. सबका साथ हमें मिला. उनका भी धन्यवाद करता हूं. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीने से हर अखबर, मीडिया और डिजिटल में छपी है. कानूनों से नुकसान किसका हुआ. एमएसपी की गारंटी जब तक भारत सरकार नहीं देगी, पूरे देश के किसानों को लाभ नहीं मिलेगा. हम लोग आगे भी प्रदर्शन करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह आधे रेट में अपनी फसल को बेच रहे है. सब्जियों और दुध पर भी एमएसपी (MSP) और युवाओं को रोजगार (Employment To Youth) भी चाहिए. जिस वजह से विकास पूर्ण रूप से 7 साल से रुका हुआ है. देश का नौजवान भी यही बोल रहा है कि सरकार जनता के साथ तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है. कहा कि किसान पिछले 10 महीने से वहां पर बैठा हुआ है. उसने सर्दी, गर्मी और बरसात झेली है. वह आज बहुत थक चुका है. सरकार के गलत आरोह से किसानों को तरह-तरह के नाम से पुकारा गया. किसानों का अपमान किया गया. सरकार जब तक तीन काले कानून वापसी नहीं करेगी, तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे.
बंदूक की ताकत पर राज करना चाहती है सरकार
बंदूक की ताकत पर देश पर राज करना चाहते हैं. जब तक सरकार इन किसान, मजदूर और नौजवानों से इन मसलों पर बातचीत नहीं करेगी. देश का किसान दिल्ली को छोड़ने वाला नहीं है. पूरे देश में हम बैठके करेंगे. पूरे देश में हम जा रहे हैं. देश का पूरा किसान और दुकानदार सब जुड़े हुए हैं. बहुत से कानून यह लेकर आना चाहते हैं. हम पुरजोर तरीके से इसका विरोध करते रहेंगे.
राकेश टिकैट ने कहा कि एमएसपी पक्की गारंटी कानून चाहिए. 22 जनवरी से भारत सरकार ने कोई बातचीत नहीं की. देश के सामने भारत सरकार मीडिया से झूठ बोलती है कि हम बातचीत कर रहे हैं. किसान बातचीत नहीं कर रहा. भारत सरकार शर्त पर बातचीत करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कानून वापसी नहीं होगी और कोई प्रपोजल हो तो आप दे सकते हैं. इसका मतलब प्रस्तावना पहले लिख कर सिर्फ किसानों को हस्ताक्षर करने के लिए बुलाना चाहते हैं. देश का किसान हस्ताक्षर करने नहीं जाएगा.
मोदी सरकार को चलाती हैं प्राइवेट कंपनियां
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार तीन काले कृषि कानून लाई है. मोदी सरकार को प्राइवेट कंपनियां चलाती है. सरकार पूरे देश को डिजिटल कर रही है. हमें भी डिजिटल करे. हम भी डिजिटल होना चाहते हैं. पिछले 60 सरकारों ने जो काम किया था. भाजपा सरकार उसे बेचने में लगी है. यह कानून 2012 में कांग्रेस ने लाना चाहा था लेकिन भाजपा ने इसका विरोध किया था. इस पर बहस हुई थी और हमने भी उस दौरान इस कानून का विरोध किया था. आज वहीं भाजपा मनमाने तरीके से तीन कानून को लाई है और जनवरी के बाद से अब तक हमारे साथ प्रधानमंत्री ने चर्चा नहीं किया. प्रधानमंत्री हमसे कभी चर्चा करने नहीं आते.